समस्तीपुरः नवसृजित विद्यापतिनगर प्रखंड सह अंचल के कार्यालय सह आवासीय भवन का मामला उलझ गया है. भू-अर्जन को लेकर जिलाधिकारी के द्वारा स्वीकृति के लिए भेजे गये अलग-अलग पत्र से यह मामला उलझ गया है. इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी से भिन्नता को स्पष्ट करते हुए अपने मंतव्य के साथ रिपोर्ट देने को कहा है.
ग्रामीण विकास विभाग के उपनिदेशक मनोज कुमार सिंह के द्वारा पत्रंक 152930 दिनांक 21 जून 13 में जिलाधिकारी से पूछा गया है कि पूर्व में पत्रंक 121 दिनांक 22 जून 11 द्वारा नवसृजित प्रखंड सह अंचल के कार्यालय सह आवासीय भवन निर्माण के लिए 4 एकड़ भूमि अर्जन में 1058 करोड़ रूपये (लगभग) व्यय होने का उल्लेख करते हुए भू अर्जन की सहमति/स्वीकृति प्रदान करने के लिए राशि उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया गया था.
परंतु पत्रंक 499 दिनांक 6 अगस्त 12 के साथ भू अर्जन पर होने वाले व्यय गणना तालिका उपलब्ध करायी गयी है, जिसमें 3 करोड़ 59 लाख 67 हजार 912 रूपयेका कुल लागत व्यय दर्शाया गया है. उपनिदेशक ने उपयरुक्त भिन्नता को स्पष्ट करते हुए अपने मंतव्य के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. बता दें कि विद्यापतिनगर प्रखंड सह अंचल कार्यालय का अपना भवन अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है. साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय भवन उपलब्ध नहीं है.
सरकार के द्वारा नवसृजित प्रखंड सह अंचल कार्यालयों का अपना भवन एवं आवासीय भवन के निर्माण को लेकर भूअर्जन करने का निर्देश दिया गया है. भू अर्जन मद में व्यय की जाने वाली राशि ग्रामीण विकास विभाग देगी. विद्यापतिनगर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के लिए भी चार एकड़ भूमि का अर्जन किया गया है. किंतु भू अर्जन पर व्यय होने वाली राशि को विरोधाभासी पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भेजे जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है.