सहरसा सिटी : सदर अस्पताल के इमरजेंसी में भरती बाल गृह बालिका की एक बच्ची के खिड़की तोड़ भाग जाने का एक मामला प्रकाश में आया है. सदर थानाध्यक्ष को दिये आवेदन में संस्थान की अधीक्षक ने कहा कि गृह में आवासित बच्ची काझा शाहपुर पुर्णिया निवासी मोनी खातून को तबीयत खराब होने पर सदर अस्पताल में भरती कराया गया.
17 जून को सुबह सात बजे इमरजेंसी के शौचालय में नित्यक्रिया के लिये गयी और खिड़की से बाहर फरार हो गयी. काफी खोजने के बाद भी पता नही चला. अधीक्षिका ने सदर थानाध्यक्ष को आवेदन देकर सनहा दर्ज करने की आग्रह की है.
एएनएम की निगरानी में हो रहा था इलाज
जानकारी के अनुसार गृह की दो बच्ची को लेकर एएनएम शालिनी सदर अस्पताल गयी थी. इस बाबत एएनएम ने बताया कि दिन में पेट दर्द की शिकायत पर ओपीडी में डॉक्टर से दिखाया था. शाम में उल्टी होने पर उसे इमरजेंसी ले जाया गया. जहां चिकित्सक ने स्लाइन चढ़ाने की बात कही. दोनो बच्ची को इमरजेंसी में ही स्लाइन चढ़ाया जाने लगा.
17 जून की सुबह मोनी ने शौचालय जाने की बात कही. अपने साथ उसे लेकर इमरजेंसी के शौचालय ले गयी. कुछ देर तक नही निकलने पर गेट खोला तो देखा कि लड़की गायब थी और खिड़की टूटी थी. लड़की के भागने की सूचना कर्मियों व गार्ड को दी. बारिश होने के कारण अपने स्तर से काफी खोजबीन किया. लेकिन सफलता नहीं मिली.
अस्पताल प्रशासन ने किया इनकार
इस बाबत जब अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार व प्रबंधक विनय रंजन ने मामलें से अनभिज्ञता जताते कहा कि इस नाम का कोई मरीज भरती ही नही हुआ. रही बात खिड़की तोड़ने की तो आरोप गलत है. इमरजेंसी में जो भी खिड़की है वह पुरी तरह पैक है. यदि किसी को भागना ही होगा तो उसे खिड़की तोड़ने की क्या आवश्यकता है. इमरजेंसी का गेट हमेंशा खुला रहता है. इस बाबत सदर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि जानकारी मिली है, छानबीन की जा रही है.