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स्लुइस गेट का टूटना हादसा या साजिश

समस्तीपुर : कल्याणपुर के दुमदुमा पुल के पास गुरुवार को स्लुईस गेट के टूटने में साजिश की बू होने लगी है. इस बाबत जल संसाधन विभाग के समस्तीपुर प्रमंडल के कनीय अभियंता अनिल कुमार ने कल्याणपुर थाना में सनहा दर्ज कराया है. जिसमें साजिश के कारण स्लुईस गेट खुलने को लेकर अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी […]

समस्तीपुर : कल्याणपुर के दुमदुमा पुल के पास गुरुवार को स्लुईस गेट के टूटने में साजिश की बू होने लगी है. इस बाबत जल संसाधन विभाग के समस्तीपुर प्रमंडल के कनीय अभियंता अनिल कुमार ने कल्याणपुर थाना में सनहा दर्ज कराया है. जिसमें साजिश के कारण स्लुईस गेट खुलने को लेकर अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.

हालांकि अब स्लुईस गेट टूटा है या किसी ने इसके साथ छेड़छाड़ की है यह जांच के बाद ही साफ हो पायेगा. इस बाबत कनीय अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि स्लुईस गेट को देखकर लगता है यह खोला गया है.

किसी खंती या लोहे के रोड से इसे उपर उठाने की कोशिश की गयी है जिससे यह टेढा हो गया है. बताते चलें कि गुरुवार की सुबह दुमदुमा पुल के पास बूढी गंडक पर बना स्लुईस गेट टूट गया था. जिसके कारण पानी का तेज बहाव शुरु हो गया था. इधर जल संसाधन विभाग ने स्लुईस गेटों की सुरक्षा को लेकर नये दिशा निर्देश जारी किये हैं जिसमें होमगार्ड को स्लुईस गेट खुलने पर जबाब देह बनाते हुये कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. हरेक होमगार्ड को 3 किलोमीटर के दायरे में तटबंध सुरक्षा की जबाबदेही दी गयी थी. वहीं स्लुईस गेट से रिसाव शुरु होने पर होमगार्ड वहां उपस्थित नहीं होने की बात विभाग को बताते थे.
बेगमपुर के पास स्लुईस गेट को किया गया चॉक : बूढी गंडक के जलस्तर से बनते दबाब के कारण बेगमपुर के पास स्लुईस गेट को चॉक कर दिया गया है. इस बाबत यांत्रिक प्रमंडल की ओर से बताया गया कि बेगमपुर के पास स्लुईस गेट काफी नीचे हो गया था. जिससे वह बांध पर दबाब बनाकर उसे वहां पर पलट सकता था. इस कारण स्लुईस गेट के पास बने कुऐं में इसी बैग देकर इसे चॉक कर दिया गया. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुये जल संसाधन विभाग को इसके लिये पुलिसकर्मियों का सहारा लेना पड़ा है. बताते चलें कि वर्ष 1987 में बेगमपुर के पास ही बांध टूटी थी. जिसके कारण कई इलाकों में बाढ़ आयी थी.
दो बाढ़ एंबुलेंस की हुई मांग : जल संसाधन विभाग ने बूढी गंडक पर बांध व स्लुईस गेटों की मरम्मती के लिये दो बाढ ऐंबुलेंस की मांग मुख्यालय से की है. बताते चलें कि फिलहाल एक ही बाढ ऐंबुलेंस प्रमंडल के पास है जिससे बांध के रख रखाव व उसकी मरम्मती की जाती है. बताते चलें कि बाढ एंेबूलेंस में स्लुईस गेटों क ो ठीक करने के लिये यांत्रिक उपकरण लदे रहते हैं.
गंगा लाल निशान से नीचे, बूढ़ी गंडक अस्थिर : विगत एक पखवाड़ा के बाद आखिरकर गंगा अपने लाल निशान से नीचे आयी है. बाढ नियंत्रण कक्ष की मानें तो धमौन में शुक्रवार को जलस्तर घटकर 44.85 मीटर पर आ गया. जो कि लाल निशान से काफी नीचे हैं. हालांकि बूढी गंडक का जलस्तर का चाल अस्थिर बना हुआ है. शुक्रवार को जलस्तर 2 घंटे सुबह 8 से 10 बजे तक 47.325 मीटर पर स्थिर बना रहा. इसके बाद इसमें एक बार फिर गिरावट शुरु हो गयी. वहीं रोसड़ा में जलस्तर हर घंटे एक सेमी नीचे घट रही है. बूढी गंडक सुबह 6 बजे 47.35 मीटर पर थी जो दिन के 2 बजे घटकर 47.30 मीटर पर आ गयी है.इधर बागमती हायाघाट के पास 45.775 मीटर पर बह रही थी. नेपाल में शुक्रवार को तेज बारिश कई जगहों पर हुयी थी पोखरा मंे 86 व भैरवा में 41 एमएम बारिश दर्ज की गयी थी. इधर बूढी गंडक के घटने के कारण बांध पर तेज कटाव की स्थिति शुरू हो गयी है.

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