भूषण
पूर्णिया : स्वास्थ्य नगरी से लेकर आर्थिक बाजार के रूप में चर्चित इंडो-नेपाल व इंडो-बांग्लादेश सीमा से सटा उत्तरी बिहार के पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास आज मौलिक समस्याओं की चपेट में है. बहुचर्चित पूरण देवी मंदिर व मां कामाख्या मंदिर में लोग यहां दूर-दराज से आते हैं.
स्वास्थ्य नगरी में सीमांचल के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल व बंगाल से भी लोग आते हैं. जिस जोश और तमन्ना से लोग यहां आते हैं. यहां की हालत देख कर वे फिर दुबारा कभी भी कदम न रखने की ऊपर वाले से दुआ मांगते हैं. यहां का ट्रैफिक प्रेशर, बिजली की लुकाछिपी, खतरनाक वाहन परिचालन उनके अरमानों को ठेस पहुंचाता है.
उपस्थित समाज के हित चिंतकों ने कहा कि यदि अखबार जन समस्याओं को और ज्यादा उजागर करे व प्रशासन इसका निराकरण करे तो स्वत: पूर्णिया आगे बढ़ जायेगा.
मंगलवार को प्रभात खबर के भागलपुर संस्करण के तीसरे स्थापना दिवस के अवसर पर होटल श्रीनायक में आयोजित कार्यक्रम में पूर्णिया के बुद्धिजीवियों ने कही. इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य, शिक्षण, व्यवसायी, आध्यात्मिक एवं साहित्य की विधा से जुड़े प्रबुद्धजन शामिल हुए. अल्प काल में लंबी छलांग लगाने के लिए प्रभात खबर की सब ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की. बुद्धिजीवियों ने प्रभात खबर के भागलपुर संस्करण के तीन साल पूरे होने पर तथा सतत ऊंचाई प्राप्त करने की शुभकामना दी.
बुद्धिजीवियों ने प्रभात खबर को आसमान से ऊपर की ऊंचाईयां छूने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये.पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया के प्रधानाचार्य डॉ टीभी आरके राव ने कहा कि प्रभात खबर ने प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. समसामयिक समस्याओं को भी जगह दी है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में खबरों का डिसप्ले अच्छा रहा है. यही गति लगातार रही तो निश्चित रूप से शिक्षा जगत किसी मामले में पीछे नहीं रहेगा. उन्होंने एक सुझाव देते हुए कहा कि प्रभात खबर में साइंस एंड टेक्नोलॉजी व इसके एचीवमेंट से संबंधित खबरों को भी प्रमुखता दी जानी चाहिए. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया के भरपूर सहयोग की जरूरत है.
समाजसेवी विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जिस कदर प्रभात खबर ने लोगों के दिल में जगह बनाया है इससे जन आकांक्षाएं भी बढ़ गयी हैं. मौलिक समस्याओं के मद्देनजर उन्होंने कहा कि प्रभात खबर में एक स्थायी कॉलम होना चाहिए जिसमें आम नागरिकों के तीन प्रमुख दायित्व क्या है? इस पर फोकस होना चाहिए.
यदि कोई मौलिक समस्या है तो वहां के लोगों के इंटरव्यू भी आने चाहिए कि इसके लिए उन लोगों ने स्थानीय तौर पर क्या प्रयास किया है? ऐसा इसलिए कि मौलिक समस्या के लिए सिर्फ कार्यपालिका और प्रेस जिम्मेवार नहीं हो सकते. आम नागरिक भी समान रूप से जिम्मेवार हैं. उन्होंने कहा कि इस मसले को अखबार में गंभीरता से और लगातार रखने की जरूरत है ताकि यह सामाजिक रूप से संविधान का रूप ले लें.
मारवाड़ी युवा मंच के प्रांतीय सदस्य सह गुलाबबाग के व्यवसायी रूपेश डुंगरवाल ने कहा कि पूर्णिया व्यापारिक हब है. गुलाबबाग व्यावसायिक मंडी का एक गौरवशाली इतिहास है. वहां की कमियां और मौलिक समस्या विशेष रूप से छपे एवं वहां के लिए विशेष कॉलम हो. छोटी-छोटी प्रतिभाओं का भी समय-समय पर उल्लेख होता रहे. उन्होंने कहा कि अखबार और मीडिया हौसला बढ़ाती है.
कॉमर्स के विद्वान डॉ सतीश साहा ने प्रभात खबर के स्थायी कॉलम सक्सेस सीढ़ी को पेज दो पर ही रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक दिन वित्त और वाणिज्य से संबंधित खबर जरूर आनी चाहिए.
यदि कोई चंद रुपये की पूंजी से आगे बढ़ा है तो वह भी छपनी चाहिए. इससे दूसरे को भी प्रेरणा मिलती है. उन्होंने पाठकों को भी एक कॉलम देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पाठकों के सवाल और जवाब भी छापे जाने चाहिए. उन्होंने राजनेताओं के बयान को सीमित ढंग से लेने का आग्रह किया.
अधिवक्ता अवधेश तिवारी ने कहा कि अखबार में न्यायिक निर्णय की विवेचना नहीं होती है जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यह विवेचना न्यायिक अवमानना की श्रेणी में नहीं है.
डॉ डी राम ने कहा कि अखबार में मेडिकल लेख, कॉमन बीमारियों की जानकारी और उस पर डॉक्टरों के सुझाव होने चाहिए. नेशनल और इंटरनेशनल खबरों को ज्यादा तर्जी दी जानी चाहिए. मौके पर बुजुर्ग समाज के भोलानाथ आलोक, सजर्न डॉ एके गुप्ता, डॉ एके पाठक, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक सुधीर प्रसाद सिंह, शिक्षाविद डॉ ए इमाम, गौतम सिन्हा, अमित सिन्हा, प्रो एसएल वर्मा, उदय शंकर प्रसाद सिंह, प्रो एसएन सुमन, प्रो अहमद अहसन दानिश, वार्ड पार्षद सरिता राय, समाजसेविका स्वाति वैश्यंत्री, अजीत लाल, प्रहलाद कुमार मुन्ना, सुधीर प्रसाद चौधरी, अवधेश कुमार, दिलीप कुमार दीपक, जेएन अंबस्टा, चंद्रशेखर मिश्र, अरविंद सत्यार्थी, राकेश कुमार सिंह, विजय कुमार आर्या, केदार साह, अनंत लाल यादव, व्यवसायी महासंघ के अध्यक्ष बबलू चौधरी, तेयुप के सचिव वीरेंद्र दुग्गड़, यूथ सोसाइटी के प्रवक्ता सुनील कुमार सन्नी, विनय कुमार पोद्दार आदि लोगों ने अपने विचार दिये और कहा कि हर हाल में जन समस्याओं को प्रमुखता मिलनी चाहिए.