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चित्रकला और नृत्य कला का किया प्रदर्शन

सासाराम कार्यालय : सर्द हवाऐं भी कलाकारों की बात तो दूर दर्शकों को भी प्रतियोगिता देखने से नहीं रोक पायीं. कलाकार भी जानते हैं कि वर्ष में एक बार उन्हें देश स्तर की प्रतियोगिता में कला के प्रदर्शन का मौका है, तो दर्शक जो पिछले वर्ष दिसंबर के अंत में समाप्त हुई प्रतियोगिता का 12 […]

सासाराम कार्यालय : सर्द हवाऐं भी कलाकारों की बात तो दूर दर्शकों को भी प्रतियोगिता देखने से नहीं रोक पायीं. कलाकार भी जानते हैं कि वर्ष में एक बार उन्हें देश स्तर की प्रतियोगिता में कला के प्रदर्शन का मौका है, तो दर्शक जो पिछले वर्ष दिसंबर के अंत में समाप्त हुई प्रतियोगिता का 12 महिने इंतजार किये है, उन्हें उत्कृष्ट कलाकारों की कला को देखने का मौका फिर एक वर्ष बाद ही मिलेगा.

तभी तो कड़ाके की ठंड के बावजूद डालमियानगर स्थित मॉडल स्कूल नाट्य ग्राम परिसर में ऑल इंडिया नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन अभिनव कला संगम के नाट्य मंच पर विभिन्न प्रदेशों से आए नाट्य टीमों द्वारा आठ नाटकों का मंचन किया गया.
तो कड़ाके की ठंड के बावजूद पंडाल में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी. महाराष्ट्र के भिवंडी मुंबई की नाट्य संस्था समय अकाडमी द्वारा आखरी पत्ता नाटक का मंचन किया गया. वसीम अख्तर अंसारी द्वारा लिखित नाटक में एक मानसिक रोगी की व्यथा को दर्शाइ गई है.
समाज के असंस्कारी बच्चों द्वारा मानसिक रोगी का मजाक उड़ा कर उसे अधिक रोगी बना दिया गया. वहीं आरिफ की व्यथा उसके पड़ोसी को देखी नहीं गई और उसने अपना आखरी पत्ता रूपी चीज को देकर अपना प्राण त्याग देता है और अमर हो जाता है. उक्त नाटक में सुल्तान कुरेशी, मियांज खान, अंसार अस्मत ने मंचन किया.
डेहरी की नाट्य संस्था शकुंतला द्वारा लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर नाटक का मंचन किया गया. संदीप कुमार सिंह के लेखन व निर्देशन में मंचित नाटक में एक लड़का स्वभाव से लड़की के अनुरूप स्वभाव करता है और वह समान लिंग के प्रति आकर्षित होने लगता है.
नाटक में अभय कुमार सिंह, यश कुमार, प्रसिद्ध ठाकुर, संदीप कुमार सिंह, बिट्टू कुमार ने अभियन किया. झारखंड के जमशेदपुर के नवसृजन नाट्य संस्था ने भागीरथ प्रधान द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक सम्मान का मंचन किया. जिसमें सैनिकों के पारिवारिक व दैनिक जीवन को वर्णित किया गया है. नाटक में देश की रक्षा करने वाले सैनिक अपने घर परिवार को छोड़कर सरहद पर तैनात रहते हैं. वे हमेशा अपनी जान हथेली पर लिये रहते हैं.
किंतु कभी-कभी व्यवस्था के हावी होने पर उनके सम्मान को ठेस पहुंचता है. इसकी जीवंत प्रस्तुति नाटक में कलाकार सरफराज, अरुण कुमार, सुभोजित साहू, भागीरथ प्रधान, विकास दत्ता, उज्जवल प्रकाश पांडे, शुभम कुमार, सुमित प्रधान, यश कुमार, शालू प्रिया, मनप्रीत गुजराल, स्नेहा पाटिल, रितेश सिंह, विकास प्रधान ने किया.
नाट्य ग्राम में अभिनव कला संगम के अध्यक्ष प्रो. रणधीर सिन्हा, निदेशक संजय सिंह बाला, महासचिव कौशलेंद्र कुशवाहा, संयोजक आशुतोष कुमार, मीडिया प्रभारी इंद्रकुमार बाघा, संतोष नीरज, रामकृष्ण शर्मा, शिव जी गुप्ता, विजय चौरसिया, सद्दाब सिद्धकी, रवि तिवारी, मृणाल गुप्ता, प्रमोद सिंह, संजय सिंह, सरोज उपाध्याय आदि सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया.
रविवार को अंतिम दिन नाटक के उपरांत शहर में भव्य रंग यात्रा निकालने की तैयारी है. रंग यात्रा में देश के विभिन्न राज्यों से आए कलाकार अपने-अपने राज्यों की झांकियों के साथ अपनी कला का सड़क पर प्रदर्शन करेंगे और उसी दिन शाम में रंगारंग कार्यक्रम के साथ पुरस्कार वितरण कर नाट्य महोत्सव का समापन होगा.

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