सहरसा सिटी : प्रमंडलीय अस्पताल कहे जाने वाले सदर अस्पताल जनप्रतिनिधि व विभागीय लापरवाही से खुद बीमार हो रहा है. अस्पताल को जगमग करने के लिए लगभग 33 लाख की राशि खर्च की गयी. इसके बावजूद परिसर एक हाईमास्ट लैंप के भरोसे रोशन हो रही है.
इतना ही नहीं विभागीय लापरवाही के कारण सदर अस्पताल परिसर अवैध कब्जाधारियों का बसेरा बनता जा रहा है. ऐसी बात नहीं है कि इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारी व जिला प्रशासन को नहीं है. मालूम हो कि सदर अस्पताल में सहरसा के अलावे मधेपुरा, सुपौल, खगड़िया सहित अन्य जिलों से लोग इलाज कराने व रेफर होकर आते हैं.