शिवसागर के दर्जनों तालाबों पर तनाव की बनी स्थिति
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मत्स्य विभाग के कानून में पिस रहे पुराने सदस्य
शिवसागर के दर्जनों तालाबों पर तनाव की बनी स्थिति सासाराम शहर : जिले के शिवसागर प्रखंड के मत्स्य समिति कानून के पुराने सदस्य शिकार बन रहे हैं. जानकारी के अनुसार पुराने समिति द्वारा वर्ष 2012-13 से 2019 तक दर्जनों तालाबों की बंदोबस्ती की गयी थी. वर्ष 2017 में नयी समिति बनने के बाद इन तालाबों […]
सासाराम शहर : जिले के शिवसागर प्रखंड के मत्स्य समिति कानून के पुराने सदस्य शिकार बन रहे हैं. जानकारी के अनुसार पुराने समिति द्वारा वर्ष 2012-13 से 2019 तक दर्जनों तालाबों की बंदोबस्ती की गयी थी. वर्ष 2017 में नयी समिति बनने के बाद इन तालाबों को नये सदस्यों में वितरण कर दिया गया. इसके पूर्व पुराने सदस्य अपने जलकरों में मच्छली के बीज डाल चुके थे. अब, जब मछली मारने का समय आया तो नये व पुराने सदस्य अपने में भिड़ रहे हैं. दर्जनों तालाबों से मछली निकालने में तनाव की स्थिति बनी हुई है. समिति के पूर्व मंत्री कृष्णा बिंद ने बताया कि प्रखंड के सोनहर, भद्रशीला, गिरधरिया, बुधुआ, बड़ुआ, मितांदा, सेवली, डड़वा, आलमपुर, रायपुरचोर समेत दर्जनों जलकरों की बंदोबस्ती पूर्व समिति द्वारा सात वर्षों के लिए की गयी थी.
लेकिन प्रबंधकारिणी समिति एवं जिलामत्स्य पदाधिकारी के मिलीभगत से सयंत्र के तहत ऐसा कार्य किया जा रहा है. जब पूर्व में ही इन तालाबों की निलामी कर दी गयी थी तो विभाग द्वारा पुन: इसकी बंदोबस्ती किस अधार पर की गयी. विभाग व समिति के पेंच में कई सदस्य फंसे हुए हैं. अभी मछली निकालने का समय चल रहा है. कुछ दिन में बरसात आ जायेगी और तालाब में पानी भर जायेगा. ऐसे में मछली निकालना असंभव होगा. जिससे मछलीपालकों के लाखों रुपये बर्बाद हो जायेंगे. कोई जबरदस्ती जलकर मारता है, और किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो इसकी जवाबदेही मत्स्य विभाग एवं पुलिस की होगी.
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