जुगाड़. स्थानीय लोग सरकारी जमीन पर टेंट लगा कर अभ्यर्थियों से कर रहे कमाई
Advertisement
50 रुपये देकर कुछ घंटे गुजार रहे युवा
जुगाड़. स्थानीय लोग सरकारी जमीन पर टेंट लगा कर अभ्यर्थियों से कर रहे कमाई कड़ाके की ठंड में टेंट से भी मिल रही काफी राहत 50 रुपये में ही है भोजन की भी व्यवस्था डेहरी कार्यालय : सेना बहाली के लिए शहर में आ रहे युवक 50 खर्च कर कुछ घंटे टेंट में गुजार रहे […]
कड़ाके की ठंड में टेंट से भी मिल रही काफी राहत
50 रुपये में ही है भोजन की भी व्यवस्था
डेहरी कार्यालय : सेना बहाली के लिए शहर में आ रहे युवक 50 खर्च कर कुछ घंटे टेंट में गुजार रहे हैं. हजारों की संख्या में पहुंचनेवाले युवकों के पुलिस ग्राउंड के बाहर सड़क के किनारे सरकारी जमीन पर लगे करीब दर्जन भर टेंट ठहरने का एक अच्छा साधन बन गया है. कड़ाके की ठंड में रेलवे स्टेशन से आने के बाद युवक उस टेंट में 50 रुपये देकर जाते हैं और कुछ घंटे बिता कर सुबह दो बजे से बैरिकेडिंग वाले कतार में लग जा रहे हैं. बहाली प्रक्रिया को लेकर की गई इस टेंपेरेरी व्यवस्था से आसपास के लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं.
यही नहीं उक्त स्थल के आस पास कई होटल भी खुल गये हैं, जिसमें 50 लेकर युवकों को भोजन कराया जा रहा है. टेंट के अंदर पुआल व दरी डालकर युवकों के आराम करने की व्यवस्था की गई है. टेंट के ऊपर से शीत नीचे न टपके इसके लिए अच्छी खासी व्यवस्था की गई है. टेंट के अंदर घर के कमरे का लुक देने का भरसक प्रयास टेंट लगाने वालों द्वारा किया गया है.टेंट में आराम कर रहे बाहर के जिलों से आए युवक सुरेश कुमार, महेंद्र पासवान, रामाश्रय सिंह, सोनू कुमार, रविंदर कुमार आदि ने बताया कि आखिर मरता क्या नहीं करता. सड़क किनारे शीत में बैठने से अच्छा है कि हम कुछ घंटे ही सही टेंट के अंदर आराम तो कर पाते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि सेना बहाली के लिए इतने बड़े पैमाने पर सब चीज की व्यवस्था की गई है परंतु बहाली में बाहर के जिलों से आने वाले अभ्यर्थियों के लिए रात में ठहरने की कोई व्यवस्था न तो सेना व नहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा कोयी ब्यवस्था किया गया है,जिसके कारण हम अभ्यर्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.गरीब अभ्यर्थी जिनके पास टेंट में ठहरने के लिए देने को पैसा नहीं है वह पेड़ के नीचे बैठ कर समय गुजार रहे हैं. अभ्यर्थियों ने सेना के अधिकारियों से भविष्य में जहां कहीं भी सेना की बहाली हो वहां बाहर से आने वाले युवाओं के ठहरने की व्यवस्था करने की मांग किया.
बीएमपी मैदान के मुख्य गेट पर एक दर्जन से अधिक बने पंडालों की व्यवस्था इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. कुछ लोगों ने कहां की सेना के बहादुरी के नाम पर बड़े-बड़े दावा करने वाले कई सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों को सेना में भर्ती होने के लिए आने वाले युवाओं के ठहरने व खाने में हो रही परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. अगर सामाजिक संगठन के लोग आगे बढ़ कर उन युवाओं के लिए ठहरने व खाने की व्यवस्था कराते तो शहर से बाहर जाने वाले युवक अपने जिलों में जाकर यहां के सामाजिक संगठनों का गुणगान करते.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement