सहरसा : बिहार के सहरसा में नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के कोसी तटबंध के किनारे आगामी चुनाव के मद्देनजर नवहट्टा थाना पुलिस शनिवार को गाड़ी जब्ती अभियान चला रही थी. इसी क्रम में एक ट्रैक्टर चालक तारानंद सदा अपनी गाड़ी लेकर वहां से भागने लगा. इस पर पुलिस ने उसे पकड़ कर उसके साथ मारपीट की. इसमें वह बुरी तरह घायल हो गया. मारपीट के बाद जब मोहनपुर के रास्ते शाहपुर होते हुए थाना कर्मी वापस थाना पहुंच रहे थे. उसी समय ड्राइवर के घर महादलित टोला पीरगंज के समीप उसके परिजनों ने पुलिस गाड़ी को रोककर पथराव शुरू कर दिया. इसमें पुलिस गाड़ी का ड्राइवर रंजीत कुमार व होमगार्ड सुरेश साह बुरी तरह जख्मी हो गये. पुलिस अपनी जान बचाकर किसी तरह थाना पहुंची.
थाना पहुंचने के बाद पुलिस कैंप से दर्जनों पुलिस बल के साथ अंचलाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. उनके साथ चुनावी कार्य के लिए आये कैंप पुलिस द्वारा महादलित परिवारों के घर-घर में घुसकर महिला व पुरुष के साथ मारपीट की गयी. इसी क्रम में कुछ कैंप के पुलिस ने बगल के मंझौल स्थित मुसलमान टोले में भी घुस कर मारपीट की. इससे आक्रोशित मुसलमानों ने कैंप के दर्जनों पुलिस पर पथराव कर दिया.
इसमें कई पुलिस कर्मी को भी चोटें आयी और मौके पर सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी भी अपनी जान बचाते हुए तत्काल वहां से निकले. फिर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से मामले को शांत करवाने का प्रयास किया गया, लेकिन आक्रोशित लोगों ने पुनः रोड़ा व पत्थरबाजी की. इसके बाद प्रशासन के द्वारा लगभग नौ राउंड फायरिंग की गयी. इसके बाद मामले पर काबू पाया गया और जनप्रतिनिधि की मदद से तत्काल मामले को शांत किया गया.
एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने कहा कि मामले को घटनास्थल पर हमने अपनी आंखों से देखा है. चिह्नित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. अगर इसमें पुलिस प्रशासन दोषी हुए तो उनके विरुद्ध भी प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी. हालांकि स्थानीय लोग इसे वाहन जब्ती के बजाय वसूली की लड़ाई करार दे रहे थे.
किसी तरह जान बचा कर भागे पुलिस वाले
आगामी चुनाव को देखते हुए थानाध्यक्ष के निर्देशानुसार नवहट्टा पुलिस ने कोसी तटबंध के किनारे पुराना देवबंद मंदिर के समीप वाहन जब्ती अभियान चलाया. इसमें कई गाड़ी भी जब्त की गयी. मौके पर एक ट्रैक्टर चालक तारानंद सादा ने वहां से अपनी गाड़ी लेकर भागने का प्रयास किया. उसे थाना पुलिस ने पकड़ लिया और उसे बुरी तरह पीटा. इसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गयी. घटना की जानकारी मिलते ही ड्राइवर तारानंद सदा के परिजनों ने थाना के वाहन को रोककर वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया. ड्राइवर सहित होमगार्ड का एक जवान जख्मी हो गया. जबकि अन्य पुलिस कर्मी किसी तरह अपनी जान बचाकर नवहट्टा थाना पहुंचे.
सड़क जाम कर करने लगे प्रदर्शन
पीरगंज घटना स्थल पर से पुलिस के भागने के बाद ड्राइवर सदा के परिजनों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. महादलित परिवार की महिलाएं झाड़ू लेकर सड़क पर पुलिस मुर्दाबाद का नारा लगाते रिश्वतखोरी का आरोप लगाने लगी. परिजनों व महादलित परिवारों ने खुले शब्दों में कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा प्रतिबंध के बावजूद अवैध खनन के मामले में लोगों से काफी वसूली की जाती है. जो पैसे देता है उसे मिट्टी काटने दिया जाता है और जो मासिक रिश्वत नहीं देता है उसके ट्रैक्टर को पकड़ा जा रहा है. यह मामला चुनाव में गाड़ी जब्ती का नहीं, रिश्वतखोरी का है.
