होगी कार्रवाई . मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे शिक्षकों का कटेगा वेतन
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मैट्रिक का मूल्यांकन भी बाधित
होगी कार्रवाई . मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे शिक्षकों का कटेगा वेतन पूर्णिया : इंटर मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल अवधि का वेतन काटा जायेगा. इसकी वजह यह है कि अधिकांश शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों से मूल्यांकन कार्य के लिए विरमित हुए हैं और उन्होंने पूर्णिया कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर योगदान भी […]
पूर्णिया : इंटर मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे माध्यमिक शिक्षकों की हड़ताल अवधि का वेतन काटा जायेगा. इसकी वजह यह है कि अधिकांश शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों से मूल्यांकन कार्य के लिए विरमित हुए हैं और उन्होंने पूर्णिया कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर योगदान भी कर दिया है. हालांकि मूल्यांकन केंद्र में उन शिक्षकों की ओर से उपस्थिति नहीं बनायी जा रही है. जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश प्रसाद ने बताया कि ड्यूटी से गायब रहना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है.
इस हालत में जितने दिन की अनुपस्थिति है, उस अवधि का वेतन स्थगित करने या काटने जैसी कार्रवाई की जा सकती है. इधर, पूर्णिया कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक प्रो विनय कुमार सिंह ने बताया कि योगदान देने वाले शिक्षक जब काम ही नहीं कर रहे हैं, तो उनकी हाजिरी बनाने का सवाल ही नहीं उठता है.
अब इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन नौ तक
इंटर की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब नौ अप्रैल तक होगा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 31 मार्च तक मूल्यांकन का समय निर्धारित किया था. हालांकि बहिष्कार के कारण एक भी उत्तरपुस्तिका की जांच नहीं हो पायी. शनिवार को भी मूल्यांकन केंद्र पर ताला लटका रहा. आंदोलन को देखते हुए नौ अप्रैल तक उत्तरपुस्तिकओं की जांच शुरू होने पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा है. पूर्णिया कॉलेज के बाहर शिक्षक लगातार धरना पर डटे हुए हैं.
प्रशासन भी बन गया है मूकदर्शक
इंटर के मूल्यांकन के बहिष्कार को लेकर प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. बोर्ड ने अनुमंडल प्रशासन को मूल्यांकन शुरू कराने के लिए तमाम तरह की कार्रवाई के लिए छूट दी थी. बोर्ड ने यहां तक कहा था कि जरूरत पड़े, तो मूल्यांकन में बाधा पहुंचानेवाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाये. शुरुआत में प्रशासन ने दंडाधिकारी व पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात किया था. हालांकि एक दिन में ही प्रशासन ने अपनी भूमिका से पल्ला झाड़ लिया.
इधर, एक अप्रैल से बीबीएम हाइस्कूल व राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू होना था. हालांकि प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी व प्राचार्य प्रो अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार को पहले दिन एक भी शिक्षक ने योगदान नहीं किया है, जिसके कारण मूल्यांकन शुरू नहीं किया जा सका. जबकि दोनों केंद्रों के बाहर शिक्षकों ने सत्याग्रह आंदोलन के तहत धरना दिया.
विरमित नहीं हो रहे शिक्षक :
इंटर के मूल्यांकन कार्य में जहां योगदान देकर शिक्षकों ने बहिष्कार किया, वहीं मैट्रिक के मूल्यांकन में शिक्षक अपने-अपने विद्यालय से विरमित ही नहीं किये गये हैं. विद्यालयों के प्रधान का कहना है कि शिक्षकों ने विरमित होने के लिए आवेदन नहीं दिया. जबकि सभी प्रधान को स्पष्ट आदेश है कि वे मूल्यांकन कार्य के लिए शिक्षकों को विरमित कर दें. प्राप्त जानकारी के अनुसार,सभी प्रधानाध्यापक माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े हैं इसलिए संघ के दबाव में वे शिक्षकों को विरमित नहीं कर पा रहे हैं.
शिक्षकों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
समान काम समान वेतन की मांग को लेकर आरएन साह चौक पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने हस्ताक्षर अभियान चलाया. हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर भाजपा नेत्री व जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी ने कहा कि शिक्षकों की मांगें जायज हैं. उनकी मांगों को राज्य सरकार को जल्द मान लेना चाहिए. इस मौके पर डॉ अमरेन्द्र यादव, डॉ रामशरण मेहता, अरुण कुमार अकेला, नूतन आनंद, मो शमीम अख्तर समेत बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया.
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