परेशानी. पुलिस प्रशासन का हर प्रयास हो रहा विफल
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शहरवासियों को जाम से राहत नहीं
परेशानी. पुलिस प्रशासन का हर प्रयास हो रहा विफल लाख प्रयास के बावजूद शहरवासियों को जाम से राहत नहीं मिल रही है. प्रतिदिन लोग घंटों जाम से जूझते रहते हैं. इससे पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ समय की भी बरबादी हो रही है. सहरसा : दस साल में शहर में जाम की समस्या ने विकराल रूप धारण […]
लाख प्रयास के बावजूद शहरवासियों को जाम से राहत नहीं मिल रही है. प्रतिदिन लोग घंटों जाम से जूझते रहते हैं. इससे पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ समय की भी बरबादी हो रही है.
सहरसा : दस साल में शहर में जाम की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. इससे निजात पाने के लिए पुलिस व जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर चुकी है, लेकिन जाम से निजात मिलती नजर नहीं आ रही है. कुछ दिन पूर्व बंगाली बाजार में ओवरब्रिज निर्माण के लिए राशि आवंटन से लोगों ने जरूर राहत की सांस ली है. हालांकि सवाल यह उठता है कि बंगाली बाजार के अलावा गंगजला चौक व मारुफगंज में सड़क जाम की समस्या आम बात बन कर रह गयी है. प्रतिदिन लोग घंटों जाम से जूझते रहते हैं.
इससे पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ समय की भी बरबादी हो रही है. प्रमंडलीय मुख्यालय होने की वजह से सहरसा सहित सुपौल व मधेपुरा के लोग भी वरीय अधिकारियों व उनके कार्यालय में कार्य निष्पादन को लेकर रोजाना सहरसा का रुख करते हैं. इसके अलावा लंबी दूरी की ट्रेन पकड़ने के लिए भी यात्री यहां आते हैं. इससे शहर की यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होनी शुरू हो गयी. सरकारी कार्यालय ही नहीं, गांव से बाजारों में भी लोगों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गयी.
यही नहीं शहर के बीचोबीच रेलवे गुमटी होने की वजह से शहर की यातायात व्यवस्था इतनी बिगड़ चुकी है कि उससे लगने वाले जाम से निजात पाना मुश्किल हो गया है. शहर के मुख्य मार्गों जैसे शंकर चौक, डीबी रोड, मारुफगंज मोड़, गंगजला चौक, थाना चौक, गांधी पथ आदि स्थानों पर जाम लगा रहता है. इससे प्रतिदिन हजारों लोग घंटों जाम से जूझते रहते हैं. डीबी रोड में डिवाइडर बनाने के बावजूद सड़क यातायात व्यवस्थित नहीं हो सका है. ऐसा नहीं कि जाम से निजात दिलाने के लिए पुलिस व जिला प्रशासन ने कदम नहीं उठाये, लेकिन पुलिस प्रशासन का हर पैंतरा इस मामले में नाकाफी साबित हुआ. स्कूलों की छुट्टी के समय तो इतना भयंकर जाम लग जाता है कि बच्चे छुट्टी के दो-दो घंटे बाद अपने घर पहुंच पाते हैं.
जाम की मुख्य वजह अतिक्रमण
अतिक्रमण शहर में जाम का मुख्य कारण है. दुकानदारों अपना सामान दुकान में कम और सड़क पर ज्यादा रखते हैं. इसकी वजह से मार्ग संकीर्ण हो गये हैं. इसके अलावा कुछ लोगों ने चबूतरों के रूप में अतिक्रमण किया हुआ है.
सड़क पर आड़े-तिरछे लगे रहते हैं वाहन
शहर में वाहनों के लिए पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. इसके चलते वाहन सड़क किनारे आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं. ये भी जाम का बड़ा कारण बनते हैं. कपड़ा पट्टी व डीबी रोड में यह समस्या ज्यादा नजर आती है.
शहर के अंदर बस स्टैंड
शहर में तीनों बस स्टैंड अंदर ही बने हुए हैं. सरकारी बस स्टैंड, मुख्य बस स्टैंड, चांदनी चौक बस स्टैंड, रिफ्यूजी चौक, बस स्टैंड आदि शहर के अंदर है. इनसे बसों के संचालन के कारण जाम की स्थिति बन जाती है.
अब तक हुए कई प्रयास
पुलिस प्रशासन ने जाम से निजात दिलाने के लिए कई बार शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला. धीरे-धीरे फिर से अतिक्रमण बढ़ गया और समस्या ज्यों की त्यों बनी रही. नगर परिषद ने दुकानदारों व घरों पर लाल निशान भी लगाये और नोटिस जारी किये गये, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बनवाये गये डिवाइडर
जाम से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद ने थाना चौक से डीबी रोड होते हुए शंकर चौक तक डिवाइडर बनवाया, लेकिन सड़क किनारे अतिक्रमण की वजह से ट्रैफिक सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा रहा है.
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