मिलावटी रंग व मिठाई की जांच-परख कर करें खरीदारी
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बरतें सावधानी बरसेगा रंग
मिलावटी रंग व मिठाई की जांच-परख कर करें खरीदारी बड़े पैमाने पर रंगों व मिठाइयों में कई तरह से हो रही मिलावट सासाराम सदर : होलिका दहन आज है. वहीं होली कल यानी शुक्रवार को है. पर्व को हर्षोल्लास से मनाने के लिए हर कोई तैयारी में जुट गया है. लोग बाजारों में रंग, अबीर […]
बड़े पैमाने पर रंगों व मिठाइयों में कई तरह से हो रही मिलावट
सासाराम सदर : होलिका दहन आज है. वहीं होली कल यानी शुक्रवार को है. पर्व को हर्षोल्लास से मनाने के लिए हर कोई तैयारी में जुट गया है. लोग बाजारों में रंग, अबीर व मिठाईयां खरीद रहे हैं, लेकिन रंग व मिठाईयां खरीदने से पहले सावधानी जरूरी है. कारण की मिलावटी रंग व मिठाईयां कहीं लोगों की खुमारी में भंग न डाल दे. शहर में कई दुकानदार होली में मोटा रकम कमाने के चक्कर में रंगों व मिठाईयों में मिलावटी करने लगे है. इसके कारण आपकी सेहत पर काफी प्रभाव पड़ता है. शहर के धर्मशाला चौक, बौलिया रोड, जानीबाजार, नवरतन बाजार, गौरक्षणी, कुराईच, तकिया बाजार आदि बाजारों में कारोबारियों द्वारा रंगों का व्यापक पैमाने पर स्टॉक किया गया है.
रंग में मिलाये जाते हैं हानिकारक तत्व
शहर के कई चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी रंग व गुलाल बनाने में डीजल, इंजन ऑयल, कॉपर सल्फेट व सीसे का पाउडर आदि का इस्तेमाल किया जाता हैं. इससे चक्कर, सिरदर्द व सांस की तकलीफ की समस्या बनी रहती है. वहीं, काले रंग के गुलाल में लेड ऑक्साइड मिलाया जाता है, जो गुर्दों को प्रभावित कर सकता है. हरे गुलाल के लिए मिलाए जाने वाले कॉपर सल्फेट के कारण आंखों में एलर्जी, जलन व अस्थायी तौर पर नेत्रहीनता की शिकायत हो सकती है. चमकीले गुलाल में एल्युमिनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है जो कैंसर उत्पन्न कर सकता है. नीले गुलाल में प्रूशियन ब्लू होता है जो त्वचा में एलर्जी और संक्रमण पैदा कर सकता है. लाल गुलाल के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला मरकरी सल्फाइट इतना जहरीला होता है कि इससे त्वचा का कैंसर हो सकता है.
मिठाई में मिलाये जाने वाले हानिकारक पदार्थ : मिलावटी मिठाई के सेवन करने सेहत खराब कर सकती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर शहर के एक दुकानदार ने बताया कि दूध की कमी व अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध की बजाय दूध पाऊडर, रसायन, उबले आलू, शकरकंद, रिफाइंड तेल का अधिक प्रयोग किया जाता है. सिंथैटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जैंट पाऊडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड, मोविल ऑयल व एसैंट पाऊडर डालकर दूध बनाया जाता है. यूरिया का घोल व उसमें पाऊडर व मोवल ऑयल डालकर भी सिंथैटिक दूध तैयार किया जाता है. इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है. इससे नकली मावा व पनीर तैयार किया जाता है जो कम कीमत पर तैयार हो जाता है. असली खोये के भाव में मिठाई बेच अच्छा मुनाफा कमाया जाता है.
मिलावटी मिठाई से नुकसान : चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी मिठाई के सेवन से सबसे ज्यादा लीवर को नुकसान होता है. आंतों में संक्रमण होने से सूजन आ जाती है. चिकित्सकों ने बताया कि सिंथैटिक दूध के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादा मिठाई का सेवन से खून में कमी आने लगती है.
मिलावटी मिठाई की करें जांच : हाथ पर रंग लगे तो समझो मिठाई नकली है, मिठाई को हाथ में लेने से अगर उसका रंग हाथ पर लग रहा है तो मिठाई में मिलावट की गयी है. दानेदार मावा हो सकता है मिलावटी. शुद्ध मावा हमेशा मुलायम होता है. आप मावे को उंगलियों के बीच मसलें अगर यह दानेदार लगता है तो मावा मिलावटी है. मिलावटी खोये की पहचान करने के लिए, फिल्टर पर आयोडीन की दो से तीन बूंदें डालिए. अगर यह काला पड़ जाता है, तो इसका मतलब यह मिलावटी है.
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