बिष्णु स्वरूप, सहरसा : अगले दो वर्षों में देश के पांच बड़े शहरों से पानी समाप्त होने व 20 बड़े शहरों में जल संकट गहराने की नीति आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद बिहार सरकार त्वरित रूप से हरकत में आयी और कैबिनेट की बैठक कर राज्य के सभी तालाब, कुओं, झील, आहर पाइन के जीर्णोद्धार का निर्णय लेकर इस दिशा में कार्य भी शुरू कराया. बारिश के पानी को बेकार नहीं जाने देने को लेकर सोख्ता बनाने की नीति भी लागू की.
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जागरूकता अभियान पूरा, अब जलश्रोतों के जीर्णोद्धार की बारी
बिष्णु स्वरूप, सहरसा : अगले दो वर्षों में देश के पांच बड़े शहरों से पानी समाप्त होने व 20 बड़े शहरों में जल संकट गहराने की नीति आयोग की रिपोर्ट पेश होने के बाद बिहार सरकार त्वरित रूप से हरकत में आयी और कैबिनेट की बैठक कर राज्य के सभी तालाब, कुओं, झील, आहर पाइन […]
सरकारी परिसरों के लिए बारिश के पानी को जमीन के अंदर पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दे दिये गए हैं. जल संरक्षण के अलावे राज्य में हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से पौधारोपण पर भी जोर दिया गया और अधिक से अधिक पौधा लगाने का अभियान चलाया गया.
पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान को मजबूती देने के लिए सीएम के निर्देश पर 19 जनवरी को राज्य में मानव शृंखला का निर्माण हुआ. इसमें लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. अब जल संरक्षण के उन साधनों को सुदृढ़ करने की बारी है, जो दशकों से उपेक्षा के शिकार बने हुए हैं या फिर जमींदोज हो चुके हैं.
22 अक्तूबर तक ही करना था जीर्णोद्धार: जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार पैदा हो रहे संकट से उबरने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रारंभिक चरण में राज्य में जल संरक्षण के ऐसे सभी श्रोतों को चिह्नित करने का निर्णय निया गया था.
इसी क्रम में सहरसा में हुए एरियल सर्वे में 1621 सार्वजनिक तालाब व 3057 सार्वजनिक कुओं को चिह्नित किया गया था. सर्वे के बाद उन तालाब व कुओं के जीर्णोद्धार की योजना बनायी गयी थी. जीर्णोद्धार के लिए 22 अक्तूबर तक की तिथि निर्धारित की गयी थी, लेकिन बरसात के कारण काम नहीं हो सका.
बारिश के बाद पूरा प्रशासनिक अमला मुख्यमंत्री के जल-जीवन-हरियाली को लेकर हुए भ्रमण कार्यक्रमों में उलझा रहा. फिर मानव शृंखला की कड़ी को मजबूत बनाने में सारी सरकारी ताकतें झोंक दी गयी. अब जब जागरूकता अभियान के सारे कोरम पूरे हो गये हैं तो लोग योजना शुरू होने की ओर टकटकी लगाये हुए हैं.
225 सार्वजनिक तालाबों का होना है जीर्णोद्धार: एरियल सर्वे के अनुसार जिले के बनमा इटहरी के 71 सार्वजनिक तालाब में दो, कहरा प्रखंड में 148 में 31, महिषी के 459 में 28, नवहट्टा के 228 में 14, पतरघट के 83 में 11, सलखुआ के 91 में 14, सत्तरकटैया के 174 में 38, सिमरी बख्तियारपुर के 79 में 35, सोनवर्षा में 141 में 29, सौरबाजार के 149 में 18 सार्वजनिक तालाबों को चिह्नित किया गया है.
जबकि एरियल सर्वे में सार्वजनिक कुआं के रूप में बनमा इटहरी में 112, कहरा प्रखंड में 272, महिषी में 484, नवहट्टा में 91, पतरघट में 133, सलखुआ में 86, सत्तरकटैया में 341, सिमरी बख्तियारपुर में 563, सोनबरसा में 608, सौरबाजार में 367 सार्वजनिक कुआं चिह्नित किया गया है.
