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50 हजार में भी नहीं मिल रहा 10 ग्राम सोना

500 व 1000 की नोट पर पाबंदी लगने के बाद लगा है. काला धन और सोने का हमेशा से चोली-दामन का संबंध रहा है, लेकिन इस बार काले धन पर सवार होकर सोना जिस कदर इतरायी है, उसने सर्राफा बाजार के भविष्य वक्ताओं को भी हैरान कर दिया है. पूर्णिया : सोना हमेशा से सोणा […]

500 व 1000 की नोट पर पाबंदी लगने के बाद लगा है. काला धन और सोने का हमेशा से चोली-दामन का संबंध रहा है, लेकिन इस बार काले धन पर सवार होकर सोना जिस कदर इतरायी है, उसने सर्राफा बाजार के भविष्य वक्ताओं को भी हैरान कर दिया है.
पूर्णिया : सोना हमेशा से सोणा रहा है, लेकिन ऐसा सोणा कभी नहीं लगा, जैसा 500 व 1000 की नोट पर पाबंदी लगने के बाद लगा है. काला धन और सोने का हमेशा से चोली-दामन का संबंध रहा है. लेकिन इस बार काले धन पर सवार होकर सोना जिस कदर इतरायी है, उसने सर्राफा बाजार के भविष्य वक्ताओं को भी हैरान कर दिया है. स्थानीय बाजार का हाल यह है कि यहां सोना की कीमत 50 हजार से 55 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है और वह भी ढूंढ़ने से नहीं मिल रहा है.
बाजार से सोने के जेवरात गायब है और आने वाले समय में जब विवाह लग्न आरंभ हो रहा है, वैसे लोगों के लिए सोना का गायब होना और ऊंची छलांग लगाना परेशानी का सबब बन गया है. जानकार बताते हैं कि 08 नवंबर की देर शाम को 500 और 1000 के नोट पर प्रतिबंध के बाद काला धन रखने वालों ने आनन-फानन में मुंहमांगी कीमत पर सोने की खरीदारी की. इसमें भ्रष्ट अधिकारी, प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े लोग और चिकित्सा तथा शिक्षा जगत से जुड़े लोग शामिल बताये जा रहे हैं.
नोट को लेकर जारी रहा चर्चाओं का दौर
बैंक शाखा हो, सरकारी अथवा निजी कार्यालय या फिर चाय-नाश्ता या कोई अन्य दुकान, बाजार में लगातार नये नोट की चर्चा तीसरे दिन भी जारी रही. साथ ही यह भी कि नये नोट अब तक पूर्णिया के बाजार में क्यों नहीं उतर पाये हैं. इस बीच सभी के अपने-अपने तर्क थे. साथ ही 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध को लेकर भी अलग-अलग चर्चाएं हो रही थी.
अधिकतर लोग जहां इस फैसले को देशहित में बता रहे थे. वही कुछ लोग इसके लिए सरकार को कोसते भी नजर आये. ऐसे लोगों की दलील थी कि सरकार को कुछ और वक्त आम लोगों को देना चाहिए था. पेट्रोल पंपों पर नोट लेने से इनकार करने पर कई जगह ग्राहकों व पंप कर्मियों में नोकझोंक भी हुई. पंप कर्मियों का तर्क था कि उनके पास छुट्टे पैसे नहीं हैं, लिहाजा पूरे 500 या 1000 रुपये का तेल लेना होगा. जबकि ग्राहक इस बात के लिए राजी नहीं हो रहे थे. इसके अलावा अन्य कई स्थलों पर भी 500 और 1000 रुपये के नोट लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना रहा.
आज और कल भी खुली रहेंगी सभी बैंक शाखाएं
सामान्य तौर पर प्रत्येक माह के दूसरे व अंतिम शनिवार तथा प्रत्येक रविवार को बैंकों में अवकाश रहता है, लेकिन 500 और 1000 रुपये के नोट पर जारी प्रतिबंध के बाद केंद्र सरकार व रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को एडवाइजरी जारी की है. जिसमें 12 तथा 13 नवंबर को दूसरा शनिवार और रविवार होने के बावजूद बैंक खुला रखने को कहा गया है. इसके अलावा बैंक शाखाएं बीते दो दिनों की तरह ही देर से बंद होंगी. सरकार के इस फैसले से लोगों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, जबकि बैंक अधिकारियों की मानें तो शनिवार को बंद पड़े अन्य सभी एटीएम को भी चालू कराने की दिशा में पहल की जा रही है. इसमें से अधिकतर एटीएम को शुक्रवार की देर रात तक ही चालू कर लिया जायेगा, तािक लोगों को परेशानी से बचाया जा सका.
