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अनुमंडलीय न्यायालय अस्पताल, एसडीओ एसडीपीओ कार्यालय परिसर में बिजली बत्ती नहीं

डेहरी कार्यालय : शहर में थाना चौक से एनीकट जाने वाली सड़क पर एसपी कोठी से पहले स्थित अनुमंडल क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण अधिकारियों के कार्यालयों के मुख्य गेट के आस-पास शाम होने के बाद लाइट जलते नहीं मिलती. इस कारण उक्त कार्यालयों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की तरफ जाने से लोग भय खाते […]

डेहरी कार्यालय : शहर में थाना चौक से एनीकट जाने वाली सड़क पर एसपी कोठी से पहले स्थित अनुमंडल क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण अधिकारियों के कार्यालयों के मुख्य गेट के आस-पास शाम होने के बाद लाइट जलते नहीं मिलती. इस कारण उक्त कार्यालयों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की तरफ जाने से लोग भय खाते है. सबसे चिंताजनक स्थिति उक्त कार्यालयों में से अनुमंडल अस्पताल को जाने वाली मुख्य गेट की है, जहां रात में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने के बाद या किसी मरीज की तबीयत खराब होने के बाद जब उसके परिजन या लोग अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए जाते हैं तो अस्पताल का मुख्य गेट पर पसरा अंधेरा उन्हें डरावना सा लगता है.

एक तो टूटी-फूटी सड़कें ऊपर से घना अंधेरा लोगों को अस्पताल परिसर में घुसने से रोकता है. अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, अनुमंडल कार्यालय, एसडीपीओ कार्यालय तो एक ही परिसर में स्थित है, लेकिन ठीक उसके बगल वाले परिसर में अनुमंडल अस्पताल चलता है. अस्पताल व उक्त तीनों कार्यालय का मुख्य द्वार एक जगह ही है. यहीं नहीं मुख्य गेट से सटे विधिक संघ का कार्यालय व अधिवक्ताओं को बैठने के लिए विधायक, सांसद व अन्य मदों से बनाये गये भवन भी स्थित है. लोगों का कहना है कि अनुमंडल न्यायालय परिसर में एक दो लाइटें रात में जलती दिखती है, जिससे कुछ जगहों पर तो उजाला दिखता है बाकी बचे जगहों पर छाये अंधेरे से कभी-कभी अनहोनी की घटना होने की आशंका प्रबल हो जाती है.

अस्पताल परिसर में भी स्ट्रीट लाइटें नहीं
लोग यह भी कहते हैं कि विभिन्न मदों से तो अधिवक्ताओं के बैठने के लिए भवन बनाये गये हैं. लेकिन अगर बनाये गये भवनों पर भी प्रकाश की व्यवस्था के लिए कोई राशि उपलब्ध करा दी जाती, तो वहां अंधेरा नहीं दिखता. यही नहीं अनुमंडल अस्पताल के रखरखाव व अन्य कार्यों के लिए भी करोड़ों रुपये प्राप्त होते हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन मुख्य गेट व अस्पताल परिसर में स्ट्रीट लाइट क्यों नहीं लगाया गया लोगों की समझ से परे है. कहने को तो नगर पर्षद क्षेत्र में आनेवाले मुख्य सभी कार्यालय अनुमंडल क्षेत्र के लिए अति महत्वपूर्ण है. लेकिन, नगर पर्षद की नजर में इसकी महत्ता कितनी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर पर्षद प्रशासन द्वारा वहां रात में आने जाने के लिए अपने स्तर से किसी भी प्रकार का स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की गयी है. लोग यह भी कहते हैं कि जब अनुमंडल के सबसे बड़े अधिकारियों के दफ्तर के आसपास शाम होते ही धूप अंधेरा छा जाता है, तो शहर के बाकी हिस्सों की क्या स्थिति होगी इसे सहज ही समझा जा सकता है.
बोले लोग
अनुमंडल न्यायालय, अनुमंडल कार्यालय व अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर प्रकाश की व्यवस्था कराया जाना अति आवश्यक है. इस पर नप प्रशासन को अविलंब ध्यान देना चाहिए.
राकेश कुमार
अधिवक्ताओं के लिए बने भवन व उनके बैठने के लिए लगी झोंपड़ियां रात के अंधेरे में काफी डरावनी लगती है. वहां प्रकाश की व्यवस्था का नहीं किया जाना चिंता का विषय है.
कुंवर जी
उक्त अति महत्वपूर्ण इलाके में अंधेरा छाने से सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न खड़े होते हैं. अंधेरे में असामाजिक तत्वों द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है.
राकेश पांडेय

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