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शहर को तलाश है व्यवस्थित पार्किंग जोन की

छपरा(नगर) : शहर में आये दिन लगने वाली सड़क जाम की समस्या प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी एक चुनौती बनती जा रही है. शहर की सड़कों पर दिन के समय वाहनों की चहल-पहल बढ़ते ही जा रही है. चौक-चौराहों और प्रमुख बाजारों के पास जिस कदर बड़ी संख्या में वाहन पार्क किये […]

छपरा(नगर) : शहर में आये दिन लगने वाली सड़क जाम की समस्या प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी एक चुनौती बनती जा रही है. शहर की सड़कों पर दिन के समय वाहनों की चहल-पहल बढ़ते ही जा रही है. चौक-चौराहों और प्रमुख बाजारों के पास जिस कदर बड़ी संख्या में वाहन पार्क किये जा रहे हैं, देखकर ऐसा लगता है जैसे शहर में इंसानों से ज्यादा वाहनों की संख्या बढ़ गयी है.

प्रभात खबर ने वर्किंग डे को शहर के अलग-अलग इलाकों का सर्वे किया और इसके बाद जो स्थिति सामने आयी वह आश्चर्यजनक थी. शहर के नगरपालिका चौक, थाना चौक, पंकज सिनेमा रोड, साहेबगंज रोड, हथुआ मार्केट, योगिनिया कोठी रोड, श्रीनंदन पथ, थाना रोड, गुदरी बाजार, सलेमपुर रोड आदि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लगभग 3300 मोटरसाइकिल सड़क किनारे खड़ी मिली, वहीं इन्हीं क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 150 के आसपास चारपहिया वाहन दिन के व्यस्ततम समय में सड़क के आसपास बेतरतीब ढंग से पार्क की गयी थीं. छपरा नगर निगम के अंतर्गत एक भी व्यवस्थित पार्किंग जोन नहीं है.

सलेमपुर में एक पार्किंग जोन बनाया गया है, पर यहां स्पेस की कमी से बमुश्किल सौ से डेढ़ सौ वाहनों को ही पार्क किया जा सकता है. फिलहाल पार्किंग जोन बंद है, क्योंकि यहां दुर्गापूजा का पंडाल बन रहा है. वहीं दूसरा पार्किंग जोन नगरपालिका चौक सुधा पार्लर के पीछे बनाया गया है. हालांकि यहां पार्किंग जोन है, इसकी ज्यादा लोगों को जानकारी भी नहीं है क्योंकि यह मुख्य बाजार से अलग-थलग है. ऐसे में यहां भी वाहन पार्क करने में लोग असहज महसूस करते हैं. वैसे दोनों ही पार्किंग जोन नगर निगम के अंतर्गत कार्य करते हैं और इसका टेंडर भी हर वर्ष होता है. शहर के अन्य किसी भी क्षेत्र में पार्किंग जोन नहीं है.

जगह के अभाव प्रमुख कारण : कई बार तो लोगों के सामने अपने वाहन को सुरक्षित पार्क करना किसी चुनौती से कम नहीं होता. सरकारी कार्यालय या बाजारों में किसी जरूरी काम से आनेवाले लोगों को काफी वक्त लग जाता है, एक ढंग का जगह ढूंढने में. इसके दो कारण हैं. एक तो शहर में पार्किंग स्पेस की कमी और दूसरा सड़क किनारे लगनेवाले दुकानदारों का अतिक्रमण. मजबूरी में लोग सड़कों पर बेतरतीब ढंग से अपनी दोपहिया और चारपहिया वाहन खड़े कर देते हैं और जाम की स्थिति बन जाती है. चाहे सामान्य दिन हो या व्रत त्योहारों का समय, यह समस्या शहरवासियों के लिए आम बात हो गयी है. जब लोगों को अपना वाहन पार्क करने के लिए कोई जगह नहीं मिलती है, तो मजबूरी में उन्हें सारण समाहरणालय के बड़े परिसर में या फिर जिला डाक कार्यालय में किसी तरह गाड़ियों को एडजस्ट करना पड़ता है. पहले छपरा व्यवहार न्यायालय के प्रांगण में भी अधिकतर वाहनों को पार्क किया जाता था, पर सुरक्षा कारणों से यहां सामान्य वाहनों के पार्किंग पर रोक लगा दी गयी है. अब यहां सिर्फ न्यायालय से जुड़े लोगों को ही वाहन पार्क करने की अनुमति दी गयी है. लिहाजा रोजाना सैकड़ों की संख्या में वाहन न्यायालय के मुख्य इंट्रेंस के बाहर सड़क पर ही लगायी जाती हैं.
दो वर्षों में हुआ सात हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन
लोगों में वाहनों के प्रति बढ़ता शौक ही है कि गत दो वर्षों में जिले में लगभग सात हजार वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. इन वाहनों में मोटरसाइकिलों की संख्या सर्वाधिक है. वहीं ऑटो रिक्शा व चारपहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ी है. जिला परिवहन विभाग में हर माह औसतन दो सौ से ढाई सौ छोटी-बड़ी वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है.
क्या कहती हैं मेयर
शहर के व्यस्ततम इलाकों में जल्द ही पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए टेंडर भी निकाला जायेगा.
प्रिया देवी , मेयर, छपरा नगर निगम
बोले ट्रैफिक इंचार्ज
अभियान चलाया जायेगा, जिसके तहत अतिक्रमण हटाने का कार्य होगा, साथ ही बेतरतीब ढंग से खड़े वाहनों का चालान काटा जायेगा.
नीलमणी रंजन , ट्रैफिक इंस्पेक्टर

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