नियम-कायदे की खूब उड़ी धज्जियां
जानकार बताते हैं कि 20 हजार से अधिक की सोने की खरीदारी पर ग्राहकों से पेन कार्ड लिए जाने का प्रावधान है. ऐसी हिदायत आयकर विभाग द्वारा भी दी गयी है. अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर करोड़ों की खरीदारी के बाद ही जब बाजार से सोना गायब हुआ है तो 20 हजार से अधिक की खरीदारी करने वालों की संख्या अधिकतम होगी. ऐसी स्थिति में ग्राहकों से पेन कार्ड की मांग की गयी अथवा नहीं यह आयकर व बिक्री कर विभाग के लिए जांच का विषय है.
इसके अलावा आभूषण दुकानदार एक समय में 09 लाख रुपये ही बैंक में अधिकतम जमा कर सकते हैं. अब बड़ा प्रश्न यह है कि सोने की खपत कर मिले रुपये को दुकानदार किस प्रकार से बैंक में जमा करेंगे. क्योंकि सभी रुपये 500 और 1000 के हैं. सवाल कई हैं जिनका जवाब आने वाले समय में सर्राफा कारोबारियों को आयकर और बिक्री कर विभाग को देना ही पड़ेगा. खास बात यह है कि इस मुद्दे पर प्रशासनिक अधिकारी से लेकर आयकर विभाग के अधिकारी तक कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे.
केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपये के नोट पर पाबंदी लगाने के बाद बुधवार की संध्या से स्थानीय सर्राफा बाजार से सोना गायब हो गया. सोने के आभूषणों की कीमत मंगलवार को प्रति 10 ग्राम 31 हजार 500 रुपये था, वहीं अब 50 से 55 हजार रुपये में भी नहीं मिल रहा है. गुरुवार और शुक्रवार के दिन आलम यह रहा है कि आभूषण दुकानदारों ने दिन भर बैठ कर ही बिताये. सर्राफा बाजार से अचानक सोना गायब हो जाना लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. कई छोटे आभूषण कारोबारी भी मानते हैं कि बुधवार को परदे के पीछे बड़ी खरीदारी हुई है. यही वजह है कि सर्राफा बाजार के इतिहास में पहली बार बाजार से सोना गायब हुआ है. सोना के इस खेल में चर्चा यह है कि स्थानीय एक बड़े सर्राफा व्यवसायी ने 25 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है. जाहिर है यह सभी खरीदारी काला धन के मालिकों द्वारा की गयी है.
काले धन को सफेद बनाने की अफरा-तफरी में पहली बार व्यापक पैमाने पर वायदा कारोबार हुआ है. दरअसल जब काला धन को सफेद बनाने की होड़ मच गयी तो बाजार में सोना कम पड़ गया. देखते ही देखते बुधवार को बाजार का सारा सोना समाप्त हो गया. इसके बावजूद सोना खरीदारों की संख्या बढ़ती ही रही. ऐसे में सर्राफा कारोबारियों ने नया ट्रेंड अपनाया. कारोबारियों द्वारा 500 के और 1000 के नोट ग्राहकों से लिए गये और उन्हें भविष्य में सोना उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया. किसी ने 40 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की खरीदारी की तो अंतिम खरीदारों ने 52 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम वाले लोग भी शामिल थे. इस प्रकार वायदा और विश्वास पर काले धन को सोने में तब्दील किया गया.

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