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बेकार पड़ा जलमीनार, गंदा पानी पी रहे करगहर के लोग
करगहर. स्वच्छ जल की आवश्यकता मानव जीवन की एक अत्यंत मूल आवश्यकता है जिसे सरकार अपनी संस्थाओं के माध्यम से आम जनों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हो पा रही है. इसका जीता जागता उदाहरण सरकार के माध्यम से प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये जलमीनार है, […]
करगहर. स्वच्छ जल की आवश्यकता मानव जीवन की एक अत्यंत मूल आवश्यकता है जिसे सरकार अपनी संस्थाओं के माध्यम से आम जनों तक पहुंचाने में सक्षम नहीं हो पा रही है. इसका जीता जागता उदाहरण सरकार के माध्यम से प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये जलमीनार है, जो आज सिर्फ दिखावे के वस्तु है.
लोगों की माने तो इन जलमीनारों के निर्माण काल में ही इतनी व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती गयी है. ये कुछ ही महीनों में बिना काम का चीज बन कर रह गया है. सुदूर ग्रामीण इलाके की बात करना तो दूर प्रखंड मुख्यालय पर पीएचडी विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये जलमीनार से जनता को कोई लाभ नहीं है. संवेदक द्वारा पानी सप्लाई करने के लिए बिछाये गये पाइप कई जगहों पर फट गये हैं, जिससे अनायास ही प्रतिदिन हजारों लीटर पानी का बरबाद हो रहा है़ इसका सुध लेनेवाला कोई नहीं है.
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