11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रुपये में आग लगाने के बराबर है आतिशबाजी

रुपये में आग लगाने के बराबर है आतिशबाजी प्रभात अभियान: चलो मनाये मीठी दीपावली सहरसा : नगरअमावस्या की रात आसमान में आतिशबाजी की रोशनी जितनी सुंदर दिखती है, उतना ही खराब प्रभाव वातावरण पर पड़ता है. आंखों को क्षणिक सुख देने के लिए पटाखों में आग लगाना प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों ही रूप में रुपये […]

रुपये में आग लगाने के बराबर है आतिशबाजी प्रभात अभियान: चलो मनाये मीठी दीपावली

सहरसा : नगरअमावस्या की रात आसमान में आतिशबाजी की रोशनी जितनी सुंदर दिखती है, उतना ही खराब प्रभाव वातावरण पर पड़ता है. आंखों को क्षणिक सुख देने के लिए पटाखों में आग लगाना प्रत्यक्ष एवं परोक्ष दोनों ही रूप में रुपये में आग लगाने के बराबर है.

अधिकतर लोगों का मानना है कि एक तरफ देवी लक्ष्मी के आगमन की खुशी में घर-घर दीप जलाये जाते हैं. मिठाइयां बांटी जाती हैं. दूसरी तरफ बड़ी मुश्किल व मेहनत से हाथ आयी लक्ष्मी का, पटाखे में आग लगा तिरस्कार करते हैं. समय के साथ लोग जागरूक हो रहे हैं.

हिंदू धर्मावलंबियों का कहना है कि साल भर में एक बार आने वाले इस त्योहार को खुशियों के साथ मनाना चाहिए. दीपावाली की रात सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है. गुजरने वाले लोग भयभीत रहते हैं. उनकी आंखें पटाखें से बचने के लिए चंचल बनी रहती है, तो हाथ कान को ढ़कने में व्यस्त. सप्ताह भर पूर्व से की गयी घर-बाहर की सफाई दीपावली की अगली सुबह से ही बेकार नजर आती है. जब पटाखे के कागज से यत्र-तत्र बिखरा गंदा नजर आता है.

जिले में दर्जनों ऐसे लोग हैं जो दीपावली में पटाखा जलाने के क्रम में हाथ, चेहरा, आंख झुलसा महीनों इलाजरत रहे हैं. आज तक न तो उनके आंखों की रौशनी लौटी है और न ही जले होने के निशान ही मिट पाये है.प्रभात अभियान: क्या बिना पटाखे के दीवाली नही मनाई जा सकती है ? ग्लोबल वार्मिंग और बच्चों की मौत को रोकने में इस दीवाली पर आपकी क्या भूमिका होगी. आप हमें फोन या व्हाट्सएप के जरिये 94318-07274 पर मैसेज व इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज सकते है.

पटाखा नहीं जलाने का दोहराया संकल्पसहरसा नगर… दीपावली रौशनी का त्योहार है, लक्ष्मी की पूजा की जाती है. जो पटाखों की शोर नहीं, शांति पसंद करती है. गौतम, बटराहा… दीपावली पर देवी की पूजा करनी चाहिए, पटाखा जलाने से पहले उनको बनाने में गये मासूम बच्चों की जिंदगी के खातिर पटाखा को न कहे.राजाराम,सहरसा… पटाखा की बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए, कारखाना में काम करने वाले बच्चों के लिए यह खतरनाक है.

आलोक सिंह, सहरसा… दीपावली दीपों का त्योहार है, पटाखों का नहीं. इसे सादगी से मनाना चाहिए.प्रभात सिंह, पंचगछिया… प्रभात अभियान का धन्यवाद, दीपावली पर पटाखा नहीं जलाने का लें संकल्प.सुनील साह, सहरसा… हमने तो दीपावली पर पटाखा नहीं जलाने का संकल्प लिया है.

सभी को लेना चाहिए.मनोज निषाद, सिमरी बख्तियारपुर… पटाखा के शोर व उस से होने वाले प्रदूषण से छाती व लंग्स में संक्रमण होता है. इस अभियान के लिए प्रभात खबर का धन्यवाद.सिद्धांत, बनगांव… दीपावली के मौके पर पटाखा जलाने की कोई परंपरा नहीं है, इसे रोकना होगा.तृप्ति झा, कहरा… हमे शोर नहीं शांति पसंद है, समाज में सभी लोगों को मिलकर पटाखा का बहिष्कार करना होगा.राजन यादव, सत्तरकटैया… आतिशबाजी नहीं जलाने का संकल्प लेते हैं,

घर के बच्चों को भी जागरुक करेंगे.रवि दास, सहरसा… पटाखा स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है, हमे इसका बहिष्कार करना होगा.विशाल, सहरसा… आतिशबाजी जलाने से पर्व का मजा नहीं है, हमें साधना करनी चाहिए. लक्ष्मी शांति पसंद है. विकास, गंगजला… दीपावली पर पटाखा नहीं जलाना है, बच्चों को इसके दुष्प्रभाव से अवगत करायेंगे.किशोर कुणाल, पतरघट… पटाखा रूपयों की बरबादी है, इसका बहिष्कार करने का संकल्प लेते हैं.सौरभ ठाकुर, सोनवर्षाराजफोटो- दीपावली से संबंधित फोटो लगा देंगे

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें