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जेल में िशक्षा की जोत जला रहे अली

पूर्णिया : सेंट्रल जेल में बंद आधे से अधिक कैदी साक्षर हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कैदियों की संख्या भी अच्छी खासी है. आंकड़े बतला रहे हैं कि शिक्षित लोगों में भी अपराध की प्रवृत्ति बढ़ी है. इस बाबत जेल प्रशासन द्वारा एक सर्वे भी कराया गया है. वहीं दूसरी ओर पेशेवर अपराधियों के बीच […]

पूर्णिया : सेंट्रल जेल में बंद आधे से अधिक कैदी साक्षर हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त कैदियों की संख्या भी अच्छी खासी है. आंकड़े बतला रहे हैं कि शिक्षित लोगों में भी अपराध की प्रवृत्ति बढ़ी है. इस बाबत जेल प्रशासन द्वारा एक सर्वे भी कराया गया है. वहीं दूसरी ओर पेशेवर अपराधियों के बीच कई ऐसे भी कैदी हैं

जो परिस्थितिजन्य अपराध से जुड़े थे और अब मुख्य धारा से जुटना चाहते हैं. ऐसे कैदी सकारात्मक गतिविधि में संलग्न हैं. उदाहरण के तौर पर कैदी शमशेर अली कैदियों के बीच शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. जेल अधीक्षक जवाहर लाल प्रभाकर ने बताया कि सजायाफ्ता शिक्षित कैदियों को निरक्षर कैदियों को पढ़ाने का जिम्मा प्रेरणा कार्यक्रम के द्वारा दिया गया था. इसके दूरगामी परिणाम मिले हैं और अब दर्जनों अंगूठा छाप कैदी साक्षर हो चुके हैं.

कैदियों के बीच कराया गया सर्वे : जेल प्रबंधन द्वारा हाल ही में साक्षरता के संदर्भ में सर्वे कराया गया था. बहरहाल जेल में कुल 1127 कैदी बंद हैं. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कुल 1127 कैदियों में 597 कैदी साक्षर हैं. यह सर्वे जेल के सभी 18 वार्ड में कराया गया. खास बात तो यह है कि 11 कैदी ऐसे हैं जिन्होंने विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर रखी है. वहीं 41 कैदी ऐसे हैं जिन्होंने स्नातक तक की शिक्षा पायी है. अधिकांश स्नातक कला संकाय से उत्तीर्ण हैं. इसके अलावा 81 कैदी ने विज्ञान और कला में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर रखी है. जबकि 99 कैदी ने मैट्रिक तक की शिक्षा पायी है. वहीं 365 कैदी मिडिल पास गये गये. इस प्रकार सर्वे के अनुसार जेल में बंद कुल 530 कैदी ही अंगूठा छाप हैं.
20 माह से जेल में है शमशेर : 20 माह से जेल में बंद कटिहार के शरीफगंज निवासी शमशेर अली करीब दो दर्जन से अधिक कैदियों को शिक्षित करने में जुटे हुए हैं. श्री अली विगत छह माह से ऐसे कैदियों को उर्दू पढ़ना एवं लिखना सिखा रहे हैं जिन्होंने उर्दू के प्रति उत्सुकता जाहिर की. खास बात यह है कि उर्दू की शिक्षा पाने वालों में केवल अल्पसंख्यक कैदी ही शामिल नहीं हैं. जेल प्रबंधन द्वारा ऐसे कैदियों को किताब, कॉपी व कलम मुहैया कराया गया है. बताया जाता है कि शमशेर अली ने फोकानिया तक की पढ़ाई की है. खास बात यह है कि शमशेर अली से सीख लेकर दो अन्य कैदियों ने भी क्रमश: अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने की इच्छा जाहिर की है. जेल प्रबंधन इस मसले पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
प्रभात एक्सक्लूिसव
सेंट्रल जेल में बंद 1127 कैदियों में से 597 कैदी हैं साक्षर
11 कैदी एमए व 41 बीए पास हैं
पूर्व में आयोजित हुआ था प्रेरणा कार्यक्रम

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