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अभिलेख फाड़ा, विरोध में बहिष्कार
सहरसा शहर : जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल खालिक के कार्यालय वेश्म में उस समय अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया जब डीइओ के निर्देश पर कार्यालय पहुंचे कन्या मध्य विद्यालय भरौली कहरा के प्रभारी प्रधानाचार्य मधुसूदन सिंह ने विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य शशिभूषण सिंह से कार्यालय का प्रभार लेने से इनकार करते हुए कार्यालय लिपिक […]
सहरसा शहर : जिला शिक्षा पदाधिकारी अब्दुल खालिक के कार्यालय वेश्म में उस समय अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया जब डीइओ के निर्देश पर कार्यालय पहुंचे कन्या मध्य विद्यालय भरौली कहरा के प्रभारी प्रधानाचार्य मधुसूदन सिंह ने विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य शशिभूषण सिंह से कार्यालय का प्रभार लेने से इनकार करते हुए कार्यालय लिपिक अरुण झा के सामने अभिलेख व संचिका को फाड़ दिया.
प्रभारी प्रधानाचार्य मधुसूदन सिंह द्वारा वाद-विवाद व अभिलेखों को फाड़ने के बाद सभी कार्यालय कर्मियों ने काम बंद कर श्री सिंह द्वारा किये गये कृत्य को लेकर विभागीय कर्मी, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक प्रभाशंकर सिंह व डीइओ श्री खालिक के विभागीय कार्य से जिले से बाहर रहने के कारण सदर एसडीओ जहांगीर आलम को आवेदन दे मधुसूदन सिंह पर कार्रवाई की मांग की है.
अज्ञात बदमाशों के साथ पहुंचे थे मधुसूदन सिंह
आवेदन में कर्मियों ने कहा कि 8-10 अज्ञात बदमाशों के साथ पहुंचे मधुसूदन सिंह ने कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए डीइओ के निर्देश का उल्लंघन किया है. मालूम हो कि इस विद्यालय में पूर्व से ही प्रभार को लेकर विवाद चल रहा है. शशिभूषण सिंह के स्थानांतरण के बाद मधुसूदन सिंह को प्रभारी बनाया गया था.
इसके बाद उस विद्यालय में श्री सिंह से भी वरीय शिक्षक सुमन कुमार सिंह कास्थानांतरण किया गया. सुमन कुमार को विभाग से प्रभार देने की बात लिखित रूप से कही गयी. जिसे मधुसूदन सिंह ने अनसुना करते हुए पूर्ण प्रभार नहीं मिलने की बात कह टालते रहे. इसी परिप्रेक्ष्य में डीइओ ने 17 दिसंबर को विभागीय कार्यालय में पूर्व प्रधानाचार्य को प्रभार देने का निर्देश पत्र के माध्यम से दिया गया था. इसके बाद विभागीय कार्यालय में प्रभार नहीं लेने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ.
इससे पूर्व मधुसूदन सिंह ने डीइओ के इस निर्देश के आलोक में पत्र देकर कहा कि 17 दिसंबर की तिथि मुकर्रर करना कार्यालय के उदासीन शैली को दर्शाने के साथ ही कार्यालय की संलिप्तता को दर्शाता है. आवेदन की प्रतिलिपि आरक्षी अधीक्षक, जिलाधिकारी, आरडीडीई कार्यालय सहित सदर थाना को दी गयी है. इस मौके पर लिपिक संजय कुमार, कुलानंद कश्यप, पंकज कुमार, रमेशचंद्र लाभ, रामबहादुर सिंह, महेश्वर पासवान आदि मौजूद थे.
खलनायक नहीं, एक गायक हूं मैं..
दर्शकों से करते रहे सीधा संवाद
विनोद राठौर ने अपनी गायकी के क्रम में भी मौजूद श्रोताओं से सीधा संवाद कायम रखा. मंच पर आने के साथ से लेकर अंत तक दर्शकों को खुद से जोड़े रखा. गाने के बीच-बीच में लोगों से बातें करना, लोगों को साथ में गाने के लिए प्रेरित करना सभी को उत्साहित कर रहा था. आयोजन के लिए जिला प्रशासन का धन्यवाद करते राठौर ने कहा कि डीएम साहब से एक आग्रह है कि अगर गानों पर लोग डांस करना चाहें तो उन्हें रोकें नहीं, मैं हैंडल कर लूंगा.
इसके बाद तो उनके गाने चलते रहे और दर्शक दीर्घा में बैठे युवा उनके गानों पर थिरकते रहे. राठौड़ ने मुन्ना भाई एमबीबीएस, छुपाना भी नहीं आता, बताना भी नहीं आता, कोई न कोई चाहिए, प्यार करने वाला, मैं तो हूं पागल मूंडा, तू है मेरी सोनी कुड़ी सहित नीले नीले अंबर पर चांद जब आये, बचना ए हसीनों जैसे गाने गाकर लोगों की खूब तालियां बटोरी.
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