पहले से था बीमार, सदर अस्पताल में चल रहा था इलाज
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बाल गृह के बच्चे की संदेहास्पद स्थिति में मौत
पहले से था बीमार, सदर अस्पताल में चल रहा था इलाज अस्पताल कर्मी कह रहे मौत के बाद बच्चे को लाया अस्पताल सहरसा : शहर के गौतम नगर स्थित बाल गृह के एक 10 वर्षीय बालक जाहिद की मौत गुरुवार की अहले सुबह हो गयी. जानकारी के अनुसार, बुधवार की शाम बालक की तबीयत बिगड़ने […]
अस्पताल कर्मी कह रहे मौत के बाद बच्चे को लाया अस्पताल
सहरसा : शहर के गौतम नगर स्थित बाल गृह के एक 10 वर्षीय बालक जाहिद की मौत गुरुवार की अहले सुबह हो गयी. जानकारी के अनुसार, बुधवार की शाम बालक की तबीयत बिगड़ने पर बाल गृह संचालक ने उसे सदर अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया था. जहां चिकित्सक ने खून चढ़ाने की सलाह दी थी.
लेकिन गृह के कर्मी सुबह में खून चढ़ाने की बात कह उसे लेकर चले गये. देर रात लगभग तीन बजे बालक की हालत खराब हो गयी तो उसे आनन-फानन में उसे फिर से सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत की पुष्टि के बाद शव का पोस्टमार्टम करा सुपुर्द कर दिया गया. घटना के बाद लोगों में कई तरह की चर्चा शुरू हो गयी. कोई इसे व्यवस्था का दुरुस्त नहीं रहना तो कोई ससमय इलाज नहीं होने की बात कर रहे थे.
आखिर कहां हुई मौत
बालक की मौत ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं. गृह की अधीक्षक रूबी कुमारी सदर अस्पताल में मौत होने की बात कह रही है. वहीं अस्पताल प्रबंधन इससे इनकार कर रहा है. अस्पताल प्रबंधक विनय रंजन ने बताया कि बालक को शाम में लाया गया था. जहां इलाज के बाद खून चढ़ाने की बात कही गयी थी. इसके बाद बालक को अस्पताल से लेकर चले गये. सुबह जब पुन: उसे अस्पताल लाया गया, तो उसकी मौत हो चुकी थी. जबकि अधीक्षिका ने बताया कि वह पूर्व से बीमार था.
लगभग एक महीने से उसका इलाज सदर अस्पताल से चल रहा था. बुधवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर उसे भरती कराया गया. जहां भर रात कर्मी के साथ बालक इलाजरत था. इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी. रूबी ने खून चढ़ाने के बाबत कहा कि इसके लिए अस्पताल उपाधीक्षक से मिलना था. वह दस बजे दिन में आते हैं, तब तक उसकी मौत हो गयी. इससे इतर रूबी ने अपने विभागीय अधिकारी को कुछ और ही बताया है. पूछे जाने पर चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर भाष्कर कश्यप ने बताया कि बाल गृह अधीक्षक ने बताया कि वह हार्ट का मरीज था. बुधवार की शाम उसे भरती कराया गया था. इसके बाद रात ग्यारह बजे उसे डिस्चार्ज करा कर ले जाया गया था. अहले सुबह तबीयत बिगड़ने पर फिर से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. इस बाबत चिकित्सक उमर फारूक ने बताया कि मौत के बाद बालक को अस्पताल लाया गया था.
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