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पीएचइडी का चल रहा पंप फिर भी सूखे पड़े हैं नल

सासाराम सदर : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में पंप चल रहा है, ऐसा दावा पीएचइडी के अधिकारियों का है. पर, शहर की आधे आबादी के घरों में नल सूखे हैं. उनके नलों से करीब छह दिनों से पानी नहीं गिर रहा है. यह नागरिकों का दावा है. किसका दावा कितना सत्य, यह तो जांच […]

सासाराम सदर : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) में पंप चल रहा है, ऐसा दावा पीएचइडी के अधिकारियों का है. पर, शहर की आधे आबादी के घरों में नल सूखे हैं. उनके नलों से करीब छह दिनों से पानी नहीं गिर रहा है. यह नागरिकों का दावा है. किसका दावा कितना सत्य, यह तो जांच का विषय बन गया है?

आसमान के पानी से पीएचइडी परेशान है, तो पीएचइडी के पानी के लिए शहर के लोग. दोनों ओर से पानी ने ही परेशान कर रखा है. पीएचइडी का मोटर पानी में डूब जा रहा है, तो शहर के पश्चिमी मुहल्लों में रहने वाले लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. करीब छह दिन हो गये. वार्ड 10 व 11 में जलापूर्ति नहीं हो सकी है. लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं.
इधर पीएचइडी के अधिकारी जिलाधिकारी तक बात पहुंचा कर निश्चिंत हो जा रहे हैं. कह भी रहे हैं कि मोटर कभी-कभी चल रहा है. पानी नहीं पहुंच रहा है, तो वह क्या करें? इतना सरल जवाब कोई असंवेदनशील अफसर ही दे सकता है. पीएचइडी का काम ही है, लोगों को पानी देना. पानी नहीं पहुंचा, तो कहां रुका इसकी जांच व समस्या का निदान भी इन्हीं अफसर की जिम्मेदारी है.
पर, जिलाधिकारी तक बात पहुंचा कर, सुस्त पड़े रहना नागरिकों के प्रति असंवेदनशीलता ही कही जायेगी. पिछले छह दिनों से जिन घरों में पीने का पानी नहीं है. उनकी स्थिति महसूस की जा सकती है. उनके घरों में स्नान की बात तो दूर दाल गलाने के लिए आस-पड़ोस से पानी मांगना पड़ रहा है. और पीएचइडी डीएम को जानकारी देकर शून्य पर ही अटका है.
बारिश का जमा पानी निकालने के लिए पीएचइडी नहीं करता कोई स्थायी व्यवस्था
शहर में जब-जब बारिश होती है, तब-तब पंप हाउस में घुटने भर पानी भर जाता है, जिससे पीएचइडी पंप हाउस में स्थित मोटर बंद कर जलापूर्ति बंद कर दी जाती है.
लेकिन, समस्या यह है कि जमा पानी निकालने के लिए पीएचइडी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं करता है, बल्कि इसके अफसर व कर्मचारी पानी स्वयं निकलने का इंतजार करते हैं. इसके बावजूद जमा पानी नहीं निकलने पर विभाग के कर्मियों को किसी बर्तन के सहारे पानी निकालना पड़ता है, तब जाकर पानी निकलता और जलापूर्ति सेवा शुरू की जाती है.
लोगों ने कहा-पीएचइडी करता है सिर्फ खानापूर्ति
शहर के फजलगंज निवासी राकेश कुमार, मनीष कुमार, धमेंद्र रजक, शिवनारायण प्रसाद घायल आदि दर्जनों लोगों ने कहा कि पीएचइडी की लापरवाही से जलापूर्ति सेवा बाधित होती है.
पीएचइडी पेयजल सप्लाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है,जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ता है. बारिश का पानी तो सिर्फ बहाना है, नहीं तो थोड़ी सी तकनीकी खराबी होने पर भी पीएचइडी जलापूर्ति सेवा बाधित कर देता है. जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
कहते हैं वार्ड 10 के लोग
नगर के वार्ड 10 की रहने वाली सरिता देवी कहती हैं कि छह दिनों से उनके घर में पानी की आपूर्ति नहीं हुई है. स्नान की बात तो दूर, पीने भर का पानी नहीं बचा है. वहीं, उमेश श्रीवास्तव ने कहा कि पड़ोस के सबमर्सिबल से पीने का पानी मांगना पड़ रहा है.
पानी के बिना जीवन नहीं है. पानी नहीं आने की शिकायत करने पर पीएचइडी के कर्मचारी कहते हैं कि पानी जा रहा है. आखिर पानी कहां जा रहा है? क्या सड़क और जमीन पानी को पी जा रही है? हमें पानी चाहिए, नहीं तो हम अब सड़क पर उतरेंगे.
क्या कहते हैं अफसर
पीएचइडी के सहायक कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मोटर चल रहे हैं. पूरे शहर में जलापूर्ति हो रही है. पश्चिमी मुहल्लों में पानी नहीं पहुंच रहा, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. इसकी जांच की जायेगी. हालांकि, बीच-बीच में बारिश का पानी जमा होने से मोटर बंद हो जा रहे हैं. जलजमाव की समस्या से निजात अपने स्तर से करने में मैं सक्षम नहीं हूं.
यह तो नगर पर्षद की जिम्मेदारी बनती है कि जमे पानी को निकालने के लिए उचित व्यवस्था करें. लेकिन, नगर पर्षद जमा पानी निकालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं करती है और न ही विभाग को कोई व्यवस्था उपलब्ध कराती है, जिसके कारण पंप हाउस में जमे पानी निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है.

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