रजी अहमद खान, अकबरपुर : रोहतास प्रखंड अंतर्गत आने वाली 10 पंचायतों में सरकार की तरफ से पोखर, चेकडैम, आहर सहित अन्य जल निकायों को जीवनदान देने के लिए कुल 136 योजनाएं ग्राम सभाओं में पारित की गयी है. लगभग 30 लाख रुपये की योजनाएं बतायी गयी है. 10 पंचायतों में सबसे अधिक जलसंकट झेल रहे तीन पंचायतों रोहतासगढ़, रसूलपुर व तेलकप में जलसंकट को दूर करने के लिए काम में तेजी लायी गयी है. रोहतासगढ़ पंचायत में दो चेकडैम, दो कुआं, दो पोखराें का काम चल रहा है. रसूलपुर में पोखरा की सफाई करायी जा रही है.
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10 पंचायतों में 136 योजनाएं चयनित, 30 लाख आयेगा खर्च
रजी अहमद खान, अकबरपुर : रोहतास प्रखंड अंतर्गत आने वाली 10 पंचायतों में सरकार की तरफ से पोखर, चेकडैम, आहर सहित अन्य जल निकायों को जीवनदान देने के लिए कुल 136 योजनाएं ग्राम सभाओं में पारित की गयी है. लगभग 30 लाख रुपये की योजनाएं बतायी गयी है. 10 पंचायतों में सबसे अधिक जलसंकट झेल […]
तेलकप पंचायत में एक पोखरा में काम लगा है. इसके अलावा ऊचेला पंचायत का एक पोखर जो लगभग तीन एकड़ में फैला हुआ है उसे भी मनरेगा के तहत सफाई कराई जा रही है. चार पंचायतों होते हुए जो नौहट्टा प्रखंड के बेलौंजा से निकल कर अकबरपुर पंचायत के अवसानी नदी में मिलनेवाली आहर की चौड़ाई पहले 25 फुट थी. अब कहीं चार फुट तो कहीं 10 फुट में है. प्रशासन को इसे अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत है.
समय पर नहीं मिल रहे मजदूर
अपने पंचायत में आने वाले आहर में पिछले साल भी काम कराया गया था, लेकिन अब तक उसका पूरा भुगतान नहीं मिला. पंचायत के तालाबों में काम लगा है. उसे भी बारिश से पहले पूर्ण कर लिया जायेगा. मगर मजदूरी का दर कम होने की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे. प्राइवेट स्तर पर मजदूरों की दर तीन सौ रुपये हो गयी है. मगर सरकार द्वारा मजदूरों को मनरेगा में 80 सीएफटी मिट्टी काटने के बाद मात्र 177 रुपये ही दिया जाता है. इस कारण समय पर मजदूर नहीं मिलते.
दीनानाथ साह, मुखिया प्रतिनिधि, ऊचेला पंचायत
अतिक्रमणमुक्त होने के बाद शुरू होगा काम
आमसभा लगा कर जल से संबंधित सभी योजनाओं को हर पंचायत में ली गयी है. अगली बीडीसी की बैठक में इसे पास करा कर सारे अतिक्रमण को सरकार द्वारा मुक्त कराने की बात कही जायेगी. अतिक्रमण मुक्त होने के बाद हर पंचायत में आहार पोखर में काम लगा कर पूरा कर लिया जायेगा. सरकारी दर मजदूर नहीं मिल रहे. इस पर सरकार को यथाशीघ्र ध्यान आकृष्ट करना होगा, अगर मजदूरी का दर नहीं बढ़ा तो काम में बाधा पहुंचती ही रहेगा.
संतोष कुमार भोला, मुखिया
समस्या जानने के लिए 48 घंटे तक पहाड़ी के गांवों में डीएम ने बिताया था समय
डीएम पंकज दीक्षित ने पिछले दिनों 48 घंटा तक कैमूर पहाड़ी पर बसे वनवासियों के गांव में जाकर पेयजल संकट को दूर करने के लिए विभाग को बड़े-बड़े टास्क दिये हैं. देखना है कि उनका आदेश धरातल पर कितने दिनों में तब्दील होता है, जिससे वनवासी की वर्षों की समस्या दूर हो जाये.
रोहतासगढ़ एवं पिपरडी पंचायत की जनता भीषण गर्मी में पानी की समस्या को जिस तरीके से झेलती है, ऐसे समय में डीएम का अपने गांव में आगमन को देख कर भगवान का ही आगमन महसूस किये हैं और पूरी उम्मीद लगा कर बैठे हैं कि आहार-पोखर सहित नल जल योजना से हर गांव की परेशानी दूर हो जायेगी.
बरसात से पहले पूरी होंगी कुछ योजनाएं
रोहतास के पीओ नुरुल हुदा का कहना है कि 7 जून 2019 को विशेष आमसभा के बाद सरकार द्वारा जल निकाय पर जो टास्क दी गयी है उसमें युद्ध स्तर पर कार्य शुरू हो गया है. 2019-20 में प्रखंड की 136 योजनाएं ली गयी है. इससे जल निकाय के संकट दूर करने की कोशिश की जायेगी और आने वाली बरसात से पहले कुछ योजनाओं को तैयार कर लिया जायेगा.
सरकार को करनी चाहिए व्यवस्था
जलस्तर गिरने से प्रखंड के सभी गांवों में पानी की समस्या हो गयी है. सरकार को शीघ्र ध्यान देकर अतिक्रमणमुक्त कराने की योजना बनानी चाहिए और जहां-जहां किसानों को जल निकाय में परेशानी हो रही है. वहां-वहां व्यवस्था करनी चाहिए. आहर-पोखर का काम बरसात के पहले हो जाना चाहिए, क्योंकि आधे से ज्यादा किसान बरसात के पानी को स्टोर कर अपनी खेती करते हैं. ऐसे में जलजमाव की व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की गयी तो खेती करने में परेशानी होगी़
रामबहादुर आजाद, पूर्व प्रमुख
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