रखरखाव के अभाव में अधिकतर जलश्रोत हुए मृतप्राय: सरकारी आकड़ों में सोनवर्षा अंचल क्षेत्र में पोखर व तालाब की संख्या 141 है. इसमें आधे से अधिक अतिक्रमित हैं. जबकि मत्स्यजीवी सहयोग समिति के कुल 29 आहार पाइन पोखर हैं, जिसमें नौ अतिक्रमित हैं. जबकि 608 कुओं में से लगभग सभी अपना अस्तित्व छोड़ कर भूमिगत हो गए हैं.
पतरघट अंचल क्षेत्र में सरकारी एवं गैर-सरकारी तालाबों की संख्या 83 व कुओं की संख्या 419 है. जबकि आहर पाइन की संख्या 46 है. इनमें से अधिकतर जलश्रोतों ने दम तोड़ दिया है. जबकि कई अतिक्रमित कर लिए गए हैं. सरकार के आदेश के बाद भी अब तक न तो उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया गया है और न ही जीर्णोद्धार का कार्य ही शुरू हुआ है.
सीओ अनंत कुमार ने बताया कि जीर्णोद्धार मद में अब तक आवंटन नहीं मिला है. इधर नवहट्टा प्रखंड में सरकारी एवं गैरसरकारी तालाबों की संख्या 229 व कुओं की संख्या 93 है. अंचल प्रशासन ने 229 तालाबों में से 200 से अधिक तालाब के जीर्णोद्धार की जरूरत बताते रिपोर्ट भेजा है. सीओ रामपुकार सिंह ने बताया कि तालाब और कुओं की जांच कर रिपोर्ट जिला को भेजी जा रही है.
उसके बाद ही जीणोद्धार के लिए योजना आवंटित की जाएगी. सौरबाजार अंचल प्रशासन ने अब तक दर्जनों तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है. सीओ श्रीनिवास के अनुसार कुआं के सर्वे का काम चल रहा है. गम्हरिया पंचायत के एक सार्वजनिक तालाब के जीर्णोद्धार के लिए सरकार की ओर से 17 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई है.
पाइन का भी सर्वे किया जा रहा है. बहुत जल्द ही सर्वे का काम पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि पाइन समुचित रखरखाव नहीं रहने के कारण जीर्ण शीर्ण स्थिति में पहुंच मृतप्राय हो गया है. कुएं के संबंध में सीओ ने बताया कि सार्वजनिक कुओं को चिह्नित कर जीर्णोद्धार के लिए प्रभावकारी कदम उठाये जा रहे हैं.
अतिक्रमित हैं जलश्रोत के सारे भूखंड
19 को सीएम के आह्वान व जिला प्रशासन के दबाव में मानव कतार लगा अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर प्रशासन निश्चिंत है. इस योजना के तहत सभी सरकारी व सार्वजनिक तालाबों, पाइन आहर व अन्य जलाशयों का जीर्णोद्धार कर पौधरोपण को गति देना है.
जिला मुख्यालय से अंचल प्रशासन को इन सरकारी भूखंडों को सूचीबद्ध कर अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश भी मिल चुका है. क्षेत्र के कई पंचायतों के सरकारी पोखर व महार पर दशकों से लोग अनधिकृत रूप से कब्जा जमाये बैठे हैं.
महीनों पूर्व प्रखंड मत्स्यजीवी संघ के सचिव नारायण मुखिया ने इन अतिक्रमित पोखरों को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर अंचल कार्यालय में आवेदन भी दिया था. महिषी में डाक बंगला के समीप महादलित परिवारों का अवैध कब्जा है. इन सभी परिवारों को नयानगर मुसहरी टोला में जमीन का पर्चा भी दशकों पूर्व मिला व कब्जा में है.
पर इस जमीन पर लोग खेती कर रहे हैं व पोखर के महार पर रैन बसेरा बनाये हुए हैं. पोखर में कचरा फेंकने से जानवरों के पीने लायक पानी भी रहा है. इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत पस्तवार के झिटकी व कन्दाहा, आरापट्टी के अंग्रेजिया पोखर आदि पर भी तथाकथित दबंगों का कब्जा बरकरार है व मुक्ति का बाट जोह रहा है.
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