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पलक झपकते गायब हो जाता है मोबाइल

सावधान! शहर में मोबाइल चोर गिरोह सक्रिय पूर्णिया : अगर आप चार पहिया वाहन की सवारी कर रहे हैं, सड़क किनारे अपने वाहन को खड़ी कर उसमें अपनी मोबाइल छोड़ इर्द-गिर्द किसी कार्य में व्यस्त हैं तो तय है कि आप पर तीसरी निगाह लगी हुई है और आप जब तक वापस आयेंगे, तब तक […]

सावधान! शहर में मोबाइल चोर गिरोह सक्रिय

पूर्णिया : अगर आप चार पहिया वाहन की सवारी कर रहे हैं, सड़क किनारे अपने वाहन को खड़ी कर उसमें अपनी मोबाइल छोड़ इर्द-गिर्द किसी कार्य में व्यस्त हैं तो तय है कि आप पर तीसरी निगाह लगी हुई है और आप जब तक वापस आयेंगे, तब तक आपका मोबाइल आपके वाहन से गायब हो चुका होगा. चंद सेकेंड में यह सब कुछ इतनी तेजी से होता है कि जब तक आप समझ पायेंगे तब तक मोबाइल का स्वीच ऑफ होगा और वह ठिकाना लग चुका होगा.
मोबाइल उड़ाने के इस कारोबार में शहर में दो बड़ा गैंग सक्रिय है और सबसे हैरान करनी वाली बात यह है कि इसमें बाल और किशोरवय के अपराधी इस अपराध से जुड़े हुए हैं. यह अलग बात है कि इस गिरोह के संरक्षक आदतन अपराधी और सफेदपोश लोग हैं.
छोटे बच्चे हैं धंधे की रीढ़
सहायक खजांची थाना क्षेत्र का एक खास मुहल्ला मोबाइल चोरों की शरणस्थली बना हुआ है. बताया जाता है कि यहां करीब तीन दर्जन लोग इस कारोबार में सक्रिय हैं. इनमें 08 वर्ष से 12 वर्ष के बीच के दो दर्जन से अधिक बच्चे शामिल हैं. यह दीगर बात है कि स्थानीय पुलिस को भी गिरोह की पूरी जानकारी है, परंतु कार्रवाई के उपरांत जेल से छूट कर पुन: इस कारोबार में लोग सक्रिय हो जाते हैं.
तीन लेयर में घटना को देते हैं अंजाम
मोबाइल चोर गिरोह के पहले लेयर में बाल अपराधियों को जोड़ा गया है. ऐसा इसलिए कि छोटे-छोटे बच्चों पर लोगों को आसानी से शक नहीं होता है. ऐसे बच्चे मोबाइल चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद तेजी से चल कर लगभग 50 से 100 मीटर दूर खड़े दूसरे बच्चे को मोबाइल सौंप देता है.
इसके बाद उक्त बाल अपराधी ऑटो पकड़ कर वहां से निकल जाता है. तीसरे लेयर पर अन्य अपराधियों खड़ा रहता है, जो बाइक से लैस होता है. उक्त अपराधी मोबाइल लेने के बाद सबसे पहले उसका स्वीच ऑफ करता है और फिर उसके बाद सिम खोल कर फेंक देता है. इसके बाद मोबाइल को ठिकाने लगा देता है.
इन स्थानों पर है मोबाइल चोर गिरोह सक्रिय
मोबाइल चोर का गिरोह उन तमाम स्थानों पर सक्रिय है, जहां अक्सर भीड़-भाड़ लगती है. इसमें लाइन बाजार चौक, बस स्टैंड, खुश्कीबाग रेलवे स्टेशन, गुलाबबाग मंडी, शॉपिंग मॉल, भट्ठा बाजार, मधुबनी बाजार आदि स्थान शामिल हैं. दरअसल, अधिकांश लोगों के पास एक से अधिक मोबाइल होता है. ऐसे में लोग अक्सर एक मोबाइल वाहन में ही छोड़ कर खरीदारी में या फिर अन्य काम में व्यस्त हो जाते हैं.
ऐसा अक्सर इसलिए होता है कि लोगों को लगता है कि बस एक-दो मिनट में वे वापस आ जायेंगे. यही एक-दो मिनट चोर गिरोह के सदस्यों के लिए पर्याप्त साबित होता है.
कैसे हुआ खुलासा
केनगर थाना क्षेत्र के काझा गांव के त्रिपुरारि शर्मा जो गैस एजेंसी के संचालक भी है, की मोबाइल लाइन बाजार चौक से बीते दिनों उनके बोलेरो वाहन से एक 10 वर्ष का बच्चा लेकर फरार हो गया. चालक दीपक राय ने बच्चे को मोबाइल लेते देख लिया. पीछा करने पर वह बच्चा एक ऑटो पर बैठ कर बस स्टैंड की ओर चल पड़ा. बच्चे पकड़ में नहीं आने के बाद घटना की सूचना सहायक खजांची पुलिस को दी गयी.
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर कई लोगों से संपर्क करने व पुलिसिया दबाव के उपरांत शाम में मोबाइल वापस कर दिया गया. पुलिस की गिरफ्त से बचाने के लिए चोरी में संलिप्त बच्चे ने गिरोह के कारनामे का उजागर किया. इसी दौरान स्पष्ट हुआ कि मोहरा भले ही छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन गिरोह का संचालन कई पुराने अपराधी और सफेदपोश कर रहे हैं.

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