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वेंडिंग जोन के निर्माण का रास्ता साफ
वेंडिंग जोन की चिह्नित जमीन पर शेड बनाने व आवंटन में अभी भी दिख रहे हैं कई पेच पूर्णिया : आखिरकार शुक्रवार को फुटपाथी दुकानदारों के सपनों को पंख लग ही गये. अब जल्द ही शहर में वेंडिंग जोन को सुव्यवस्थित करने का कार्य आरंभ होगा और फुटपाथी दुकानदारों के बसने-उजड़ने का दर्द भी समाप्त […]
वेंडिंग जोन की चिह्नित जमीन पर शेड बनाने व आवंटन में अभी भी दिख रहे हैं कई पेच
पूर्णिया : आखिरकार शुक्रवार को फुटपाथी दुकानदारों के सपनों को पंख लग ही गये. अब जल्द ही शहर में वेंडिंग जोन को सुव्यवस्थित करने का कार्य आरंभ होगा और फुटपाथी दुकानदारों के बसने-उजड़ने का दर्द भी समाप्त हो जायेगा. हालांकि इस कार्य में अभी भी कई पेच है. लेकिन शुक्रवार को नगर निगम के सभागार में हुई बैठक में सर्वसम्मति बन गयी और वेंडिंग जोन के कुछ खास जगहों पर वेंडिंग सेंटर बनाने को लेकर रणनीति पर भी मुहर लग गयी.
बैठक नगर आयुक्त सुरेश चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिसमें राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के परियोजना समन्वयक राजेश कुमार, चैंबर ऑफ कॉमर्स के जगत लाल वैश्यंत्री, टाउन वेंडिंग कमेटी के राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष संजय चौधरी, मेयर विभा कुमारी, उप मेयर संतोष कुमार यादव के अलावा जिला प्रशासन द्वारा वेंडिंग कमेटी के लिए मनोनीत सभी सदस्य मौजूद थे.
बैठक में लगी मुहर, बनी सहमति : बीते छह वर्षों से जारी वेंडिंग कमेटी की लड़ाई को शु्क्रवार को पहली जीत हासिल हुई. दरअसल फुटपाथी दुकानदारों को वेंडिंग जोन बना कर बसाने की मांग को 2014 में आजीविका संरक्षण के तहत उच्च न्यायालय से पहली जीत मिली थी.
जिसके बाद लगातार राज्य सरकार के प्रधान सचिव व अन्य विभागों के पत्राचार के बाद कई बैठकें हुई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा था. हालांकि इस बीच जगह चिह्नित कर लाइन बाजार में वेंडिंग जोन का बोर्ड भी लगाया गया. लेकिन उससे आगे की बात नहीं बनी. हालांकि इतना जरूर हुआ कि उसके बाद चार बैठकें हुई. नतीजा ढाक के तीन पात रहा. पांचवी बैठक में बनी सहमति और निर्णय पर लगी मुहर से अब वेंडिंग जोन बनने का रास्ता साफ दिखने लगा है.
अभी भी है कई पेच : वेंडिंग जोन के चिह्नित जमीन पर शेड बनाने और आवंटन में अभी भी कई पेच दिख रहे हैं. फिलहाल तो जिन चार जगहों पर वेंडिंग जोन के पाइलट प्रोजेक्ट बनाने पर सहमति बनी है, वह जमीन नगर निगम के अधीन है. वेंडिंग जोन के लिए चिह्नित 11 जगहों में कई स्थलों की जमीन बिहार सरकार या फिर राष्ट्रीय उच्च पथ की है. जहां से वेंडिंग जोन के निर्माण से पहले अनापत्ति प्रमाणपत्र नगर निगम को लेना पड़ेगा, जो वेंडिंग जोन के निर्माण में पेच साबित हो सकता है. वहीं नगर निगम द्वारा तैयार वेंडिंग जोन के पाइलट प्रोजेक्ट में सर्वप्रथम 10-20 वर्ष पुराने फुटकर दुकानदारों को ही जगह मिल सकेगी. यह निर्णय भी विवाद का कारण बन सकता है. भविष्य में चाहे समस्याएं जो भी हो, बहरहाल गरीब फुटपाथ दुकानदारों के बीच उम्मीदें जरूर जगी है.
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