समस्तीपुरः एक बार फिर बिजली महंगी होने वाली है. बिजली कंपनियों ने अपने घाटे की भरपाई करने को लेकर अगले वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए खुदरा बिजली दरों को 46 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है.
डीजीएम वीरेंद्र प्रसाद के मुताबिक गुरुवार की देर शाम तक टैरिफ का प्रस्ताव बिहार विद्युत विनियामक आयोग (रेग्यूलेटरी कमीशन) को भेजना था, लेकिन विलंब होने के कारण अब शुक्रवार को मुहर्रम की छुट्टी होने के बावजूद बिजली कंपनियों के प्रतिनिधि प्रस्तावित टैरिफ को रेग्यूलेटरी कमीशन में जमा कर देंग़े इसके बाद रेग्यूलेटरी कमीशन प्रस्ताव पर अध्ययन करेगा. फिर सूबे के शहरों में तीन महीने तक जन सुनवाई की जायेगी.
इस दौरान आम उपभोक्ताओं का पक्ष सुनने के बाद रेग्यूलेटरी कमीशन मार्च 2013 में अगले वित्तीय वर्ष के लिए नयी दरों की घोषणा करेगा. हर साल 15 नवम्बर को प्रस्तावित टैरिफ कमीशन में जमा कर दिया जाता है. बिजली कंपनियों ने पिछले वर्ष 2013- 14 के लिए खुदरा बिजली की दरों में 58. 4 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. जिसे रेग्यूलेटरी कमीशन ने कम करते हुए दरों में 6. 9 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
इसके पहले वर्ष 2012- 13 के लिए 50 फीसदी बढ़ाने के प्रस्ताव पर कमीशन ने जन सुनवाई के बाद मात्र 12. 1 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसी तरह 2010 में खुदरा बिजली की दरों में मात्र पांच पैसे की वृद्घि हुई थी. जबकि वर्ष 2011 में खुदरा बिजली दरों में 19 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी थी. यानी पिछले तीन वित्तीय वषों में छह से 19 फीसदी के बीच बिजली दरों में वृद्घि हो चुकी है.