पहल. एक करोड़ 69 लाख की लागत से बना सुसज्जित भवन
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जल्द शिफ्ट होगा अग्निशमन विभाग
पहल. एक करोड़ 69 लाख की लागत से बना सुसज्जित भवन अब तक उधार के भवन में चलने वाले अग्निशमन विभाग को जल्द ही अपना भवन होगा. पुलिस लाइन के बगल में दो मंजिले भवन का निर्माण किया गया है. यह भवन हर प्रकार अत्याधुनिक सुविधा से लैस है. सहरसा : कभी शहर के बायपास […]
अब तक उधार के भवन में चलने वाले अग्निशमन विभाग को जल्द ही अपना भवन होगा. पुलिस लाइन के बगल में दो मंजिले भवन का निर्माण किया गया है. यह भवन हर प्रकार अत्याधुनिक सुविधा से लैस है.
सहरसा : कभी शहर के बायपास तो कभी जिला परिषद परिसर में कार्यालय चलाने को मजबूर अग्निशमन विभाग को जल्द ही अपना भवन मिलने वाला है. पुलिस लाइन के बगल में पुलिस निर्माण विभाग के द्वारा एक करोड़ 69 लाख की लागत से दो मंजिला भवन बनकर तैयार है. इसमें जल्द ही विभाग शिफ्ट होगा और यहीं से विभाग अपना काम करेगा. भवन में ग्राउंड फ्लोर पर कार्यालय, प्रथम मंजिल पर क्वार्टर, बैरक सहित अन्य कमरा है. भवन पूरी तरह अत्याधुनिक सुविधा से लैस है.
इसमें अधिकारी से लेकर जवानों तक के लिए क्वार्टर, वाहन रखने के लिए गैरेज, सामान रखने के लिए स्टोर रूम, दमकल में पानी भरने की सुविधा है. अग्निशामक अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि कुछ छोटे-मोटे काम बाकी हैं. संभवत: एक सप्ताह के अंदर संवेदक द्वारा भवन हैंडओवर के लिए पत्र दे दिया जायेगा. पत्र मिलते ही उसे मुख्यालय को भेजा जायेगा.
हैंडओवर से पूर्व भवन की जांच के लिए मुख्यालय स्तर से एक बोर्ड का गठन किया जायेगा. इसमें जिला के पुलिस अधीक्षक, गृहरक्षा वाहिनी के जिला समदोष्टा, सामान्य प्रशासन के अधिकारी व फायर ब्रिगेड के अधिकारी भवन की जांच कर अपनी रिपोर्ट समर्पित करेंगे. इसके बाद भवन को विभाग अपने अधीन लेगी.
सीएम करेंगे उद्घाटन, तिथि जल्द होगी निर्धारित
संवेदक द्वारा हैंडओवर का पत्र मिलने व बोर्ड की रिपोर्ट के बाद राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा भवन का उद्घाटन किया जायेगा. अग्निशामक पदाधिकारी ने बताया कि संभवत: मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यालय से ही उद्घाटन किया जायेगा. इसकी तिथि जल्द निर्धारित होगी.
अब दमकल लेकर नहीं जाना होगा पोखर
आग लगने की सूचना मिलने के बाद वर्तमान में अग्निशामक वाहन को पानी भरने के लिए किसी पोखर के पास जाना पड़ता था. इससे घटनास्थल पर पहुंचने में काफी समय लगता था. तब तक लाखों की संपत्ति जल जाती थी. नये भवन में पानी भरने की भी सुविधा है. नये भवन में कार्यालय शिफ्ट होने के बाद सूचना मिलते ही वाहन घटनास्थल की ओर कूच कर जायेगा. इससे लोगों की लाखों की संपत्ति जलने से बच सकती है.
चालक विहीन है विभाग, दमकल की भी कमी
इस सबके बीच एक बात काबिले गौर है कि जिस उद्देश्य से करोड़ों की लागत से भवन का निर्माण किया गया है. वह भगवान भरोसे चल रहा है. जिला मुख्यालय में तीन बड़े व दो छोटे अग्निशामक वाहन की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में एक बड़ा व एक छोटा वाहन ही है. दुर्भाग्य से उसे चलाने के लिए एक भी चालक नहीं है. आग लगने पर अग्निशामक पदाधिकारी या किसी जवान को ही वाहन लेकर आग लगने वाली जगह पर जाना पड़ता है. वही हाल सिमरी बख्तियारपुर में भी है. यहां भी दो वाहन है, लेकिन चालक नहीं है. अग्निशामक पदाधिकारी ने बताया कि आग के समय को देखते सोनवर्षाराज को हॉट स्पाट बनाया गया है. यहां सिमरी बख्तियारपुर से वाहन भेजा गया है. उन्होंने बताया कि जलई, महिषी व सौरबाजार में एक-एक वाहन है. इसे चलाने के लिए संविदा पर चालक हैं. चालक के साथ-साथ विभाग कर्मियों की कमी से भी जूझ रहा है. जानकारी के अनुसार स्वीकृत पद से सात सिपाही, दो पदाधिकारी कम हैं.
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