सोनवर्षाराज : लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत लगमा पंचायत को खुले में शौच से मुक्त कराए जाने की जिला प्रशासन द्वारा तय की गयी समय सीमा आखिरकर गुजर गयी. पंचायत के कई वार्डों को प्रशासन द्वारा चरणबद्व तरीके से ओडीएफ किए जाने का कारनामा पूर्ण रूप से कागज पर किया जाना साबित हो चुका है.
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लोभ के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है ओडीएफ का सपना
सोनवर्षाराज : लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत लगमा पंचायत को खुले में शौच से मुक्त कराए जाने की जिला प्रशासन द्वारा तय की गयी समय सीमा आखिरकर गुजर गयी. पंचायत के कई वार्डों को प्रशासन द्वारा चरणबद्व तरीके से ओडीएफ किए जाने का कारनामा पूर्ण रूप से कागज पर किया जाना साबित हो चुका है. […]
जिला प्रशासन द्वारा प्रशासनिक व पंचायत प्रतिनिधियों की 19 सदस्यीय टीम गठित किये जाने के बावजूद खुले में शौच से मुक्त किए जाने की अंतिम तिथि तक शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका.
जिला द्वारा गठित टीम मे न केवल नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला कल्याण पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है. बल्कि वार्ड समूह पर्यक्षीय पदाधिकारी के रूप में सोनवर्षा के सीडीपीओ, मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. लगभग दो दर्जन के करीब अधिकारी एवं पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति के बावजूद आधा अधूरा व अनुपयोगी शौचालय का निर्माण करवा कर वार्डों को कागजी रूप में ओडीएफ का खेल खेला जाना शर्मनाक ही नहीं,
सरकार की आंखों में धूल झोंकने जैसा है. हालांकि प्रतिनियुक्त पदाधिकारीयों द्वारा शौचालय निर्माण कराने को लेकर काफी मशक्कत की गयी. इसके बावजूद जनता, पंचायत प्रतिनिधि व पदाधिकारियो के बीच आपसी सामंजस की कमी व लापरवाही की वजह से किये कराये पर पानी फिर गया. योजना के पूरा नहीं हो पाने में जनप्रतिनिधियों का लोभ भी बड़ा कारण रहा है.
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