समस्तीपुर : शिक्षा विभाग की सुस्ती और संवेदक की लापरवाही के कारण प्रखंड के छतौना स्थित राजकीय बुनियादी विद्यालय परिसर में नवनिर्मित मॉडल विद्यालय भवन चार साल बाद भी उपयोग में नहीं लाया जा सका है. जिसके कारण विद्यालय का मॉडल स्कूल बनने का सपना अबतक अधूरा है. जानकारी के अनुसार राजकीय बुनियादी विद्यालय के एचएम को संवेदक व मुख्य अभियंता ने नवनिर्मित भवन का प्रभार लेने के लिए मौखिक अनुरोध किया था.
इस मौखिक अनुरोध के आलोक में एचएम ने डीइओ से प्रभार लेने से संबंधित मार्गदर्शन मांगा. तत्कालीन डीइओ ने विभागीय नक्शा के तहत यदि विद्यालय पूर्णत: तैयार हो चुका है तो नियमानुसार नवनिर्मित भवन का प्रभार लेने का निर्देश दिया. लेकिन एचएम ने नव निर्मित मॉडल विद्यालय भवन में त्रुटि रहने के बावजूद डीइओ के पत्र का हवाला देते हुए प्रभार लिया. बताया जाता है कि पौने तीन करोड़ की लागत से माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा प्रत्येक प्रखंड में ऐसा भवन बनाने की स्वीकृति दी गई थी. इसे बिहार सरकार के आधारभूत संरचना द्वारा कार्यान्वित कराना था. सूत्रों की माने तो वर्ष 2013 में ही यह भवन का निर्माण प्रारंभ हो गया था.
विगत 23 जून 2015 को उक्त विद्यालय के एचएम राज नारायण राय ने नव निर्मित भवन का प्रभार लिया था. इससे संबंधित परिवाद लोक संवाद कार्यक्रम के तहत दर्ज करायी गयी तो अब एचएम नवनिर्मित मॉडल विद्यालय भवन को असुरक्षित बताते हुए उपयोग आरंभ नहीं करने की बात कह रहे हैं. एचएम का कहना है कि भवन में आवागमन के लिए पहुंच पथ की कमी है. साथ ही भवन घेरा विहीन व तालाब के सन्निकट है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि एचएम को नव निर्मित मॉडल विद्यालय भवन का प्रभार लेने से पूर्व उक्त समस्याएं नजर नहीं आयी. इस संबंध में डीइओ सत्येन्द्र झा का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, जल्द ही जांच करवायी जायेगी. साथ ही नव निर्मित मॉडल विद्यालय भवन निर्माण में कोताही बरती गयी है तो कार्रवाई भी की जायेगी.