दालकोला चेकपोस्ट. कार्रवाई के बाद 36 घंटे सुकून
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अवैध इंट्री िफर से शुरू
दालकोला चेकपोस्ट. कार्रवाई के बाद 36 घंटे सुकून पूर्णिया : परिवहन विभाग और वाणिज्य कर विभाग के लिए समेकित लूट के रूप में तब्दील दालकोला चेकपोस्ट पर 36 घंटे के ब्रेक के बाद एक बार फिर इंट्री माफियाओं का खेल शुक्रवार को आरंभ हो गया. हालांकि गुरुवार की रात भी बुधवार की तरह ओवरलोड वाहनों […]
पूर्णिया : परिवहन विभाग और वाणिज्य कर विभाग के लिए समेकित लूट के रूप में तब्दील दालकोला चेकपोस्ट पर 36 घंटे के ब्रेक के बाद एक बार फिर इंट्री माफियाओं का खेल शुक्रवार को आरंभ हो गया. हालांकि गुरुवार की रात भी बुधवार की तरह ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर रोक लगा रहा, लेकिन इंट्री माफियाओं के दबाव और प्रलोभन के आगे प्रशासनिक पकड़ ढीली पड़ती चली गयी और शुक्रवार को ओवरलोड वाहनों का परिचालन आरंभ हो गया.
खास बात यह रही कि माफियाओं के दबाव में यह खेल दिन के उजाले में खेला गया, जो अब तक रात के अंधेरे में खेला जाता रहा था. यह अलग बात रही कि शुक्रवार को पार हो रहे ओवरलोड वाहनों की संख्या काफी कम रही. ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि शुक्रवार की रात एक बार फिर पूर्व की तरह इंट्री माफियाओं का खुला खेल आरंभ हो जायेगा.
बंगाल सीमा में लगी रही वाहनों की कतार : दो दिनों से अवैध इंट्री पर प्रतिबंध रहने की वजह से शुक्रवार को दालकोला के चर्चित लाइन होटल के बाहर अच्छी-खासी संख्या में भारी वाहन जमा हो चुके थे. होटल के चर्चित संचालक द्वारा कुछ वाहनों को अन्य रास्ते से गुरुवार की रात पार कराया गया तो कुछ वाहनों को अन्य लाइन होटलों के इर्द-गिर्द खड़ा कर दिया गया,
ताकि लोगों की नजर में नहीं आ सके. उक्त होटल संचालक तथा इंट्री माफियाओं के सिंडिकेट के सरगना बुधवार से ही काफी सक्रिय नजर आये. उसकी सक्रियता रंग भी लायी और अंतत: वह शुक्रवार को आंशिक तौर पर अपने उद्देश्य में सफल भी रहा. अन्य दिनों प्रति आठ चक्का ट्रक तीन हजार रुपये वसूले जाते थे, जो शुक्रवार को चार हजार रुपये वसूले गये.
वहीं 10 चक्का वाहन से 4500 रुपये तथा कंटेनर से 4500 रूपये वसूले गये. एक ट्रक संचालक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि ‘ उन्हें कोड वर्ड मिल गया है और शुक्रवार की देर रात चेकपोस्ट पार कराने का आश्वासन मिला है ‘ .
