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टॉर्च लाइट में हाजिरी बनवायी, किया अनुपस्थित व फेल

परिणाम 12 नवंबर को हुए इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा का केंद्राधीक्षक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे जबाव सहरसा : राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए रोज नये-नये नियम बनाती है. लेकिन अधिकारी-कर्मचारी की बेपरवाही से वह पटरी पर चढ़ने से पूर्व ही फिसल कर और भी दूर चली […]

परिणाम 12 नवंबर को हुए इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा का

केंद्राधीक्षक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे जबाव
सहरसा : राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए रोज नये-नये नियम बनाती है. लेकिन अधिकारी-कर्मचारी की बेपरवाही से वह पटरी पर चढ़ने से पूर्व ही फिसल कर और भी दूर चली जाती है. इंटरमीडिएट की परीक्षा में ऐसा ही हुआ. एक तो मुख्य परीक्षा में शामिल कुछ परीक्षार्थी फेल हो गये, जिन्हें कर्पाटमेंटल परीक्षा देना पड़ा. केंद्राधीक्षक की लापरवाही से ऐसे करीब 35 अभ्यर्थियों को अनुपस्थित बता दिया गया, जिन्हें बोर्ड ने फिर से फेल बता कर रिजल्ट जारी कर दिया.
मोबाइल लाइट में बनायी थी हाजिरी: बीते 12 नवंबर को राजकीय पॉलिटेकनिक को केंद्र बनाकर इंटरमीडिएट की कंपार्टमेंटल परीक्षा ली गयी थी. इस केंद्र पर सोनवर्षा राज स्थित विराटपुर के रामधारी सरस्वती महिला कॉलेज के कुल 97 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. कुव्यवस्था के कारण परीक्षा काफी देर से शुरू हुई थी. जिस पर परीक्षार्थियों ने हंगामा भी किया था. देर से परीक्षा शुरू होने के कारण परीक्षार्थी करीब सात बजे शाम में भवन से बाहर निकले थे. लेकिन तब तक उनकी हाजिरी तक नहीं बनवायी जा सकी थी. बाहर निकलने के बाद कॉलेज कैंपस ग्राउंड में परीक्षार्थियों ने मोबाइल की लाइट में उपस्थिति पत्रक में अपनी हाजिरी बनायी थी. हाजिरी बनाने के बाद वे पूरी तरह निश्चिंत थे. लेकिन शनिवार को जब इंटरनेट पर रिजल्ट आया तो परीक्षार्थी सहित उनके अभिभावकों के होश उड़ गये. जारी रिजल्ट के अनुसार लगभग 35 परीक्षार्थियों को हिन्दी विषय में अनुस्थित दिखाते, उन्हें फेल बता दिया गया है. रोल कोड 61015, रोल नंबर 16130247 की परीक्षा पूजा कुमारी सहित आकाश कुमार, संतोष कुमार व अन्य के साथ भी यही हुआ. परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद उन्होंने हाजिरी बनायी थी. फिर उन्हें अनुपस्थित कैसे बता दिया गया. केंद्राधीक्षक की लापरवाही से उनका एक साल बरबाद हो रहा है.
नहीं ले रहे कोई जिम्मेवारी: इस संबंध में पूछने पर पॉलिटेक्निक के प्राचार्य मदन कुमार बताते हैं कि परीक्षा के लिए उन्होंने सिर्फ कॉलेज का कमरा उपलब्ध कराया था. केंद्र पर न तो उनके कॉलेज के कोई शिक्षक वीक्षक थे और न ही आदेशपाल की ही ड्यूटी थी. परीक्षा लेने की जिम्मेवारी केंद्राधीक्षक बनाये गए प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, नवहट्टा के प्रधानाचार्य शंभु यादव ने कहा कि सभी परीक्षार्थियों की हाजिरी बोर्ड को उपलब्ध करा दी गयी थी. उपस्थित-अनुपस्थित या पास-फेल करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति उत्तरदायी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल खालिक के मोबाइल की घंटी बजती रही. लेकिन उन्होंने जबाव देने के लिए मोबाइल रिसीव नहीं किया.
मोबाइल लाइट में हस्ताक्षर बनाते परीक्षार्थी
कॉपी जमा करते वीक्षक (फाइल फोटो)

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