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अतिक्रमण हटाने में रुचि नहीं डिवाइडर को अधूरा छोड़ दिया

लाइलाज जाम. प्रशासनिक अकर्मण्यता का नमूना यातायात कुव्यवस्था शहर में जाम की समस्या से निजात मिलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन लगता है. जिस तरह अतिक्रमण हटाने की योजना बना कर फिर उसे रोक दिया जाता है, यह शहर की गतिशीलता के लिए अच्छा नहीं है. संकरी सड़कों के बावजूद यदि यातायात व्यवस्था सुदृढ़ हो, तो […]

लाइलाज जाम. प्रशासनिक अकर्मण्यता का नमूना यातायात कुव्यवस्था

शहर में जाम की समस्या से निजात मिलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन लगता है. जिस तरह अतिक्रमण हटाने की योजना बना कर फिर उसे रोक दिया जाता है, यह शहर की गतिशीलता के लिए अच्छा नहीं है. संकरी सड़कों के बावजूद यदि यातायात व्यवस्था सुदृढ़ हो, तो भी बात बन सकती है. लेकिन ऐसा भी नहीं हो पाता. ऐसे में जाम शहर के लोगों की नियति बन गयी है.
सहरसा : शहर में अतिक्रमण का आलम यह है कि सरकारी जमीन से लेकर सरकारी कार्यालय तक अतिक्रमण की चपेट में है. शहर के मुख्य बाजार डीबी रोड में अतिक्रमण की वजह से बाजार की खूबसूरती पर बट्टा लग रहा है. इस कारण वहीं लोगों को आने-जाने में भी परेशानी हो रही है. विभागीय अधिकारी इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कई बार आश्वासन दिये जाने के बावजूद मामला जस का तस है. ज्ञात हो कि शहर का कोई चौक चौराहा ऐसा नहीं है, जहां अतिक्रमण की समस्या न हो.
शहर की मुख्य सडकों पर प्रशासन की गाड़ियां हर समय दौड़ती नजर आती हैं, लेकिन सभी अधिकारी अतिक्रमण और जाम को लेकर अनजान बने रहते हैं. शहर के थाना चौक सहित शंकर चौक, गंगजला चौक, बंगाली बाजार, दहलान चौक, सब्जी मंडी सहित शहर की अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण की वजह से जाम लगता है. डीबी रोड में डिवाइडर लगाने के पहले नगर परिषद व जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण खाली कराने की बात कही गयी थी. लेकिन न तो अतिक्रमण हटा व न ही डिवाइडर का काम ही पूरा किया गया.
फुटपाथ पर कर लिया कब्जा: शहर में मुख्य सडकों पर जाम व अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है. जाम व अतिक्रमण की जद में शहर की मुख्य सडकें संकरी हो रही हैं और बाजार बे-रौनक हो गया है. छोटे दुकानदारों की बात करें या फिर बड़े व्यापारियों की, सभी ने अपने स्तर पर सडक के किनारे फुटपाथ की जगहों को पाट कर रख दिया है. सडकें कम दुकानें ज्यादा दिखाई पडती हैं. रोजाना ही सहरसा वासियों को शहर के जाम से दो-चार होना पडता है.
सभी जगह जाम, अतिक्रमण अवैध कब्जों से हाल बेहाल है. पुलिस-प्रशासन समय समय पर अभियान चलाकर इस जाम की समस्याओं से निपटने के लिए हाथ बढ़ाता है लेकिन कुछ दूरी चलने के बाद ही सरकारी मशीनरी घुटने टेक जाती है.
सड़कों पर लगा रहता है जाम: अतिक्रमण की वजह से सड़क पर रोज जाम लगती है. आम लोगों के साथ स्कूली बच्चों के वाहन सहित जिले से आनेवाले अधिकारियों के वाहन भी इस जाम में अक्सर फंस जाते हैं. हालांकि प्रशासन ने कई बार इन दुकानदारों को अपनी दुकान हटा लेने की कानूनी नोटिस दे चुका है. बावजूद ये अतिक्रमणकारी दुकानदार पुलिस की नोटिस का उल्लंघन करते हुए सड़क किनारे अपनी दुकानें चला रहे हैं.
डिवाइडर नहीं बना पूरा: शहर के थाना चौक से भाया डीबी रोड होते हुए शंकर चौक तक बनने वाले डिवाइडर के काम को अधूरा छोड़ दिया गया है. नगर परिषद द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य में हो रही देरी के बाबत कोई कुछ नहीं बोल रहा है. फिलवक्त डिवाइडर पूरा नहीं होने से लोग अपने मनमर्जी से सड़क पर वाहन चला रहे है. यातयात नियम की अनदेखी डीबी रोड में सरेआम हो रही है.
क्या कहते है लोग: स्थानीय लोग बताते है कि डीबी रोड में डिवाइडर के निर्माण हो जाने से ही सड़क जाम की समस्या समाप्त नहीं होगी. सड़क जाम से मुक्ति या राहत के लिए बाजार में किये गये अतिक्रमण को खाली करने की जरुरत है. कुछ लोग बताते है जिला प्रशासन की मिलीभगत से सड़कों को दिन-ब-दिन अतिक्रमित किया जा रहा है.
दोनों अोर से दुकानें चढ़ गयी हैं सड़क पर

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