वाहन संचालकों में मची है खलबली : दरअसल चेकपोस्ट पर अवैध इंट्री का गणित गड़बड़ाने के बाद वाहन संचालकों में भी खलबली मची हुई है. दरअसल बहरहाल निर्माण का मौसम है और इस समय लाल बालू और गिट्टी की सबसे अधिक मांग होती है. इसके अलावा कई जगहों पर सड़कों का निर्माण भी हो रहा है, जिसमें बेडमिशाली की डिमांड है. बरसात के मौसम से पहले इन सामानों की काफी मांग रहती है. लिहाजा
भारी वाहन संचालक न चाहते हुए भी कुछ अधिक कमाई के लोभ से इंट्री माफियाओं का सहारा लेते हैं. दरअसल वाहन संचालकों की समस्या यह है कि अगर वे बिना इंट्री माफिया की मर्जी के इस तरह का कारोबार करते हैं तो उनका पकड़ा जाना तय होता है. इस परिस्थिति में
परिवहन, खनन और वाणिज्य कर विभाग द्वारा एक साथ उनसे जुर्माना वसूला जाता है, जो उनकी कमर तोड़ने के लिए काफी है. एक बार जो वाहन संचालक इस तरह का जुर्माना चुकाते हैं, वे दूसरी बार इंट्री माफियाओं के शरण में ही जाना बेहतर समझते हैं.
अवैध इंट्री के खिलाफ उठती रही है आवाज : अवैध इंट्री के खेल में माफियाओं के साथ-साथ अधिकारियों की भी चांदी कट रही है. एनएच के किनारे स्थित थाने भी इस बहती गंगा में हाथ धोते रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि सबों के सहयोग के लिए एक निर्धारित राशि प्रतिमाह तय है. यही वजह है कि इंट्री के इस खेल पर कभी विराम नहीं लग पाया है.
उच्चस्तरीय शिकायत अथवा मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद कभी-कभी धंधे पर ब्रेक जरूर लगता है, लेकिन अंतत: एक बार फिर काला कारोबार आरंभ हो जाता है. जदयू के वरिष्ठ नेता आमोद मंडल के अनुसार अवैध इंट्री के खेल में जिले के कई बड़े अधिकारी शामिल हैं और उनके संरक्षण में यह कारोबार चल रहा है. उनकी कृपा से कई अधिकारी ऐसे हैं,
जो चेकपोस्ट पर लंबे समय से जमे हुए हैं. श्री मंडल ने चेकपोस्ट पर तैनात अधिकारियों की संपत्ति की जांच की भी मांग की है. श्री मंडल के अनुसार जब भी शिकायत की जाती है तो कुछ दिनों और कुछ घंटे के लिए अवैध इंट्री का खेल रूक जाता है और फिर आरंभ हो जाता है. श्री मंडल का दावा है कि दालकोला चेकपोस्ट पर एक रात में कम से कम 20 लाख रुपये की वसूली होती है, जो सरकारी राजस्व की हानि है.
शुक्रवार को फिर इंट्री माफिया हुए सक्रिय
दरअसल प्रभात खबर द्वारा 26 मार्च को ‘ इंट्री माफिया का खेल जारी ‘ शीर्षक से खबर प्रकाशित की गयी थी, जिसमें दालकोला चेकपोस्ट पर चल रहे इंट्री के काले कारोबार के बाबत विस्तार से चर्चा की गयी थी. 27 मार्च को अचानक शीर्ष अधिकारियों की नींद खुली और तत्काल प्रभाव से अवैध इंट्री पर रोक लगा दी गयी. दालकोला चेकपोस्ट पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए ड्रामेबाजी भी की गयी. इसमें चेकपोस्ट पार हो रहे वाहनों की वीडियोग्राफी भी शामिल थी. जानकार बताते हैं कि अवैध इंट्री पर रोक लगने के बाद इंट्री माफिया सक्रिय हो गये और हरसंभव कोशिश में जुट गये.
लेकिन तमाम कवायद के बावजूद गुरुवार की रात भी इंट्री माफिया अपनी मंशा में सफल नहीं हो सके. लेकिन शुक्रवार की सुबह होते-होते मामला कुछ बदलता नजर आया. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो शुक्रवार को दिन में ही करीब तीन दर्जन से अधिक ओवरलोड वाहनों को चेकपोस्ट पार कराया गया. कुछ घंटों के अंतराल पर एक साथ दो-दो ओवरलोड गाड़ियां पार करायी गयी, ताकि किसी प्रकार की शक की गुंजाइश नहीं रहे.
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