महापर्व . छठ के गीतों से गूंजने लगे शहर व गांव की गलियां
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नहाय खाय कल, तैयारी शुरू
महापर्व . छठ के गीतों से गूंजने लगे शहर व गांव की गलियां समस्तीपुर : छठी मइया के गीतों से गांव से लेकर शहर तक गुंजायमान हो रहा है. आप जिधर जायें उधर ही आपको छठ गीत बजते सुनायी पड़ेंगे. चाहे वह शहर हो या गांव. हर जगह छठ गीतों से महापर्व छठ की भक्ति […]
समस्तीपुर : छठी मइया के गीतों से गांव से लेकर शहर तक गुंजायमान हो रहा है. आप जिधर जायें उधर ही आपको छठ गीत बजते सुनायी पड़ेंगे. चाहे वह शहर हो या गांव. हर जगह छठ गीतों से महापर्व छठ की भक्ति में लोग सराबोर होने लगे हैं. मारबौ रे सुगवा धनुष से, सुगा गिरे मुरछाय, सुगा गिरे…, कांच ही बांस के बहंगियां, बहंगी लचकत जाये…, उग उग हो सुरूजदेव, भेल अरघ के बेर… जैसी छठ गीतें आपको हर जगह सुनायी पड़ेगी. बिहार के महापर्व के रूप में शुमार छठ बड़े पैमाने पर किया जाता है.
चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की तैयारी दीपावली के अगले दिन से ही शुरू हो जाती है. गांवों में चूल्हा बनाने के लिये मिट्टी लाया जाता है. फिर जहां पर इसे बनाया जाता है वहां पर काफी साथ सुथरा करके उसे पवित्र किया जाता है. फिर चूल्हा तैयार कर उसे धूप में सुखाया जाता है. इसी चूल्हे पर छठ का प्रसाद तैयार होता है. चूल्हा बनाने के समय से जो छठ गीत शुरू होता है, वह भगवान सूर्य को सुबह का अर्घ देने के बाद ही समाप्त होता है. शाम के समय में महिलाएं एक साथ बैठकर छठी मइया की गीतें गाकर उनका मनुहार करती हैं.
बस-टेंपो में भी सुनायी पड़ रहे छठ गीत
छठ पर्व की महत्ता एवं इसकी व्यापकता इसी से मापी जा सकती है कि दीपावली के बाद से बस एवं टेंपो में भी छठ गीत बजते मिल जायेंगे. छठ गीत सुनकर लोग आनंदित होते हैं. पहले लोग विभिन्न लोक गायक एवं गायिकाओं का कैसेट लेकर बजाते थे. अब तो मोबाइल पर डाउनलोड कर सुबह में इसे जरूर अपने घरों में बजाया जाता है. वैसे छठ मइया से संबंधित ऑडियो एवं वीडियो कैसेट की बिक्री के साथ साथ डाउनलोड कर खूब बेचा जा रहा है.
बाजार में उमड़ने लगी खरीदारों की भीड़ : छठ पर्व के अवसर पर पूजा सामग्रियों की खरीदारी करने को लेकर लोगों की भीड़ बाजारों में उमड़ने लगी है. समस्तीपुर शहर की तो यह स्थिति हो गयी है कि दिनभर छठ की खरीदारी करने वालों से बाजार में गहमागहमी का आलम बना रहता है. सुप दउरा से लेकर नारियल, नींबू, सेव, संतरा तक की खूब खरीदारी हो रही है. घी, डालडा , तेल, मैदा, सुज्जी के साथ साथ नारियल, छोहारा, किसमिस समेत अन्य सामानों की बिक्री भी बढ़ी है. कपड़ों की दुकानों पर भीड़ सुबह से लेकर रात तक रहती है. रेडिमेड कपड़े हो या फिर साड़ी, सूट आदि, खूब बिक्री हो रही है. जूते चप्पलों की दुकानों पर भी खूब भीड़ दिख रही है.
चूड़ी, लहठी की दुकानें भी हैं गुलजार : छठ पूजा करने वाले व्रती हो या फिर अन्य महिलाएं. छठ के दौरान नयी नयी चुड़ियां एवं लहठी पहनती हैं. खासकर छठ व्रती लहठी पहनकर ही व्रत करती हैं. ऐसे में चुड़ी लहठी की बिक्री भी खूब हो रही है. महिलाओं की भीड़ इन दुकानों पर उमड़ने लगी है.
घाटों पर गंदगी का अंबार : मोरवा के अधिकांश घाटों पर गंदगी का अंबार लगा है. मरिचा, केशो नारायणपुर, धर्मपुर बंदे समेत दर्जन भर पंचायत के घाटों पर कुव्यवस्था का आलम है व छठ व्रती को इससे परेशानी ही सकती है. इस बाबत बीडीओ राजीव कुमार ने बताया कि छठव्रतियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसपर पूरा ध्यान दिया जा रहा है.
सफाई का बाट जोहता बीआरपी काॅलेज का छठ घाट.
छठ के लिए सूप की खरीदारी करतीं महिलाएं.
आज होगी कद्दू की खूब बिक्री
महापर्व की शुरुआत नहाय खाय से शुरू होती है. शुक्रवार को नहाय खाय है. शनिवार को खरना होगा. रविवार को संध्या अर्घ दिया जायेगा, जबकि सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद छठ संपन्न होगा. छठ व्रत करने वाले व्रती नहाय खाय के दिन भात एवं कद्दू की सब्जी जरूर खाते हैं. इस वजह से नहाय से एक दिन पहले कद्दू की बिक्री खूब होती है. नहाय के दिन से ही छठ व्रती पूरी तरह से व्रत में लीन हो जाती है. नहाय खाय के दिन ही प्रसाद के लिये गेहूं को बढ़िया ढंग से साफ कर एवं उसे धो कूट कर सुखाया जाता है. उसी से प्रसाद तैयार किया जाता है.
बीआरबी कॉलेज घाट की नहीं हुई सफाई
शहर के बीआरबी कॉलेज परिसर में स्थित छठ घाट की साफ-सफाई अब तक नहीं करायी गयी है. इस घाट पर गंदगियों का अंबार लगा हुआ है. छठ पूजा करने वाले लोग चिंतित हैं. नगर परिषद क्षेत्र में ही यह पड़ता है. नगर परिषद द्वारा अब तक बीआरबी कॉलेज घाट की साफ-सफाई नहीं करायी गयी है. बता दें कि बड़ी संख्या में यहां पर लोग छठ पूजा करने के लिए आते हैं.
खासकर मोहनपुर, आदर्शनगर, आजादनगर, बारहपत्थर से लेकर खरीदाबाद मोहल्ले के लोग इसी घाट पर छठ पूजा करते हैं. बीआरबी कॉलेज स्थित तालाब में घाट पहले से बना हुआ है. पर उसकी साफ-सफाई का कार्य अभी तक शुरू नहीं किया गया है.
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