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भद्दी-भद्दी गालियां सुन हतप्रभ थे सभी अधिकारी

सहरसा : रविवार की सुबह कलेक्ट्रेट जाने वाली सभी सड़कों को पूरी तरह सील कर दिया गया था. उस रास्ते से आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गयी थी. अांबेडकर चौक, इंदिरा गांधी चौक व एसपी ऑफिस चौक पर पुलिस की तैनाती थी. इधर कलेक्ट्रेट गेट पर वर्षों से अवैध रूप से चल रहे आकांक्षा […]

सहरसा : रविवार की सुबह कलेक्ट्रेट जाने वाली सभी सड़कों को पूरी तरह सील कर दिया गया था. उस रास्ते से आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गयी थी. अांबेडकर चौक, इंदिरा गांधी चौक व एसपी ऑफिस चौक पर पुलिस की तैनाती थी. इधर कलेक्ट्रेट गेट पर वर्षों से अवैध रूप से चल रहे आकांक्षा अनाथ आश्रम को खाली कराया जा रहा था. अनाथालय पर कार्रवाई की किसी को भनक तक नहीं थी. इधर अनाथालय खाली कराने में में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

गालियों को नजरअंदाज करते रहे अफसर
सुनसान माहौल के बीच-बीच में रोने व चिल्लाने भर की आवाज बाहर आ पा रही थी. वहां रह रही लड़की व महिलाओं की भद्दी-भद्दी गालियां सुन वहां मौजूद पदाधिकारियों के पैर पीछे भी हट जा रहे थे. लगातार हो रही गालियों की बौछार से पुलिस पदाधिकारियों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था. वे बल का प्रयोग भी करने की सोचते, लेकिन एसडीएम द्वारा दी गयी ट्रेनिंग के अनुसार सब कुछ बर्दाश्त करते रहे. कार्रवाई शुरू करने के साथ ही संचालक शिवेंद्र कुमार व उसकी पत्नी बबली देवी अधिकारियों पर बरस पड़ी.
अधिकारियों ने पहले उन दोनों को ही हिरासत में लेकर थाने भेज दिया. संचालक दंपती को ले जाते देख अनाथालय के बच्चे जोर-जोर से रोने-चिल्लाने लगे. लड़कियां व महिलाएं महिला पुलिस को गंदी-गंदी गालियां देने लगी, लेकिन वे नजरअंदाज कर कार्रवाई में जुटी रही. फिर बच्चों से बाहर खड़ी गाड़ी में बैठ जाने को कहा. हालांकि एसडीएम जोरवाल वहां के सभी बच्चों के लिए महंगे-महंगे चॉकलेट व बिस्कुट का पैकेट साथ लेकर गये थे. गाड़ी में बैठने से पहले एसडीएम ने बच्चों के बीच उस पैकेट को बंटवाया. छोटे बच्चे तो रोते-बिलखते बैठ गये, लेकिन बड़ी लड़कियां व महिलाएं नहीं जाने की जिद पर अड़ी रही. एसडीएम व एसडीपीओ के निर्देश पर सख्ती बरतते उन्हें भी जबरन गाड़ी पर बिठाया गया. आश्रम खाली कराने के बाद एसडीएम ने अपने समक्ष अनाथालय को सील कराया. उन्होंने कहा कि अवैध कार्य के विरुद्ध अभी कार्रवाई शुरू हुई है.

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