पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया जिला में अपनी ड्यूटी से फुर्सत पाने के बाद पुलिसकर्मी एक अनूठी पहल करते हुए दूरदराज इलाके में अशिक्षित बच्चों और वयस्कों को पढ़ाने के लिए शाम की पाठशाला लगाते हैं. पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक निशांत तिवारी और अन्य पुलिसकर्मी द्वारा हरदा, बायसी और अन्य गांवों में अशिक्षित बच्चों और व्यस्कों को बुनियादी तालीम देने के लिए शाम की पाठशाला लगायी जाती है. तिवारी ने बताया कि जब भी उन्हें अपने काम से फुर्सत मिलती है, तो अशिक्षित बच्चों और वयस्कों को बुनियादी तालीम देने के लिए ऐसी शाम में चलाये जाने वाले स्कूल में भाग लेते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है.
शाम को पाठशाला में देते हैं बच्चों को शिक्षा
पूर्णिया जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित हरदा गांव में लगायी गयी ऐसी ही एक शाम की पाठशाला में रविवार को निशांत तिवारी और पुलिस उपमहानिरीक्षक उपेंद्र सिन्हा ने भाग लिया. तिवारी ने बताया कि प्रदेश में शराबबंदी का असर दिख रहा है. कई व्यस्क जो कि शराब छोडने के बाद ऐसे स्कूलों में एक छात्र के तौर पर अपना समय दे रहे हैं. वहीं कई शिक्षक के तौर पर भी अपना योगदान दे रहे हैं. पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि कुछ स्वयं सेवी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस तरह के स्कूल के स्थायी संचालन के लिए लगाया गया है.
किसानों के बच्चों को करते हैं प्रेरित
पुलिस अधीक्षक निशांत तिवारी ने बताया कि हरदा गांव में दरभंगा, मधुबनी और अन्य स्थानों के करीब 100 मजदूर परिवार मखाना की खेती में लगे हुए हैं, जिनके बच्चों को शाम की इन पाठशालाओं में आने के लिए प्रेरित किया जाता है. वहीं, पुलिस उपमहानिरीक्षक उपेंद्र सिन्हा ने बताया कि इस नेक काम के प्रति जो पुलिसकर्मी इच्छुक हैं, वे मुफ्त में अपना योगदान दे रहे हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन पाठशालाओं में पढ़ने वाले बच्चों और वयस्कों को मुफ्त किताब, कॉपी, पेंसिल और खेल की सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के लोगों के करीब आने से पुलिसिंग के कार्य में मदद मिलती है.