30 जून की रात से 30 सितंबर की मध्य रात तक खनन पर रोक
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फिर भी निकाला जा रहा बालू
30 जून की रात से 30 सितंबर की मध्य रात तक खनन पर रोक डेहरी : एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा पारित आदेश के आलोक में सहायक निदेशक खनन एवं भूतत्व रोहतास ने 30 जून की मध्य रात्रि से 30 सितंबर की मध्य रात्रि तक सोन नद से बाल के उठाव पर रोक लगा दिया […]
डेहरी : एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) द्वारा पारित आदेश के आलोक में सहायक निदेशक खनन एवं भूतत्व रोहतास ने 30 जून की मध्य रात्रि से 30 सितंबर की मध्य रात्रि तक सोन नद से बाल के उठाव पर रोक लगा दिया है़ बालू उठाव पर रोक के बावजूद कई घाटों से काम जारी है़
आदेश की अवहेलना रात में ही नहीं दिन में भी की जा रही है़ स्टेट लेबल इन्वायरमेंट इंम्पैक्ट ऑथिरिटी द्वारा पर्यावरण संबंधित एनओसी जिले में बालू खनन के लिए अधिकृत संस्था आदित्य मल्टीकम प्राइवेट लिमिटेड को देने के साथ यह भी निर्देश दिया था कि सोन नद से रेनी सीजन में किसी तरह से बालू का उठाव नहीं होगा़ रेनी सीजन की तिथि 30 जून से 30 सितंबर की मध्य रात्रि निर्धारित की गयी है. बावजूद इसके अभी भी सड़कों पर ओवर लोडेड बालू लदे ट्रकों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है़
बाेले अधिकारी: जिला खनन पदाधिकारी जानेंद्र कुमार कहते हैं कि सोन नद में बालू के उत्खन्न पर पूरे बरसात के समय तक रोक लगा दिया गया है. कुछ घाटों पर बालू स्टाॅक करने की इजाजत उत्खनन के लिए अधिकृत कंपनी ने ले रखी है. जहां उपलब्ध स्टॉक की जांच करायी जा रही है. किसी भी परिस्थिति में सोन नद के अंदर से उत्खनन नहीं होने दिया जायेगा. कानून विरोधी कार्य नहीं करनेवालों पर कार्रवाई की जायेगी.
रेनी सीजन में किसी तरह का नहीं होता उठाव
स्टॉक बालू का खनन विभाग के पास हो लेखा-जोखा
कंपनी के लोग यह कह सकते हैं कि अभी ट्रकों पर सोन नद से नहीं बल्कि सोन नद के बाहर स्टॉक किये गये बालू की लदाई की जा रही है. अगर यह बात सही है, तो किस घाट के बाहर कितना बालू स्टाक है, इसका लेखा-जोखा खनन विभाग के पास उपलब्ध होना चाहिए. खनन विभाग द्वारा बालू स्टाक करने के लिए कितने व किन-किन जगहों पर इजाजत दी गयी है. उन जगहों पर प्रतिदिन कितने बालू की ढुलाई हुई. इन सारी बातों की जानकारी भी खनन विभाग के कर्मियों के पास उपलब्ध होना चाहिए. रोक के बावजूद किसी परिस्थिति में किसी घाट में मशीन द्वारा ट्रकों पर बालू लोड की जा रही है. इस पर विशेष नजर विभागीय अधिकारियों को रखनी होगी. सहायक निदेशक खनन एवं भूतत्व द्वारा बरसात के सीजन में तीन माह तक सोन नद से बालू की निकासी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध संबंधित आदेश की प्रति डीएम, डीटीओ, एसडीएम, बीडीओ, थानों को भेजे जाने के बाद अपने स्तर से उक्त पदाधिकारियों को भी इस पर विशेष नजर रखनी होगी. लोगों का मानना है कि जब केवल थानाध्यक्ष यह ठान ले कि उनके क्षेत्र में पड़ने वाले बालू घाटों में अगले तीन माह तक किसी भी वाहन पर सोन नद से बालू लोड नहीं होगा तो यह रूकेगा ही़
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