पूर्णिया : जिला परिवहन कार्यालय में बिचौलिये एक बार फिर सक्रिय हैं. इसमें सबसे अधिक सक्रियता कार्यालय में पूर्व में कार्यरत दो कर्मियों की है, जिनकी संविदा समाप्त हो चुकी है. दरअसल इन कर्मियों की संविदा समाप्त हुए करीब 14 माह का समय बीत चुका है. लेकिन ये अवैध तरीके से कार्यालय कार्य निष्पादित करते हैं. दीगर बात है कि किसी अनजान व्यक्ति को इस बात की कभी भनक तक नहीं लगती है. वही मामला सामने आने के बाद भी जिला परिवहन पदाधिकारी कृष्ण मोहन सिंह द्वारा कार्रवाई नहीं किया जाना सवालों के घेरे में है.
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बिचौलियों के लिए तैयार करते हैं सेफ साइड
पूर्णिया : जिला परिवहन कार्यालय में बिचौलिये एक बार फिर सक्रिय हैं. इसमें सबसे अधिक सक्रियता कार्यालय में पूर्व में कार्यरत दो कर्मियों की है, जिनकी संविदा समाप्त हो चुकी है. दरअसल इन कर्मियों की संविदा समाप्त हुए करीब 14 माह का समय बीत चुका है. लेकिन ये अवैध तरीके से कार्यालय कार्य निष्पादित करते […]
बिना वरीय अधिकारी के आदेश के कर रहे हैं कार्य : अवैध रूप से कर्मियों के कार्य करने के मामले में जब डीटीओ कृष्ण मोहन सिंह से बात की गयी तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया. उन्होंने राज्य सरकार का हवाला देते कहा कि जिस प्रकार राज्य सरकार सेवानिवृत्त अधिकारी व कर्मियों की सेवा लेती है. उसी प्रकार जिला परिवहन कार्यालय में कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है और ये कर्मी कोई बिचौलिये नहीं हैं. हालांकि डीटीओ ने यह नहीं बताया कि इन कर्मियों से कार्य लेने के पूर्व किस वरीय अधिकारी से अनुमति ली गयी.
जबकि जानकार बताते हैं कि वरीय अधिकारी के आदेश के बिना डीटीओ को ऐसा करने का अधिकार नहीं है. वही सूत्रों का दावा है कि डीटीओ भले ही इन कर्मियों की सेवा समाप्ति के बाद कार्यालय कार्य में सहयोग का दावा कर रहे हो. लेकिन दस्तावेज में कहीं भी इस बात का जिक्र तक नहीं है.
कार्यालय की गोपनीयता से हो रहा खिलवाड़ : बिना किसी कागजी प्रक्रिया को पूरा किये किसी व्यक्ति से कार्यालय कार्य लेने का सामान्य तौर पर किसी भी विभाग में कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन जिला परिवहन कार्यालय को इन प्रावधानों से कोई वास्ता नहीं रह गया है. यही कारण है कि संविदा समाप्त होने के बावजूद कर्मियों से सहयोग के नाम पर कार्य लिया जा रहा है और यही कर्मी कार्यालय में बिचौलिये की भूमिका भी निभा रहे हैं. प्रावधान के अनुसार बिना वरीय अधिकारी की अनुमति और कागजी प्रक्रिया पूरी किये, ऐसा करने की अनुमति नहीं है. क्योंकि इससे कार्यालय की गोपनीयता भी भंग होती है.
जिला परिवहन कार्यालय में कार्यरत तीन कर्मियों की संविदा 30 जून 2015 को खत्म हो गयी. लिहाजा जिला परिवहन पदाधिकारी कृष्ण मोहन सिंह द्वारा 30 जून को ही कर्मियों से प्रभार वापस लेने का आदेश निर्गत किया गया. संविदा के आधार पर नियुक्त इन लिपिकों द्वारा निष्पादित किये जाने वाले कार्यों का प्रभार कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर व अन्य लिपिक को सौंपा गया.
इसके बाद आगे की औपचारिकता भी पूरी की गयी. लेकिन तीन में से दो कर्मियों ने कार्यालय आना बंद नहीं किया. बल्कि इसके बावजूद वे अभी भी बिना अनुमति ही कार्यालय कार्य निष्पादित करते नजर आते हैं. हैरत की बात यह है कि कार्यालय में अवकाश के दिन भी ये कर्मी कई बार कार्य निष्पादित करते नजर आ जाते हैं.
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