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राशि निकासी के लिए जद्दोजहद

नोटबंदी. वेतन व पेंशन रािश के लिए बैंक में उमड़ी ग्राहकों की भीड़ डाकघरों में शाम तक रुपये की राह देखते रहे लोग समस्तीपुर : नोटबंदी के बाद वेतन व पेंशन की राशि के लिये कर्मचारियों की जद्दोजहद एक बार फिर शुरू हो गयी है. नवंबर माह के वेतन भुगतान के लिए जब लोग बैंक […]

नोटबंदी. वेतन व पेंशन रािश के लिए बैंक में उमड़ी ग्राहकों की भीड़

डाकघरों में शाम तक रुपये की राह देखते रहे लोग
समस्तीपुर : नोटबंदी के बाद वेतन व पेंशन की राशि के लिये कर्मचारियों की जद्दोजहद एक बार फिर शुरू हो गयी है. नवंबर माह के वेतन भुगतान के लिए जब लोग बैंक पहुंचें, तो नोटों की वहीं समस्या एक बार फिर उनके जेब पर दस्तक दी. खाते में राशि रहने के बाद कर्मचारियों की समस्या जस-की-तस बरकरार है. पहली तारीख को कर्मचारी जब वेतन की राशि लेने पहुंचे तो उन्होंने सिर्फ लंबी कतारों का समाना करना पड़ा वरन नियमों की समस्या भी उनके आड़े आयी.
नतीजा यह हुआ कि कई कर्मचारी खाली हाथ बैंकों से लौट रहे थे. वहीं डाक घरों की हालात सबसे बेकार है. यहां तो रोजाना खरीद बिक्री के राजस्व से भुगतान की व्यवस्था की जा रही है.
स्टेट बैंक ने 1.90 करोड़ का किया भुगतान : भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में पहली तारीख को 400 वेतन भोगी व 200 पेंशनधारकों केे बीच 1.90 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया. वहीं स्टेट बैंक में भी नोटों की समस्या आड़े आ रही है. इस बाबत एजीएम केके सिंह ने बताया कि वेतनधारक व पेंशनधारक की राशि की निकासी की सीमा पर किसी तरह की ढील मिलती नहीं दिखाई दे रही है. बैंक में फिलहाल राशि की समस्या है. इसे दूर करने के लिए इसे बगल के जिलों के करेंसी चेस्ट से जोड़ दिया गया है. इससे कुछ राशि मिल सके. बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में करेंसी उपलब्ध नहीं है. 15 करोड़ की करेंसी उपलब्ध हुई थी. इसेे स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से जुड़े 46 शाखाओं व डाक घरों को उपलब्ध कराया गया है. हालांकि, प्रधान डाकघर की डिमांड को बैंक पूरा नहीं कर पा रहा है.
शाखा डाकघरों में नहीं मिला वेतन : डाक विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को तो वेतन व पेंशन की राशि का भुगतान नहीं हो सका है. प्रधान डाकघर में जहां गुरुवार को स्टांप बिक्री, रजिस्ट्री आदि से जो राशि उपलब्ध हुई थी, उससे कर्मचारियों के वेतन व पेंशन की राशि का भुगतान किया गया. प्रधान डाकघर की ओर से एक करोड़ की राशि का डिमांड एसबीआइ को भेजा गया है, जबकि इसे दस लाख की राशि ही उपलब्ध करायी गयी है. वहीं शाखा डाक घरों की हालात तो और भी खराब है, यहां तो बचत खाता के भुगतान के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं हो रही है. ऐसे में वेतन व पेंशन तो दूर की बात है. जनसंपर्क निरीक्षक शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि शाखा डाक घरों में राशि की कमी बरकरार है.
मैनेजर ने किया शाखाओं का निरीक्षण : एसबीआइ के रीजनल मैनेजर कुंदन ज्योति ने गुरुवार को बैंक की चार शाखाओं का निरीक्षण किया. वेतन एवं पेंशन भुगतान को लेकर बैंकों में की गयी व्यवस्था एवं भीड़ को नियंत्रित करने की दिशा में उठाये गये कदमों की जानकारी ली. इसके अलावा शहर के छह एटीएम का उन्होंने जायजा भी लिया. जो भी एटीएम खराब हैं, उसे शीघ्र ठीक कराने की बात कही.
नियमों में ढील की नहीं दिख रही कोई उम्मीद

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