असर. भागलपुर-कटिहार में बाढ़ का कहर, वाहनों का परिचालन बाधित
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प्रतिदिन दो करोड़ का हो रहा घाटा
असर. भागलपुर-कटिहार में बाढ़ का कहर, वाहनों का परिचालन बाधित भागलपुर व कटिहार में आयी बाढ़ का पूर्णिया में व्यवसाय पर असर पड़ रहा है. भागलपुर-नवगछिया सड़क संपर्क भंग होने के कारण पूर्णिया से भागलपुर के बीच वाहनों का अाना-जाना बंद हो गया है. भागलपुर से गिट्टी-बालू व अनाज नहीं आने से इन सामानों की […]
भागलपुर व कटिहार में आयी बाढ़ का पूर्णिया में व्यवसाय पर असर पड़ रहा है. भागलपुर-नवगछिया सड़क संपर्क भंग होने के कारण पूर्णिया से भागलपुर के बीच वाहनों का अाना-जाना बंद हो गया है. भागलपुर से गिट्टी-बालू व अनाज नहीं आने से इन सामानों की कीमतों में काफी वृद्धि हो गयी है.
पूर्णिया : भागलपुर और कटिहार में बाढ़ से तबाही मची है. भागलपुर-नवगछिया सड़क संपर्क मार्ग कटने से गुलाबबाग मंडी सहित इलाके के व्यवसाय पर व्यापक असर पड़ रहा है. हालांकि सड़क मार्ग पर डायवर्सन बनने से छोटी सवारी गाड़ियों का परिचालन आरंभ हो गया है. लेकिन भारी वाहनों पर अभी भी बंदिश जारी है. वहीं रांची, धनबाद, देवघर, दुमका जाने वाली बड़ी वोल्वो गाड़ियों का रूट बदल गया है. बाढ़ के कारण कटी सड़क की वजह से भवन निर्माण कार्य हेतु बांका, भागलपुर, पाकुड़ से आने वाली गिट्टी-बालू की गाड़ियों का परिचालन बंद हो गया है. वहीं दूसरी तरफ अमरपुर, बैसी, कहलगांव आदि इलाके से मंडी आने वाली अनाज की गाड़ियों पर भी ब्रेक लग गया है, जिससे करोड़ों का व्यापार प्रभावित हो रहा है.
करोड़ों का घाटा
भागलपुर को पूर्णिया और नवगछिया से जोड़ने वाली सड़क के टूटने के बाद इस मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर लगी रोक से गुलाबबाग मंडी में अनाज का कारोबार सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. उपलब्ध जानकारी अनुसार गुलाबबाग मंडी में हपसाल, कतरनी, सोनम, तुलाईपंजा जैसी सुगंधित चावलों का आना बंद हो गया है. वहीं गिट्टी-बालू की गाड़ियों के परिचालन नहीं होने से निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा है. मोटे अनुमान के तौर पर प्रतिदिन दो करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कारोबारियों ने दी प्रतिक्रिया
भागलपुर व कटिहार से कारोबार का रिश्ता पुराना
व्यवसायी सुरेंद्र विनायकिया के अनुसार भागलपुर और कटिहार जिला के इलाके से अनाज के कारोबार का सदियों पुराना रिश्ता गुलाबबाग मंडी का है. प्रतिदिन भागलपुर के कई इलाकों से धान-चावल की गाड़ियां मंडी आती है. वहां के कतरनी, सोनम और अन्य सुगंधित चावल कोसी के अन्य जिलों में जाता है. गुलाबबाग मंडी से भी दलहन और किराना तथा कॉस्मेटिक सामानों की खरीदारी कर व्यापारी ले जाते हैं.
भारी वाहनों के परिचालन बंद होने से व्यापार पर भारी असर पड़ा है. यात्री शुभम कुमार ने बताया कि रांची जाना था. कल वापस लौट गया, जबकि आवश्यक कार्य था. आज फिर जा रहा हूं, लेकिन मन में भय बना हुआ है. शुक्र है कि प्रशासन ने डायवर्सन बना कर परिचालन प्रारंभ कर दिया है. अन्यथा बड़ी परेशानी के साथ आर्थिक क्षति भी झेलनी पड़ती.
बसों का बदला रूट, यात्री और संचालक परेशान
सड़क संपर्क में उत्पन्न हुई बाधा के कारण भागलपुर, देवघर तथा रांची जाने वाली गाड़ियों का रूट बदल गया है. हालांकि राज्य पथ परिवहन विभाग की छोटी बसें रविवार को खुली और डायवर्सन होकर भागलपुर तक पहुंची भी, लेकिन बड़ी मालवाहक वाहनों एवं वोल्बो बसों का रूट बदल गया है. रांची जाने वाली कुमार, यश बॉस, शिवम और भानु ट्रेवल्स की बसें शनिवार से ही बेगूसराय बख्तियारपुर होकर चलने लगी है. भानु बस के अभिकर्ता अभय कुमार ने बताया कि रूट बदलने से आर्थिक नुकसान बढ़ गया है. सवारी में भी कमी आयी है.
हजारों मजदूर हो गये हैं बेकार
भागलपुर में आयी बाढ़ के कहर का असर पूर्णिया के राजमिस्त्री और भवन निर्माण मजदूरों के जीवन पर भी दिखने लगा है. महज 48 घंटे में गिट्टी-बालू का दाम एक से दो हजार रुपये प्रति सीएफटी बढ़ गया है. दो दिनों पहले तक जहां गिट्टी 4800 से 5000 प्रति सीएफटी था, वहीं अब इसकी कीमत 6500 से 7000 हो गया है. बालू 3500 से 5500 प्रति सीएफटी में मिल रहा है. इतना ही नहीं अगले कई दिनों तक गिट्टी-बालू की आवक की संभावना नहीं होने को देखते हुए भवन निर्माण कार्य करने वालों ने निर्माण कार्य बंद कर दिया है. अलबत्ता हजारों मजदूरों के समक्ष बेरोजगारी और रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है.
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