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लोक अदालत में छोटे मामलों का होता है त्वरित निबटारा

राष्ट्रीय लोक अदालत. चार हजार से अधिक मामले निबटाये गये सहरसा : व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय नाथ झा, एडीजे द्वितीय एवं क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक प्रशांत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. अध्यक्षता संघ अध्यक्ष मनोज […]

राष्ट्रीय लोक अदालत. चार हजार से अधिक मामले निबटाये गये

सहरसा : व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय नाथ झा, एडीजे द्वितीय एवं क्षेत्रीय प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक प्रशांत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया. अध्यक्षता संघ अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह एवं संचालन विधिक सेवा प्राधिकार सचिव ने किया. जिला जज ने कहा कि लोक अदालत सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्व पीएन भगवती की परिकल्पना है.
उन्होंने कहा वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकार का गठन किया गया. इसमें गांव एवं पंचायत स्तर पर विवादों का निबटारा करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि ऊपरी अदालतों में बढ़ रहे मुकदमे को कम करने के लिए लोक अदालत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पूर्व में पारिवारिक विवादों का निबटारा बड़े एवं बुजुर्गों द्वारा दूर कर लिया जाता था. लेकिन अब छोटे मामले भी दर्ज होने लगे हैं.
उन्होंने इस राष्ट्रीय लोक अदालत को महत्वपूर्ण बताते कहा कि कम समय, कम खर्च एवं कम परेशानी से आपसी सुलह के आधार पर मुकदमों का निबटारा कर दिया जाता है. लोक अदालत में विभिन्न बैंकों द्वारा तीन सौ से अधिक मामले निबटाये गये. बैंकों द्वारा 12 करोड़ से अधिक राशि की वसूली की गयी. वहीं तीन लेबर मामले, नौ बिजली बिल संबंधित मामले एवं तीन हजार 771 अन्य सभी तरह के मामले निष्पादित किये गये. इसके निष्पादन के लिए नौ बेंचों का गठन किया गया था. लोक अदालत में एसबीआइ के साथ सेन्ट्रल बैंक, पीएनबी, ग्रामीण बैंक, बीओआइ आदि ने वादों का निबटारा किया.

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