यात्री वाहनों पर कार्रवाई करने का दिया भरोसा
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पीजीआरओ के समक्ष उपस्थित हुए डीटीओ
यात्री वाहनों पर कार्रवाई करने का दिया भरोसा सासाराम कार्यालय : परिवहन विभाग के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (पीजीआरओ) ने रोहतास जिले में यात्री वाहनों पर मानव ओवरलोडिंग के मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखायी है. एक परिवाद पर सुनवाई करते हुए पीजीआरओ ने जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को सशरीर उपस्थित होने का आदेश […]
सासाराम कार्यालय : परिवहन विभाग के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (पीजीआरओ) ने रोहतास जिले में यात्री वाहनों पर मानव ओवरलोडिंग के मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखायी है. एक परिवाद पर सुनवाई करते हुए पीजीआरओ ने जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था.
इस मामले में 28 फरवरी को ही डीटीओ पटना पीजीआरओ के न्यायालय में उपस्थित हुए. इसमें उन्होंने मानव ओवरलोडिंग करने वाले यात्री वाहनों व यात्रियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दे अपनी जान छुड़ायी. इसके बाद पीजीआरओ ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए डीएम व एसपी को नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए, अगली सुनवाई की तिथि 13 अप्रैल तय किया है.
गौरतलब है कि शहर के चंदनपुरा मुहल्ला निवासी हाईकोर्ट के अधिवक्ता रवि कुमार सिंह ने यात्री वाहनों पर नियम के विरुद्ध मानव ओवरलोडिंग व मानव की असुरक्षा को लेकर पीजीआरओ पटना के न्यायालय में 14 फरवरी, 2018 को परिवाद दायर किया था. उसी परिवाद पर संज्ञान लेते हुए पटना पीजीआरओ ने डीटीओ को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया था.
मानव ओवरलोडिंग को नजरअंदाज करने को लेकर पीजीआरओ में परिवाद दायर
क्या है नियम
मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 123 व 177 के तहत यात्री वाहनों की छतों पर यात्रा करने वाले यात्रियों से पहली बार सौ रुपये का जुर्माना वसूलने का प्रावधान है. यही गलती दूसरी बार करने पर जुर्माना 300 रुपये का प्रावधान है. इसी तरह वाहन मालिकों के लिए मोटरयान अधिनियम 1988 की नियम 21 (10) के तहत सीट से अधिक यात्रियों के ढोने पर प्रथम गलती पर सौ रुपये व दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन सौ रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
इसके बाद की गलती पर वाहनों के लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई का कानून है. लेकिन, जिले में शायद ही किसी यात्री वाहन पर इस तरह की कार्रवाई हुई हो. तभी तो बेधड़क बस, जीप, ऑटो, मैजिक आदि वाहनों की छतों पर बड़ी संख्या में मानव ढोये जाते हैं और पुलिस उसे नजर अंदाज करती है. किसी वाहन के दुर्घटना होने पर प्रशासन के हाथ-पांव फुलने लगते हैं.
अगली तिथि को दिया जायेगा जवाब
मानव ओवरलोडिंग के विरुद्ध परिवाद को लेकर मैं स्वयं लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पटना के न्यायालय में गया था. प्रशासन की ओर मानव ओवरलोडिंग के विरुद्ध कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि न्यायालय से यात्री वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी व एसपी को भी नोटिस जारी करने का आदेश हुआ है. अगली तिथि 13 अप्रैल को जवाब दिया जायेगा.
माधो कुमार सिंह, डीटीओ, रोहतास
कोई रोकने-टोकनेवाला नहीं
जिले में गिट्टी व बालू के ओवरलोडिंग को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सिविल व पुलिस की टीम का गठन किया है. पूरा महकमा इसके लिए लगा हुआ है. लेकिन, बेसकीमती मानव जीवन को खतरे में डालनेवाले यात्री वाहनों पर ओवरलोडिंग के लिए कार्रवाई होते नहीं दिखती. कलेक्ट्रेट सहित कई थानों के सामने से यात्रियों से लदे वाहन गुजरते हैं. लेकिन, उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं होता. इसी दृश्य को देख मैंने अपने लोगों की जान को बचाने के लिए परिवाद दायर किया है कि जिला प्रशासन की मानव जीवन की सुरक्षा के प्रति भी जवाबदेही है. पर, जिला प्रशासन नियम का पालन कराने में तत्परता नहीं दिखाता है.
रवि कुमार सिंह, अधिवक्ता, पटना हाइकोर्ट
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