समस्तीपुरः मातृ-शिशु मृत्यु दर पर रोक लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी जुट गया है. इसी कड.ी में अस्पतालों तक आने वाली गर्भवती महिलाओं की देखरेख और प्रसव के बाद जच्च-बच्च पर रोग का खतरा भांपने के लिए ममता को रडार की तरह उसके साथ रहने की सलाह दी जा रही है.
इससे संक्रमण का खतरा पैदा होने से पहले ही उसकी खबर चिकित्सकों तक पहुंच सके और उसका तुरंत इलाज हो सके.इस कार्य में निपुण बनाने के उद्देश्य से जिले में नियुक्त करीब 380 ममता वर्करों को क्रमवार प्रशिक्षित करने का काम शुरू कर दिया गया है. शहर के एएनएम स्कूल में गत 24 मार्च से जारी इस प्रशिक्षण का कार्य की कमान जितवारपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. महेश चंद्रा को सौंपी गयी है.
इसमें सहयोग के लिए दो एएनएम भी लगायी गयी है जो जच्च-बच्च की देख रेख करने में महारथ रखती है. आगामी 30 मार्च तक चलने वाले इस प्रशिक्षण की मॉनीटरिंग राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर जिला स्वास्थ्य समिति कर रही है.