फर्जी योजना के क्रियान्वयन से गांव में तनाव फोटो – मधेपुरा ,01सांसद शरद यादव के फर्जी अनुशंसा पर बनायी गयी योजना कार्यप्रारंभ से पूर्व संवेदक को विभाग ने किया 75 प्रतिशत अग्रिम राशि का भुगतान उपलब्ध जमीन मात्र 159 फीट योजना है छह सौ फीट काग्रामीणों ने योजना को लेकर उठाये दर्जनों सवाल, दिया आवेदन प्रतिनिधि, मधेपुराजिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड के मधुबन पंचायत स्थित वार्ड नंबर पांच में योजना विकास विभाग द्वारा कराये जा रहे छह सौ फीट सड़क निर्माण में लगातार हो रहे नियमों की अनदेखी के कारण गांव में तनाव का माहौल व्याप्त है. ज्ञात हो कि इस योजना को लेकर शुरू से ही फर्जी वारा किया जा रहा है. योजना के क्रियान्वयन में जुटी एजेंसी पूर्व में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मधेपुरा के पूर्व सांसद शरद यादव के फर्जी अनुशंसा के आधार पर योजना की स्वीकृति लिया था. कार्यकारी एजेंसी की पहुंच का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है कि 32 लाख 50 हजार रूपये की इस योजना को प्रारंभ करने से पूर्व ही 75 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान भी एजेंसी को कर दिया गया. हालांकि कार्य शुरू होने के बाद परत दर परत फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद सांसद के आदेश पर तत्काल जिला प्रशासन ने कार्य पर रोक लगा दिया था. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पुन: कार्यकारी एजेंसी निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. जिससे गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. मधुबन ग्रामवासी पूर्व विधायक सिंहेश्वर मेहता ने इस बाबत वरीय अधिकारियों को आवेदन भेज कर कार्य पर रोक लगाने और फर्जी वारा करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है. सांसद के फर्जी अनुशंसा पर ली गयी योजना मधेपुरा के तत्कालीन सांसद शरद यादव के फर्जी लेटर पेड पर फर्जी अनुशंसा दिखा कर योजना विकास विभाग द्वारा योजना संख्या 01/ 2014-15 शुरू किया गया था. इस योजना के तहत मधुबन गांव के वार्ड नंबर पांच स्थित विष्णुदेव सिंह के घर से चंद्र किशोर सिंह के घर तक छह सौ फीट नाला और सड़क निर्माण की योजना आरंभ की गयी. इस योजना का कुल प्राक्कलित राशि 32 लाख 52 हजार पांच सौ रूपया है. योजना शुरू करने से पूर्व कार्यकारी एजेंसी को 75 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया. जब योजना शुरू हुआ तो ग्रामीणों को सांसद के फर्जी अनुशंसा की बात पता चली ग्रामीणों ने तत्काल सांसद शरद यादव को मामले की जानकारी दे कर लिखित आवेदन दिया. सांसद ने तत्काल इस योजना पर रोक लगाने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया और जिला प्रशासन ने योजना पर रोक लगाते हुए मामले की छानबीन शुरू की. लेकिन अब तक जांच की जानकारी ग्रामीणों या शिकायत कर्ता को नहीं मिल पायी है. फिर शुरू किया निर्माणविगत कुछ दिनों से पुन: कार्यकारी एजेंसी निर्माण कार्य में जुट गयी है. पूर्व विधायक सिंहेश्वर मेहता सहित अन्य ग्रामीण अजय कुमार आदि ने योजना में व्याप्त अनगीनत खामियों को लेकर पुन: प्रशासन से पत्राचार किया है. पूर्व विधायक ने कहा है कि योजना की उपयोगिता मधुबन पंचायत के वार्ड नंबर सात में था. जहां एक हजार महादलित परिवार सड़क और नाला के अभाव में परेशानियों से घिरे है. जबकि वार्ड नंबर पांच में एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के उदेश्य से 32 लाख रूपये की योजना कैसे शुरू की है. साथ ही आवेदन में कहा है कि वर्तमान निर्माण स्थल पर मात्र 159 फीट सरकारी जमीन उपलब्ध है. ऐसे में छह सौ फीट योजना के क्रियान्वय में जमीन कहां से आयेगी. वहीं योजना के पुन: शुरू होने पर ग्रामीण जांच रिपोर्ट पर भी संशय प्रकट कर रहे है. वर्जन योजना के जांच से संबंधित पर्याप्त जानकारी मुझे उपलब्ध नहीं है. ग्रामीणों द्वारा दिये आवेदन के आलोक में बीडीओ से जांच करवाया जा रहा है. रविवार को मैं स्वयं निर्माण स्थल पर जा कर मामले की जांच करूंगा. मुकेश कुमार, एसडीओ, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा
फर्जी योजना के क्रियान्वयन से गांव में तनाव
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