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दिव्यांगों से शादी करनेवालों को मिलेंगे एक से तीन लाख रुपये

सभी तरह के दिव्यांगों के लिए अस्पतालों में पांच प्रतिशत बेड आरक्षित आयुक्त ने दिव्यांगों को मिलनेवाले लाभों की समीक्षा की सासाराम सदर : किसी दिव्यांग से शादी रचाने पर सरकार एक लाख रुपये प्रोत्साहन के रूप में देगी. वहीं, दिव्यांग आपस में शादी करते हैं और काम करने लायक हैं, तो उन्हें स्वरोजगार के […]

सभी तरह के दिव्यांगों के लिए अस्पतालों में पांच प्रतिशत बेड आरक्षित

आयुक्त ने दिव्यांगों को मिलनेवाले लाभों की समीक्षा की
सासाराम सदर : किसी दिव्यांग से शादी रचाने पर सरकार एक लाख रुपये प्रोत्साहन के रूप में देगी. वहीं, दिव्यांग आपस में शादी करते हैं और काम करने लायक हैं, तो उन्हें स्वरोजगार के लिए एक लाख रुपये अतिरिक्त दिया जायेगा. इसमें भी कोई ऐसे दिव्यांग हैं जो काम करने लायक नहीं है और आपस में शादी रचाते हैं, तो उन्हें जीविकोपार्जन के लिए तीन लाख रुपये मिलेंगे. यह जानकारी बिहार राज्य नि:शक्तता आयोग के आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने गुरुवार को डीआरडीए भवन में जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक में दी. उन्होंने कहा कि अंतर जातीय विवाह रचानेवाले दिव्यांग हो भी तीन लाख रुपये की सहायता मिलेगी. इसके साथ ही सभी तरह के दिव्यांगों को अस्पतालों में पांच प्रतिशत बेड आरक्षित रहेंगे.
साथ ही श्री कुमार ने सक्रिय होकर जिले के दिव्यांगजनों को मिलने वाली लाभों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अंतर्गत दिव्यांगजनों के अधिकारों के संरक्षण व समस्याओं का समाधान करना है. इसके लिए हर अधिकारी को दिव्यांगों के प्रति सक्रिय रहने की जरूरत है. जिससे दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में जिले में ऐसे कई दिव्यांग हैं जो सरकारी सेवा के हकदार हैं, परंतु उन्हे लाभ नहीं मिला रहा है. कई दिव्यांग अभी भी सेवाओं व समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालयों की चक्कर काटने पर मजबूर है. पर अब ऐसी समस्या उत्पन्न नहीं करे, साथ ही दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं का निबटारा तत्काल प्रभाव से करें. इसके लिए सरकार कटिबद्ध है. दिव्यांगों की समस्याओं के प्रति कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा कर कार्रवाई की जायेगी.
बिहार राज्य नि:शक्तता आयोग के आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने बताया कि 21 प्रकार के दिव्यांग होते है. इनमें चलंत संबंधित दिव्यांगता, मांसपेशीय दुर्विकास, ठीक किया हुआ कुष्ठ, प्रमस्तिष्क घात, बौनापन, अम्ल हमले के पीड़ित, कम दृष्टि, दृष्टि हीनता, श्रवण क्षति, सुनने में कठिनाई, वाक और भाषा दिव्यांगता, बौद्धिक शिक्षण दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम, डिसऑर्डर, विशिष्ट शिक्षण दिव्यांगता, मानसिक रूग्णता, क्रोनिक स्त्रायविक स्थिति, बहुल काठिन्य, पार्किंसन रोग, हीमोफीलिया, थैलेसोमिया, सिकल सेल रोग दिव्यांग होते है. ऐसे सभी लोगों को सरकारी सेवा की लाभ दी जायेगी. इसके लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश की गया है.
बैठक में बिहार राज्य नि:शक्तता आयोग के आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि दिव्यांगों को किसी समस्या को लेकर थाना की चक्कर नहीं काटना है. समस्याओं को समाधान करने के लिए थाना ही दिव्यांगों के घर तक जायेगी. यानी दिव्यांग पुलिस के पास नहीं, पुलिस दिव्यांग के पास आयेगी और समस्याओं का समाधान करेगी.
बैठक में बिहार राज्य नि:शक्तता आयोग के आयुक्त डॉ शिवाजी कुमार ने कहा कि रोहतास में पहली बार दिव्यांगजनों के लिए चलंत लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. उक्त कार्यक्रम 11 अगस्त को शहर के ओझा टाउन हॉल में आयोजित होगा. इस चलंत लोक अदालत में कोई भी दिव्यांग किसी भी समस्या को बता सकते है. जिसका तत्काल निष्पादन किया जायेगा.

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