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शुरू होगा 35 घंटे का उपवास

खरना आज. मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनेगा खीर का प्रसाद नहाने के बाद व्रतियों ने लिया कद्दू भात का प्रसाद व्रती दिन भर के उपवास के बाद रात में तोड़ेंगी व्रत आज रात से शुरू होगा निर्जला उपवास घाटों का सजाने का काम युद्ध-स्तर पर जारी सहरसा : चार दिवसीय महापर्व […]

खरना आज. मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बनेगा खीर का प्रसाद

नहाने के बाद व्रतियों ने लिया कद्दू भात का प्रसाद
व्रती दिन भर के उपवास के बाद रात में तोड़ेंगी व्रत
आज रात से शुरू होगा निर्जला उपवास
घाटों का सजाने का काम युद्ध-स्तर पर जारी
सहरसा : चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन आज बुधवार को खरना है. आज मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी के जलावन से खरना का प्रसाद बनेगा. दिन भर के उपवास के बाद व्रती रात में खरना का प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ेंगी. उसी के साथ छठ व्रती का 35 घंटे का निर्जला व निराहार व्रत शुरू हो जायेगा. छठ व्रत का समापन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ देने व प्रसाद ग्रहण करने के बाद होगा.
चपाती के लिए रही शुद्ध घी की मांग: खरना के प्रसाद में बनने वाली चपाती के लिए शुद्ध घी की भी खूब मांग रही. हालांकि कई लोगों ने गांव-देहात से घी मंगवा लिया है. वहीं शहरी क्षेत्र के अधिकतर लोग बाजार में बिक रहे घी की खरीदारी कर रहे हैं. इधर विभिन्न कंपनियों के डिब्बा बंद और टेट्रा पैक घी की भी खूब बिक्री हुई. शुद्ध घी 400 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है.
10 से 20 रुपये तक बिका केला : खरना के प्रसाद में निश्चित रूप से शामिल रहने वाले केले की भी दिन भर बिक्री होती रही. त्योहार के कारण केला व्यवसायियों ने भी विभिन्न प्रकार के पके केले का भरपूर स्टॉक कर लिया था. सिंगापुरी 20 रुपये, चीनीया व बागनर केला 15 रुपये प्रति दर्जन की दर से बिका. हालांकि सूप व डाला पर डालने के लिए लोग कच्चे व हरे केले खरीद रख रहे हैं.
बनेगा छठ का प्रसाद : सूख गया गेहूं, धुले मिल में होगी पिसाई
छठ पर्व के निमित्त खरीदे गये गेहूं को व्रतियों ने चुन-बिछ कर साफ पानी से धोकर अपनी लगातार निगरानी में सुखा लिया. बुधवार को धोये गये किसी आटा मिल में गेहूं पिसवाया जायेगा. इसी आटे से खरना का प्रसाद बनेगा. इसके अलावे कई घरों में जांता पर ही गेहूं की पिसाई होगी, चूंकि खरना का महाप्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर बनना है व उसमें पवित्र आम की लकड़ी का जलावन ही जलना है. इसलिए व्रतियों ने या तो घर में स्वयं ही मिट्टी का चूल्हा बनाया है या बाजार से खरीद कर मंगवा लिया है. बुधवार को दिन भर लोग आम की सूखी लकड़ियां भी खरीदते रहे.
खीर में खपत होगा दस लाख लीटर दूध
खरना के महाप्रसाद में खीर बनेगा. इसको लेकर बुधवार को सुबह से ही दूध के लिए डेयरी फॉर्म पर लोगों की भीड़ बनी रही. इसके अलावे पैकेट बंद दूध की भी जबरदस्त मांग रही. शहर के लगभग सभी मिल्क पार्लरों पर सामान्य दिनों की अपेक्षा दस गुनी अधिक दूध की बुकिंग हुई है. शहर में प्रतिदिन पैकेट बंद दूध की औसत खपत दो लाख लीटर है. जो छठ के खरना के दिन पांच गुना अधिक यानी दस लाख लीटर के लगभग हो गयी है. इसके अलावे पशुपालक व स्थानीय डेयरी को लगभग 15 लाख लीटर दूध आपूर्ति करने का ऑर्डर है. खीर में डालने के लिए बढ़िया अरवा चावल, चीनी, काजू, किशमिश, छुहारा की भी खूब खरीदारी हुई.

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