घर में घुस कर पीटा, पत्थरबाजी में जवान भी हुए चोटिल
मौके पर जब थानाध्यक्ष अनिल कुमार, सीओ अबु अफसर व बीडीओ विवेक रंजन दर्जनों पुलिस बल के साथ पहुंचे तो लोग जाम कर प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. इसके बाद थानाध्यक्ष ने चुनाव कार्य में आये कैंप के पारा मिलिट्री जवान की मांग कर महादलित परिवार के लोगों पर लाठीचार्ज करवा दिया. लाठीचार्ज में कई निर्दोष भी बुरी तरह चोटिल हुए. ग्रामीणों ने आरोप लगाते कहा कि कैंप से आये पुलिस के द्वारा पीरगंज के महादलित समुदाय व मुसलमान टोली में घुस कर भी कई महिलाओं पीटा गया. इससे आक्रोशित मुसलमानों ने दर्जन से अधिक पुलिस के जवान पर पत्थरबाजी कर दी. पत्थरबाजी में कई पुलिस जवान को भी चोटें आयी.
मौके पर पहुंचे सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रभाकर तिवारी ने घटनास्थल पर लोगों को समझाते बुझाते स्थिति पर काबू करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ परिवार वालों जिनके निर्दोष लोगों को कैंप की पुलिस द्वारा पीटा गया था, उस पर आक्रोशित होकर फिर से रोड़ा व पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरबाजी की भयानक स्थिति देखकर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने भी वहां से तत्काल निकलना ही मुनासिब समझा. मामले को गंभीर देखते हुए पुलिस ने मामले को काबू में करने के लिए नौ राउंड हवाई फायरिंग की. काफी मशक्कत के बाद अन्य सैकड़ों पुलिस की व्यवस्था कर लोगों पर दहशत का माहौल बनाया और स्थिति को काबू में किया.
स्थानीय जनप्रतिनिधि की मदद से लोगों को काफी समझाया बुझाया और आपस में बैठकर मामले की विस्तृत जानकारी ली. स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा कई माह से अवैध खनन में रिश्वतखोरी की जाती है. जो पैसे नहीं देता है उसकी गाड़ी पकड़ी जाती है और जो पैसे देता है उसे कुछ नहीं कहा जाता. उन्होंने स्थानीय लोगों से यह भी कहा कि अगर प्रशासन कैंप द्वारा गाड़ी जब्ती की जाती तो उसमें कुछ लोगों को नोटिस मिला, जो लोग गाड़ी नहीं देते, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाती. लेकिन हमलोगों को तो नोटिस भी नहीं दिया गया था.
तीन घंटे के बाद पाया काबू
हालांकि, स्थानीय लोगों ने यह भी कहा जिस समय स्थानीय पुलिस के द्वारा गाड़ी जब्ती अभियान चलाया जा रहा था. उस समय पुलिस गाड़ी में एक भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं थे. होमगार्ड के द्वारा ट्रैक्टर चालकों से वसूली की जा रही थी. पुलिस प्रशासन के द्वारा तीन घंटे तक जब काफी मशक्कत किया गया. तब मामला काबू में अाया. इसमें स्थानीय प्रखंड प्रमुख शमीम अख्तर पप्पू की भूमिका अहम थी. उन्होंने महादलित समुदाय व मुसलमान समुदाय के लोगों को भी शांत करवाया.
सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने लोगों से वास्तविकता की जानकारी ली और लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि उसमें निर्दोष लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी. अगर इसमें प्रशासनिक अधिकारी दोषी हुए तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी. इधर पुलिस की मारपीट से घायल ड्राइवर को तत्काल स्थानीय पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जहां स्थिति को नाजुक देखते हुए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
वहीं पुलिस गाड़ी ड्राइवर रंजीत कुमार को भी स्थानीय पीएचसी में इलाज के बाद सदर अस्पताल बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया. हालांकि पिछले कई माह से छतवन किनारे अवैध खनन किया जा रहा था. जहां स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी उदासीन बने हुए थे. मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक अब्दुल गफूर भी घटनास्थल पर पहुंचे व सभी बातों की जानकारी ली और निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं करने की बात प्रशासनिक अधिकारी को कहा. उन्होंने स्थानीय लोगों को भी आपसी एकता बनाये रखने का लोगों से आग्रह किया.
मामलेपरजानकारीदेते हुए नवहट्टा थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने बतायाकि वाहन जब्ती के लिए निकले प्रशासनिक अधिकारी के साथ ड्राइवर के द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया. इस कारण पुलिस ने अपने बचाव के लिए कार्रवाई की. उनके परिजनों के द्वारा पत्थरबाजी की गयी और इसी कारण इतना बड़ा विवाद हुआ.
वहीं सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रभाकर तिवारी ने कहा, मामला बड़ा ही भयावह हो गया था. लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा मामले पर काबू पाया गया है. इसमें जो भी दोषी होंगे, उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी. अगर प्रशासनिक अधिकारी दोषी हुए तो वे भी बख्शे नहीं जायेंगे.