पूसा. शिशु को संपूरक आहार के साथ साथ निश्चित रूप से माताओं का स्तनपान आवश्यक है. उक्त बातें राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ गृह विज्ञान महाविद्यालय के व्याख्याता डा. रोमा कुमारी एवं आभा सिन्हा ने संयुक्त रूप से कही. इन्होंने बताया कि गृह विज्ञान महाविद्यालय में समय समय पर यूनिसेफ के माध्यम से प्रशिक्षण व जागरूकता अभियान चलाकर क्षेत्र में कार्य करने वाली महिला कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का सफलतम प्रयास करती है. एक सर्वे के अनुसार अशिक्षित ही नहीं वरन शिक्षित महिलाओं में भी शिशु को स्तनपान नहीं कराये जाने जैसे असाध्य रोगों से निकलना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है. दरअसल में माताओं को शिशु के जनम लेने के बाद से दूध बनते रहने की स्थित तक बच्चे को पौष्टिक आहार के साथ स्तनपान बेहद जरु री है. जिससे भविष्य में बहुत सारे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. स्वस्थ शरीर के साथ ही सुंदर मन विकसित होता है. वैज्ञानिक को मानें तो एक बच्चे के जीवन की शुरु आत के पहले छह महीने तक पूरी तरह से स्तनपान और इसके बाद भी अगले दो वषार्े तक या इससे अधिक समय तक पर्याप्त एवं उचित संतुलन आहार के साथ स्तनपान जारी रखा जाना चाहिए.
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शिशु को संपूरक आहार के साथ स्तनपान आवश्यक : डा. रोमा
पूसा. शिशु को संपूरक आहार के साथ साथ निश्चित रूप से माताओं का स्तनपान आवश्यक है. उक्त बातें राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के अधीनस्थ गृह विज्ञान महाविद्यालय के व्याख्याता डा. रोमा कुमारी एवं आभा सिन्हा ने संयुक्त रूप से कही. इन्होंने बताया कि गृह विज्ञान महाविद्यालय में समय समय पर यूनिसेफ के माध्यम से प्रशिक्षण व […]
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