समस्तीपुर : अभी भोर की पौ पूरी तरह फटी भी नहीं होगी काशीपुर स्थित भाजपा जिला कार्यालय पर मोदी की परिवर्तन रैली में जाने के लिए कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया. कार्यालय का ताला अभी बंद था जिससे वहां खड़े नेताओं की नजर बार बार सड़कों पर उचट जा रही थी. जैसे ही पार्टी के मीडिया प्रभारी सुमन कुमार पहुंचे कार्यालय का ताला खुला और कार्यकर्ताओं ने एक बार भाजपा सरकार का नारा लगा कर खुद के साथ जत्थे में जोश भर लिया.
जिलाध्यक्ष सुशील चौधरी कुर्सी संभालने के साथ अपनी मोबाइल से जिलाभर के उन प्रमुख कार्यकर्ताओं की मानेटरिंग शुरू की जिनके उपर रैली को सकुशल लाने और ले जाने की जिम्मादारी कई दिनों पहले सौंपी गयी थी. सुबह के 9.12 बजे कार्यालय परिसर में गहमागहमी शुरू हो गयी.
9.32 बजे में कार्यकर्ताओं ने अपने वाहनों को भाजपा के झंडे और नरेंद्र मोदी के कट आउट से पाटना शुरू कर दिया. करीब आधा घंटे में ही वाहनों का काफिला सज धज कर तैयार हो गया. ठीक 10.20 बजे जिलाध्यक्ष के अलावा जिला मीडिया प्रभारी सुमन कुमार, निरंजन राय, प्रवीण कुमार सिंह सरीखे नेताओं का काफिला मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो गया.
समस्तीपुर : मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में शनिवार को भाजपा की परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित विहंगम जन समूह का अभिवादन गंवई अंदाज में किया. उन्होंने भोजपुरी में ‘हमार भाइयों व बहना, रउआ सबके शत-शत प्रणाम’ यह शब्द सुनते ही चक्कर मैदान में उपस्थित लोगों ने ताली बजाकर मोदी का जोरदार स्वागत किया. जिससे उत्साहित प्रधानमंत्री मोदी ने कह भी डाले कि जितने लोग परिवर्तन रैली में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं.
इस भीड़ का उन्हें अंदाजा भी नहीं था. उन्होंने कहा कि रैली में भागीदारी बता रही है कि बिहार की जनता परिवर्तन चाह रही है. चुनाव से पहले ही नतीजे का आकलन करते हुए उन्होंने कहा कि रैली की भागीदारी बता रही है कि बिहार में किसकी सरकार बनने वाली है.
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री ने बिहार में एनडीए को सेवा का मौका देने की गुजारिश करते हुए लोगों के माध्यम से संदेश दिया कि वह उनकी जिम्मेदारी लेने आये हैं. यदि जनता ने उन्हें अपनी जबावदेही सौंपी तो सात महीने के अंदर जनता के सपनों को साकार करने की दिशा में कदम उठा कर उन्हें नतीजे देंगे. पीएम ने उपस्थित लोगों को संदेशवाह के रुप में अपने सरकार की उपलब्धियां बताते हुए आगे भी जनहित में कार्य करने का वादा किया है.
किसान, युवा व महिला वोटरों पर डोरे डाल गये मोदी
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर बिहार की नगरी मुजफ्फरपुर में जुटे कई जिलों से आये कार्यकर्ताओं व आम लोगों की सभा को संबोधित करते हुए किसान, युवा व महिला वोटरों पर डोरे डाल गये. पीएम ने बिहार में सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि केंद्र में सरकार बदलते ही देश की आवाज बदल गयी है. अब बिहार की स्थिति बदलने की जरूरत है.
तेज विकास के लिए बिहार में भी एनडीए सरकार बनाने का आहृवान करते हुए कहा कि यहां की राजनीतिक हवा को मुद्दों से भटका कर जात-पात की ओर लेकर ‘वे’ लोग ले जा रहे हैं. लेकिन भाजपा यहां के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने, किसानों के खेत को पानी देने और महिलाओं व बच्चियों की स्मिता की रक्षा की बात करती है. इसी से सुख और शांति आयेगी.आने वाला विधानसभा चुनाव बिहार की माताओं और बहनों की सुरक्षा, किसान व नौजवानों के भाग्य को बदलने के लिए होगा.
नरेंद्र मोदी तब और अब
तारीख 3 मार्च. साल 2014. दिन सोमवार. स्थान मुजफ्फरपुर का सहारा मैदान. करीब 18 महीने बाद तारीख 25 जुलाई. साल 2015. दिन शनिवार. स्थान मुजफ्फरपुर का चक्कर मैदान. जिस तरह स्थल, तिथि व दिन बदले उसी तरह से बदल गये तो दोनों ही स्थलों पर सभा को संबोधित करने वाले प्रमुख चेहरे रहे नरेंद्र मोदी के अंदाज.
तब भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के घोषित उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी के निशाने पर कांग्रेस पार्टी उसके प्रमुख सोनिया व राहुल गांधी थे. जुबानी वाण भी राष्ट्रीय स्तर के थे. ठीक 18 महीने बाद उसी शहर में सभा को संबोधित करते वक्त उनके निशाने पर आ गये थे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव. शब्द वाण भी उन्हीं को लक्ष्य कर निशाने कर रहे थे.
बिहार की जनता की दुखती रगों को टटोल कर उन्हें उसका अहसास कराते हुए बदलाव के लिए उत्साहित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे थे. बिहार के किसान, युवा, माता व बहनों को लक्ष्य कर पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाने की भरसक कोशिश में थे कि वे अगर एनडीए को बिहार में भी मौका देते हैं तो उनकी पीड़ा को हरने का काम किया जायेगा. अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि मोदी की आवाज आम लोगों के दिलों में कितनी गहराई तक अपनी छाप छोड़ पाने में सफल हो पाये या.
इशारों में ही साधे नीतीश व लालू पर निशान
पूरे संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने नीतीश व लालू पर इशारों ही इशारों में शब्दों के वाण साधते रहे.
उन्होंने कहा कि वक्त कैसे बदलता है इसकी एक झलक यह है पहले ट्यूट करने पर मेरी हंसी उड़ाई जाती थी तब वे कहते थे कि मेरे पास एक मोदी है ही तो दूसरे की जरूरत क्या है. आज वही लोग ट्यूट कर बिहार आने पर स्वागत करते हैं. राजनीति में विरोधाभास चलता है.
लेकिन उसकी कीमत जनता का गला घोंट कर नहीं चुकाया जाता है. एक व्यक्ति का चेहरा पसंद नहीं आने पर बिहार का गला घोंट दिया गया. दुख इसलिए नहीं है कि किसे किसका चेहरा पसंद नहीं आता दुख इस बात का है कि बिहार की जनता के साथ क्या किया. पीएम ने लालू प्रसाद यादव पर निशाने साधते हुए कहा कि आज वे उसी जंगल राज में बिहार को वापस ले जा रहे हैं.