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पल्लव झा के हत्यारों को बचाने की हो रही है कोशिश!
सहरसा : कायस्थ टोला निवासी व पल्लव झा के बड़े भाई पावस कुमार झा ने मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेज पुलिस पर हत्यारों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. आवेदन में श्री झा ने बताया है कि राजनैतिक प्रभाव व दबाव में आकर हत्या को आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया किया […]
सहरसा : कायस्थ टोला निवासी व पल्लव झा के बड़े भाई पावस कुमार झा ने मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेज पुलिस पर हत्यारों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. आवेदन में श्री झा ने बताया है कि राजनैतिक प्रभाव व दबाव में आकर हत्या को आत्महत्या साबित करने का प्रयास किया किया जा रहा है.
गौरतलब है कि 20 सितंबर को पल्लव झा की हत्या हो गयी थी. पावस झा ने बताया है कि पल्लव के पास आत्महत्या की कोई वजह नहीं थी. वह खाने पीने व मौज की जिंदगी जीने वाला व्यक्ति था. उसका पारिवारिक जीवन सुखमय था व उस पर किसी की देनदारी नहीं थी. श्री झा ने बताया है कि घटना की रात से पूर्व शनिवार को पल्लव 12 बजे दिन में निकला था.
12 बजे रात तक नहीं आने के बाद वे उन्हें ढुंंढ़ने निकले. आसपास के लोगों से पता चला कि वह पूर्व सांसद के घर के बाहर स्थित गार्ड रूम में है. कमरा बंद होने के कारण खिड़की से झांकने पर पल्लव को प्राथमिकी के अभियुक्तों के साथ बातचीत करता पाया. उस कमरे में चौकी पर ताश, रुपये, शराब की बोतल व मिक्सचर भी रखा था. भाई से घर आने की बात कहने पर उसने थोड़ी देर में आने की बात कही. लेकिन वह नहीं आया. अगले दिन सुबह उन्हें हादसा के होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने कमरे के पीछे की खुली खिड़की से केबल वायर के सहारे पल्लव को लटका देखा.
उसका पैर जमीन में सटा हुआ था. पल्लव के मुंह से लार भी नहीं निकल रहा था. उन्होंने अपने मोबाइल में कई तसवीरें भी ली थी, जो सुरक्षित है. वहां पहुंचे एसपी ने लोगों के दबाव में फोरेंसिक टीम को बुलवाया. टीम के आने से पूर्व ही लाश का पोस्टमार्टम कराया गया. पहुंच के प्रभाव में आकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी गलत बनवायी गयी. रिपोर्ट में गले की हड्डी की स्थिति नहीं बतायी गई है.
बिना फेफड़ा देखे ही सिकुड़ा बता दिया गया है. आवेदक ने कहा है कि तीन माह गुजर जाने के बाद भी अभियुक्त खुला घुम रहे हैं. धमकी दे रहे हैं. उन्होंने मानवाधिकार अध्यक्ष से अपने स्तर से संज्ञान लेकर न्याय दिलाने की मांग की है.
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