सासाराम ऑफिस : शेरशाह सूरी का जीवन प्रेरणास्रोत है. खास कर उस समय जब हम गांव या कहीं अन्य जगह जाते हैं और उनसे बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि हम गरीब है हम क्या कर सकते है. लेकिन, आप कितने भी गरीब रहो, अगर शेरशाह सूरी की तरह आपके अंदर इच्छा और जज्बा है, तो आप बादशाहत को भी पा सकते हो. गरीबी कभी आड़े नहीं आती. यह बातें डीएम पंकज दीक्षित ने डीआरडीए सभागार में सोमवार को शेरशाह सूरी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आयोजित सेमिनार में कहीं.
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अंदर इच्छा व जज्बा है, तो बादशाहत को पा सकते हो : डीएम
सासाराम ऑफिस : शेरशाह सूरी का जीवन प्रेरणास्रोत है. खास कर उस समय जब हम गांव या कहीं अन्य जगह जाते हैं और उनसे बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि हम गरीब है हम क्या कर सकते है. लेकिन, आप कितने भी गरीब रहो, अगर शेरशाह सूरी की तरह आपके अंदर इच्छा और […]
उन्होंने कहा कि उनका जीवन प्रेरणा देता है कि जो अपने दिमाग में जो गरीबी बैठायी है उससे हमें निकलना होगा. शेरशाह सूरी से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि उन्होंने एक कुशल प्रशासक बन कर दिखाया. सारी कठिनाईयों के बाद शेरशाह सूरी ने प्रशासक बन कर दिखाया. अगर आपके माता-पिता आपके विरुद्ध हैं तब भी आप कुछ बन कर दिखा सकते हैं. शेरशाह सूरी का जीवन चरित्र देखते हैं, तो जीवन की कई सीख मिलती है.
लगान व्यवस्था अब भी अनुकरणीय : उन्होंने कहा कि शेरशाह द्वारा स्थापित किये गये प्रशासनिक व्यवस्थाओं की छाप आज आधुनिक युग के प्रशासनिक व्यवस्था पर भी दिखती है. डीएम ने कहा कि शेरशाह के समय की लगान व्यवस्था आज के लिए भी अनुकरणीय है. सेमिनार का शुभारंभ दीप डीएम के निर्देश पर छात्रा जोया अख्तर ने दीप जला कर किया.
उद्घाटन के बाद महिला कॉलेज डालमियानगर की छात्रा जोया अख्तर ने ही सेमिनार का शुभारंभ किया. छात्रा ने शेरशाह सूरी की आरंभिक कठिनाईयों की चर्चा करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक विस्तृत साम्राज्य कायम करने की बात कही गयी. छात्रा ने शेरशाह सूरी के जनकल्याणकारी कार्यों को भी बखान किया.
शेरशाह की न्याय व्यवस्था की दी जानकारी
रोहतास महिला कॉलेज के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने शेरशाह के प्रारंभिक जीवन का जिक्र किया. श्री शंकर कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ रमेश चंद्र सिंह व एसपी जैन कॉलेज के राजनीति शास्त्र के डॉ इंद्रमणी सिंह ने शेरशाह सूरी के दार्शनिक व राजनीतिक पहलुओं को सामने रखा. इसके बाद जिला सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार आनंद ने एक लेखक के हवाले से शेरशाह सूरी की न्याय व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी.
बुके व शॉल देकर िकया सम्मािनत
इसके बाद धन्यवाद ज्ञापन से पूर्व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला शिक्षा पदाधिकारी ने वक्ताओं को बुके व शॉल देकर सम्मानित किया और कहा कि हमें अपने आस पास साफ-सफाई तो रखनी ही है, शेरशाह सूरी के मकबरे परिसर को गंदा होने से बचाना भी हमारा कर्तव्य है. क्योंकि यह इतिहासिक धरोहर तो है ही पर एक जिले में पैदा हुए सच्चे सपूत की याद भी है. कार्यक्रम का संचालन डॉ एके आल्वी व शाकिर अली ने किया. मौके पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधीर कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जीविका आचार्य मम्ट, जीएम अंसारी, प्रो डॉ अलाउद्दीन अजीजी, तौफिक अहमद मकरानी, मो शमिम, ए आर हबीबी, चांद अशरफ, नौशाद राईन, रमिज अख्तर आदि मौजूद थे.
अल्प काल में ही कई अहम काम किये
शिक्षा विभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय ने इतिहास लेखन का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक इतिहास या राजा-रानी की कहानियों की वृतांत से सफर करते हुए आज इतिहास का मुकाम आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि पक्षों की ओर हो गया है. उन्होंने शेरशाह सूरी द्वारा अपने अल्पकालीन शासन में किये गये भू-राजस्व प्रशासन, सैन्य प्रशासन, न्यायिक व्यवस्था, व्यापार वाणिज्य के लिए उठाये गये कदमों व उनके द्वारा बनाये गये 17 सौ सरायों, ग्रैंड ट्रंक रोड, प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रकाश डाला.
मोहम्मद आरिफ खान ने शेरशाह सूरी को एक कुशल प्रशासक ही नहीं एक जिंदा दिल इंसान भी बताया. उन्होंने कहा कि शेरशाह सूरी ने अपने अल्पकालीन शासन में कई अहम कार्य को पूरा कर लिया, जो एक जिंदा दिल इंसान ही कर सकता है. शेरशाह सूरी ने अपने लिए तो जी ही, मगर जब पदवी हासिल कर ली, तो जिंदगी को अवाम के नाम कर दिया. साथ ही शेरशाह के जमाने में पेड़ पौधों व पर्यावरण की बात करते हुए श्री खान ने लोगों से अधिक से अधिक पौधा लगाने की अपील की.
महोत्सव का हुआ आगाज
सासाराम ऑफिस. जिला मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय शेरशाह सूरी महोत्सव का आगाज सोमवार की सुबह प्रभातफेरी से हुआ. शिक्षा विभाग के तत्वावधान में प्रभातफेरी निकाली गयी. प्रभातफेरी न्यू स्टेडियम फजलगंज से निकली. प्रभातफेरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद्र, कार्यक्रम पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय, आनंद विजय, सदर बीइओ डॉ भीम सिंह व डॉ एके अल्वी ने ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. प्रभातफेरी फजलगंज से निकल दादा पीर रोड, शेरशाह सूरी मकबरा परिसर रोड, रौजा रोड होते हुए समाहरणालय पहुंचा.
प्रभातफेरी में में जिला मुख्यालय अवस्थित सभी सरकारी व निजी कोटि के मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक व कॉलेजों के शिक्षकों के अगुवाई में कक्षा छह से ऊपर वाले छात्र-छात्राएं, स्काउट एंड गाइड, एनसीसी व जेआरसी के छात्र-छात्राएं व सभी प्रखंड समन्वयक, संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक, तालिमी मरकज, टोला सेवक भी शामिल हुए. प्रभातफेरी में शेरशाह सूरी महोत्सव के संबंध में सबको जागृत किया. प्रभातफेरी के साथ ही महोत्सव का आगाज हो गया. मौके पर तालिमी मरकज के हाफिज सुल्तान सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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