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सीएम सर, सुपौल की तरह हमें भी पार्किंग चाहिए

सीएम से उम्मीद संकीर्ण हैं सभी मुख्य सड़कें, चौड़ीकरण की नहीं बन रही योजना डीबी रोड की संकरी सड़क पर लगाया जा रहा डिवाइर नहीं हो रहा सफल सहरसा : मुख्यमंत्री जी, सहरसा प्रमंडलीय मुख्यालय है. यहां तीनों जिलों का प्रमुख व प्रधान कार्यालय के अलावा वृहत बाजार है. लिहाजा तीनों जिले के लोगों का […]

सीएम से उम्मीद

संकीर्ण हैं सभी मुख्य सड़कें, चौड़ीकरण की नहीं बन रही योजना
डीबी रोड की संकरी सड़क पर लगाया जा रहा डिवाइर नहीं हो रहा सफल
सहरसा : मुख्यमंत्री जी, सहरसा प्रमंडलीय मुख्यालय है. यहां तीनों जिलों का प्रमुख व प्रधान कार्यालय के अलावा वृहत बाजार है. लिहाजा तीनों जिले के लोगों का यहां आना लगा रहता है. लेकिन नागरिक सुविधा जिला मुख्यालय के लायक भी नहीं है. सबसे अधिक परेशानी सड़कों के किनारे पार्किंग की है. लोग वाहन लेकर बाजार में प्रवेश तो कर जाते हैं. लेकिन उनके रुकने अथवा मोड़ने की यहां कोई जगह नहीं है. सहरसा शहर को भी सुपौल की तरह पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करा दीजिए.
बाजार बढ़ा, पर नहीं बढ़ी सड़क: मुख्यमंत्री जी, इस प्रमंडलीय मुख्यालय का दुर्भाग्य है कि समय के साथ यहां बाजार का विस्तारीकरण तो होता गया. लेकिन सड़कों की चौड़ाई नहीं बढ़ायी गयी.
लिहाजा पूरे शहर में कृत्रिम जाम की स्थिति बनी रहती है. पार्किंग की समस्या इस हद तक है कि ग्राहकों को साइकिल, बाइक या चार चक्का वाहन सड़कों पर ही खड़ा करना होता है. इससे उसके पीछे आने वाली गाड़ियों को आगे निकलने में काफी परेशानी होती है. आगे के वाहन को हटाने में थोड़ा भी विलंब हुआ तो महाजाम की स्थिति बन जाती है. ऐसी दशा में तू-तू-मैं-मैं सहित मारपीट की घटना भी होती रहती है. सड़क और दुकान के बीच छोड़ी गयी फुटपाथ की जमीन पूरी तरह उस दुकानदार के कब्जे में होती है. वे भी अपने सामने किसी वाहन को खड़ा नहीं होने देते हैं.
40 फीट चौड़ी हो सड़क व बने पार्किंग: डीबी रोड के व्यवसायी सुनील कुमार सिंह, संतोष कुमार, चंदन कुमार, दहलान रोड के चिकू, अमृत, धर्मशाला रोड के श्रवण, रवि, संजीव, पूरब बाजार के ओमप्रकाश केशरी, मो रहमान, अजय कुमार सहित अन्य ने कहा कि मुख्य बाजार की सड़क का चौड़ीकरण होना जरूरी है. लोगों ने कहा कि सभी प्रमुख बाजार की सड़क कम से कम 40 फीट की हो. दोनों तरफ छोड़े गये फुटपाथ तक काली सड़क को बढ़ायें. उसके बाद दस फीट में पार्किंग व फुटपाथ का निर्माण कराये. तब डिवाइडर उपयोगी होगा. जाम पर नियंत्रण हो सकेगा. इसके लिए सरकार रैयतों को मुआवजा दे निजी जमीन अधिग्रहित करे. लोगों का कहना है कि सभी बड़े शहरों में मुआवजा देकर जमीन अधिगृहीत कर शहर के सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है. यहां भी निश्चित रूप से होना चाहिए.
डीबी रोड में बना डिवाइडर व चलने के लिए बची सड़क.
30 फीट की सड़क पर लगाया डिवाइडर
शहर की मुख्य व्यवसायिक मंडी डीबी रोड है. जहां की सड़क की चौड़ाई मात्र 30 फीट है. जाम से निबटने के लिए प्रशासन ने कुछ माह पूर्व सड़क के बीचोबीच डिवाइडर खड़ा कर दिया है. यह लोगों की सुविधा नहीं, बल्कि परेशानी का सबब बन कर रह गया है. मुख्य बाजार की सड़क के एक ओर बचे 14 फीट की जगह पैदल व वाहनों के चलने के लिए नाकाफी है.
आगे बढ़ने के चक्कर में रोज साइकिल व बाइकसवार इस डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. इस कारण डीबी रोड में अक्सर स्थिति बेकाबू होती रही है. लब्बोलुआब यह कि डिवायडर लगाने के बाद से परेशानी के साथ यहां सड़क दुर्घटना काफी अधिक बढ़ी है.

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